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पौड़ी में मारपीट के विरोध में डॉक्टरों ने बंद रखी ओपीडी, इलाज के लिए भटकते रहे मरीज

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Published : Mar 2, 2022, 5:26 PM IST

Updated : Mar 2, 2022, 8:10 PM IST

जिला अस्पताल पौड़ी में तैनात डॉक्टरों से पीजी हॉस्टल में हुई मारपीट के विरोध में बुधवार को ओपीडी बंद रखी. जिसका खामियाजा दूर दराज से इलाज कराने पहुंचे मरीजों को भुगतना पड़ा. इस घटना के बाद डॉक्टरों ने किराए के हॉस्टल को खाली कर दिया है.

Doctors closed OPD in protest against the assault
जिला अस्पताल पौड़ी

पौडीः जिला अस्पताल पौड़ी में तैनात डॉक्टरों से पीजी हॉस्टल में मारपीट का मामला तूल पकड़ने लगा है. मारपीट के विरोध में डॉक्टरों ने आज अस्पताल में ओपीडी का संचालन बंद कर दिया. जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. खासकर दूर दराज के इलाकों से इलाज कराने पहुंचे मरीजों को परेशानी हुई.

गौर हो कि बीते 27 फरवरी यानी रविवार देर रात को पौड़ी जिला अस्पताल के डॉक्टरों से पीजी हॉस्टल में कथित मारपीट का मामला सामने आया था. आरोप था कि पीजी गेस्ट संचालक ने लाठी से डॉक्टरों के साथ मारपीट की. डाक्टरों की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने पीजी संचालक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया. बता दें कि जिला अस्पताल पौड़ी करीब एक साल से पीपीपी मोड में संचालित हो रहा है.

मारपीट के विरोध में डॉक्टरों ने बंद रखी ओपीडी.

ये भी पढ़ेंः पौड़ी में PG संचालक और डॉक्टर के बीच हाथापाई, मुकदमा दर्ज

वहीं, मकान मालिक गुंजन नेगी ने डाक्टरों पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आए दिन डाक्टरों की ओर से नशे में चूर होकर शोर मचाया जाता है. जिससे उनके स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को डाक्टरों के कारमानों की पहले भी जानकारी उपलब्ध कराई गई. बावजूद इसके डाक्टरों की हरकतें सही नहीं हुईं.

बुधवार को डॉक्टरों के साथ मारपीट के विरोध में जिला अस्पताल की ओपीडी बंद रखी गई. हालांकि, इस दौरान आपातकालीन सेवाएं खुली रही. अस्पताल प्रबंधन ने मेन गेट पर ओपीडी बंद की सूचना भी चस्पा की हुई थी. पीपीपी मोड के चिकित्सालय के एमएस डॉक्टर पीके जैन की मानें तो डॉक्टरों ने इस मामले में अपना विरोध दर्ज करवाया है. जिसके कारण बुधवार को डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठे. प्रबंधन ने इस मामले में कोतवाली में भी तहरीर दी है.

ये भी पढ़ेंः चमोली में डॉक्टरों का इस्तीफा देने का सिलसिला जारी, ऐसे सुधरेगी स्वास्थ्य व्यवस्था?

डॉ. पीके जैन के मुताबिक, डॉक्टरों के ठहरने के लिए एक हॉस्टल किराए पर लिया गया है. जिसमें बीती शनिवार की रात भवन स्वामी की ओर से 4 डाक्टरों के साथ मारपीट का मामला सामने आया. इस घटना के बाद किराए के हॉस्टल को भी खाली कर दिया गया है. घटना को लेकर सीएमओ और जिलाधिकारी को भी अवगत करा दिया गया है. साथ ही बताया कि गुरुवार से अस्पताल सुचारू रूप से चलेगा.

