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पौड़ी में गहराने लगा पेयजल संकट, हैंडपंप का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

उत्तराखंड के पहाड़ी जिले में हर साल ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है. इस बार भी ग्रामीण इलाकों में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है. पौड़ी जिले के यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में पेयजल संकट गहराने लगा है. ग्रामीण गंदा पानी पीने का मजबूर हैं.

Drinking water crisis in Birmoli village
गंदा पानी पीने का मजबूर ग्रामीण
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Published : May 10, 2022, 4:16 PM IST

कोटद्वार: पौड़ी जिले के यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट भी गहराने लगा है. द्वारीखाल ब्लॉक में बिरमोली गांव की मरोड़ी तोक व कुड़ल खेत में ग्रामीण हैंडपंप का गंदा पानी पीने का मजबूर हैं. बीते दिनों हुई वनाग्नि की घटनाओं के कारण इलाके से ज्यादातर प्राकृतिक पेयजल स्रोत सूख गये हैं, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में भैरोंगढ़ी और सनेता पेयजल योजना की लाइन तो बिछी तो है, लेकिन पाइपों में पानी नहीं आ रहा है. ग्रामीणों इस बारे में कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन भी दे चुके हैं, लेकिन गांव वालों की सुनने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों का आधा समय पानी लाने-जाने में बीत रहा है.
पढ़ें- मांडुवाला नौगांव में पानी की किल्लत, ग्रामीणों ने किया पेयजल निगम कार्यालय का घेराव

वहीं, इस बारे में ब्लॉक अधिकारी बताया कि जल निगम के अधिकारियों से वार्ता हुई है, दो दिनों के अंदर ग्रामीणों की पेयजलापूर्ति सुचारू कर दी जाएगी. अगर, दो दिनों में पेयजलापूर्ति सुचारू नहीं हुई तो जल संस्थान कोटद्वार द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पेयजल टैंकर की व्यवस्था की जाएगी.

कोटद्वार: पौड़ी जिले के यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट भी गहराने लगा है. द्वारीखाल ब्लॉक में बिरमोली गांव की मरोड़ी तोक व कुड़ल खेत में ग्रामीण हैंडपंप का गंदा पानी पीने का मजबूर हैं. बीते दिनों हुई वनाग्नि की घटनाओं के कारण इलाके से ज्यादातर प्राकृतिक पेयजल स्रोत सूख गये हैं, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में भैरोंगढ़ी और सनेता पेयजल योजना की लाइन तो बिछी तो है, लेकिन पाइपों में पानी नहीं आ रहा है. ग्रामीणों इस बारे में कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन भी दे चुके हैं, लेकिन गांव वालों की सुनने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों का आधा समय पानी लाने-जाने में बीत रहा है.
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वहीं, इस बारे में ब्लॉक अधिकारी बताया कि जल निगम के अधिकारियों से वार्ता हुई है, दो दिनों के अंदर ग्रामीणों की पेयजलापूर्ति सुचारू कर दी जाएगी. अगर, दो दिनों में पेयजलापूर्ति सुचारू नहीं हुई तो जल संस्थान कोटद्वार द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पेयजल टैंकर की व्यवस्था की जाएगी.

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