ओपीडी बंद होने के बाद मरीजों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी. जिला मुख्यालय से सटे विभिन्न गांवों के लोगों को डाक्टरों के कार्य बहिष्कार का हरजाना भुगतना पड़ा. बुधवार को कंडारा गांव से शिवानी अपने पिता शैलेंद्र सिंह के साथ पौड़ी जिला अस्पताल पहुंचीं तो उन्होंने बताया कि फिजिशियन को दिखाने के लिए सुबह ओपीडी का पर्चा बनाया, लेकिन कुछ देर बाद पता चला कि डाक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते आज ओपीडी बंद कर दी गई है. बिना पूर्व जानकारी के इस प्रकार के कार्य बहिष्कार से उन्हें अब बैरंग ही लौटना पडे़गा.

स्वास्थ्य व्यवस्थाएं हुई बदत्तरः पब्लिक प्राइवेट पाटर्नशिप यानी पीपीपी मोड पर जाने के बाद से ही कई बार जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधरने के बजाय और बदत्तर हुई हैं. पीपीपी मोड पर संचालन को लेकर अभी महज एक साल का समय हुआ है. इस एक साल के भीतर ही अस्पताल के संचालन को लेकर लोगों और डाक्टरों में कई विवाद हो चुके हैं. आलम यह है कि लोगों को श्रीनगर और देहरादून की दौड़ लगानी पड़ती है. यहां स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर साफ सफाई और स्टाफ बढ़ा दिया है, लेकिन विशेषज्ञ डाक्टरों की आज भी कमी है.

ये भी पढ़ेंः पौड़ी जिला अस्पताल में कर्मचारी लगा रहे 'मंडाण', डांस का वीडियो वायरल

कई बार चर्चाओं में रहा अस्पतालः पूर्व में भी पौड़ी का पीपीपी मोड का अस्पताल काफी चर्चाओं में रहा, लेकिन इस बार अस्पताल डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर माहौल गरम नजर आ रहा है. इससे पहले जिला अस्पताल एक गर्भवती महिला के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करने के अलावा अस्पताल के स्टाफ का डयूटी के समय नाचते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल होने को लेकर भी चर्चाओं में आया था.

इतना ही नहीं कई बार तीमारदारों ने एमरजेंसी में तैनात डाक्टरों व स्टाफ पर बदसलूकी करने की भी बात कही. वहीं, शहरवासी सोनू ने बताया कि सुबह से पर्चा बना कर डॉक्टरों के कक्षों के चक्कर काट रहा हैं, लेकिन इलाज नहीं मिल रहा है. डॉक्टरों की बिना पूर्व जानकारी के कार्य बहिष्कार सही नहीं है. उन्होंने इसे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही बताया.

ये भी पढ़ेंः देहरादून मैक्स अस्पताल का कमाल, पहली बार इस तकनीक से किया मरीज का सफल ऑपरेशन

पौडीः जिला अस्पताल पौड़ी में तैनात डॉक्टरों से पीजी हॉस्टल में मारपीट का मामला तूल पकड़ने लगा है. मारपीट के विरोध में डॉक्टरों ने आज अस्पताल में ओपीडी का संचालन बंद कर दिया. जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. खासकर दूर दराज के इलाकों से इलाज कराने पहुंचे मरीजों को परेशानी हुई.

गौर हो कि बीते 27 फरवरी यानी रविवार देर रात को पौड़ी जिला अस्पताल के डॉक्टरों से पीजी हॉस्टल में कथित मारपीट का मामला सामने आया था. आरोप था कि पीजी गेस्ट संचालक ने लाठी से डॉक्टरों के साथ मारपीट की. डाक्टरों की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने पीजी संचालक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया. बता दें कि जिला अस्पताल पौड़ी करीब एक साल से पीपीपी मोड में संचालित हो रहा है.

मारपीट के विरोध में डॉक्टरों ने बंद रखी ओपीडी.

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वहीं, मकान मालिक गुंजन नेगी ने डाक्टरों पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आए दिन डाक्टरों की ओर से नशे में चूर होकर शोर मचाया जाता है. जिससे उनके स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को डाक्टरों के कारमानों की पहले भी जानकारी उपलब्ध कराई गई. बावजूद इसके डाक्टरों की हरकतें सही नहीं हुईं.

बुधवार को डॉक्टरों के साथ मारपीट के विरोध में जिला अस्पताल की ओपीडी बंद रखी गई. हालांकि, इस दौरान आपातकालीन सेवाएं खुली रही. अस्पताल प्रबंधन ने मेन गेट पर ओपीडी बंद की सूचना भी चस्पा की हुई थी. पीपीपी मोड के चिकित्सालय के एमएस डॉक्टर पीके जैन की मानें तो डॉक्टरों ने इस मामले में अपना विरोध दर्ज करवाया है. जिसके कारण बुधवार को डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठे. प्रबंधन ने इस मामले में कोतवाली में भी तहरीर दी है.

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डॉ. पीके जैन के मुताबिक, डॉक्टरों के ठहरने के लिए एक हॉस्टल किराए पर लिया गया है. जिसमें बीती शनिवार की रात भवन स्वामी की ओर से 4 डाक्टरों के साथ मारपीट का मामला सामने आया. इस घटना के बाद किराए के हॉस्टल को भी खाली कर दिया गया है. घटना को लेकर सीएमओ और जिलाधिकारी को भी अवगत करा दिया गया है. साथ ही बताया कि गुरुवार से अस्पताल सुचारू रूप से चलेगा.

ओपीडी बंद होने के बाद मरीजों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी. जिला मुख्यालय से सटे विभिन्न गांवों के लोगों को डाक्टरों के कार्य बहिष्कार का हरजाना भुगतना पड़ा. बुधवार को कंडारा गांव से शिवानी अपने पिता शैलेंद्र सिंह के साथ पौड़ी जिला अस्पताल पहुंचीं तो उन्होंने बताया कि फिजिशियन को दिखाने के लिए सुबह ओपीडी का पर्चा बनाया, लेकिन कुछ देर बाद पता चला कि डाक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते आज ओपीडी बंद कर दी गई है. बिना पूर्व जानकारी के इस प्रकार के कार्य बहिष्कार से उन्हें अब बैरंग ही लौटना पडे़गा.

स्वास्थ्य व्यवस्थाएं हुई बदत्तरः पब्लिक प्राइवेट पाटर्नशिप यानी पीपीपी मोड पर जाने के बाद से ही कई बार जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधरने के बजाय और बदत्तर हुई हैं. पीपीपी मोड पर संचालन को लेकर अभी महज एक साल का समय हुआ है. इस एक साल के भीतर ही अस्पताल के संचालन को लेकर लोगों और डाक्टरों में कई विवाद हो चुके हैं. आलम यह है कि लोगों को श्रीनगर और देहरादून की दौड़ लगानी पड़ती है. यहां स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर साफ सफाई और स्टाफ बढ़ा दिया है, लेकिन विशेषज्ञ डाक्टरों की आज भी कमी है.

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कई बार चर्चाओं में रहा अस्पतालः पूर्व में भी पौड़ी का पीपीपी मोड का अस्पताल काफी चर्चाओं में रहा, लेकिन इस बार अस्पताल डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर माहौल गरम नजर आ रहा है. इससे पहले जिला अस्पताल एक गर्भवती महिला के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करने के अलावा अस्पताल के स्टाफ का डयूटी के समय नाचते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल होने को लेकर भी चर्चाओं में आया था.

इतना ही नहीं कई बार तीमारदारों ने एमरजेंसी में तैनात डाक्टरों व स्टाफ पर बदसलूकी करने की भी बात कही. वहीं, शहरवासी सोनू ने बताया कि सुबह से पर्चा बना कर डॉक्टरों के कक्षों के चक्कर काट रहा हैं, लेकिन इलाज नहीं मिल रहा है. डॉक्टरों की बिना पूर्व जानकारी के कार्य बहिष्कार सही नहीं है. उन्होंने इसे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही बताया.

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Last Updated : Mar 2, 2022, 8:10 PM IST
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