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श्रीनगर: अस्पतालों में कहीं डॉक्टरों का टोटा तो कहीं बेड नहीं, प्रसूताओं को हो रही परेशानी - उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था बहाल

श्रीनगर में गर्भवती महिलाओं को परेशानियां झेलनी पड़ रही है. कई जिलों से डिलीवरी करवाने श्रीनगर पहुंच रही महिलाओं को देहरादून या ऋषिकेश रेफर किया जा रहा है. जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Problems of pregnant women in Srinagar
प्रसूताओं को हो रही परेशानी.
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Published : Aug 2, 2021, 10:12 AM IST

Updated : Aug 2, 2021, 10:42 AM IST

श्रीनगर: उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी जनपदों से डिलीवरी करवाने श्रीनगर पहुंच रही महिलाओं को देहरादून या ऋषिकेश रेफर किया जा रहा है. जबकि, मेडिकल कॉलेज में खुद का गायनी विभाग है. लेकिन डॉक्टर के छुट्टी पर जाने के चलते मेडिकल कॉलेज का गायनी विभाग ठप पड़ गया है. मेडिकल कॉलेज से गर्भवती महिलाओं को संयुक्त अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है. तो सयुक्त अस्पताल में बेड की कमी महिलाओं के इलाज में अड़चन पैदा कर रही है.

वहीं, मजबूरन संयुक्त अस्पताल को मरीजों को गायनी के बाहर बेड लगा कर इलाज देना पड़ रहा है. कई मरीजों को तो एक ही बेड पर दो-दो को एडमिट किया गया है. रुद्रप्रयाग फाटा से एक गर्भवती महिला को रेफर कर मेडिकल कॉलेज भेजा गया. जहां से महिला को पौड़ी रेफर किया गया. महिला फिर संयुक्त अस्पताल पहुंची.

अस्पतालों में कहीं डॉक्टरों का टोटा तो कहीं बेड नहीं.

महिला ने बताया कि अस्पतालों के चक्कर काट-काटकर वे काफी परेशानी हो गई हैं. गर्भवती महिला की सास ने बताया कि बहू की डिलीवरी के लिए गोचर चमोली से श्रीनगर पहुंचीं हैं. महिला को पिछले दो दिनों से श्रीनगर के किसी अस्पताल में एक बेड तक नसीब नहीं हुआ.

पढ़ें: जनता के हित जो होगा उस पर लाएंगे कानून, देवस्थानम बोर्ड और भू-कानून पर बोले CM धामी

संयुक्त अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉ. लोकेश सलूजा ने बताया कि उनके अस्पताल में कुल 52 बेड की कैपेसिटी है. लेकिन वह कैपेसिटी से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कर रहे है. मजबूरन गर्भवती महिलाओं को रेफर करना पड़ रहा है. अस्पताल में हर रोज एक डॉक्टर के सहारे 10 डिलीवरी की जा रही है.

श्रीनगर: उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी जनपदों से डिलीवरी करवाने श्रीनगर पहुंच रही महिलाओं को देहरादून या ऋषिकेश रेफर किया जा रहा है. जबकि, मेडिकल कॉलेज में खुद का गायनी विभाग है. लेकिन डॉक्टर के छुट्टी पर जाने के चलते मेडिकल कॉलेज का गायनी विभाग ठप पड़ गया है. मेडिकल कॉलेज से गर्भवती महिलाओं को संयुक्त अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है. तो सयुक्त अस्पताल में बेड की कमी महिलाओं के इलाज में अड़चन पैदा कर रही है.

वहीं, मजबूरन संयुक्त अस्पताल को मरीजों को गायनी के बाहर बेड लगा कर इलाज देना पड़ रहा है. कई मरीजों को तो एक ही बेड पर दो-दो को एडमिट किया गया है. रुद्रप्रयाग फाटा से एक गर्भवती महिला को रेफर कर मेडिकल कॉलेज भेजा गया. जहां से महिला को पौड़ी रेफर किया गया. महिला फिर संयुक्त अस्पताल पहुंची.

अस्पतालों में कहीं डॉक्टरों का टोटा तो कहीं बेड नहीं.

महिला ने बताया कि अस्पतालों के चक्कर काट-काटकर वे काफी परेशानी हो गई हैं. गर्भवती महिला की सास ने बताया कि बहू की डिलीवरी के लिए गोचर चमोली से श्रीनगर पहुंचीं हैं. महिला को पिछले दो दिनों से श्रीनगर के किसी अस्पताल में एक बेड तक नसीब नहीं हुआ.

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संयुक्त अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉ. लोकेश सलूजा ने बताया कि उनके अस्पताल में कुल 52 बेड की कैपेसिटी है. लेकिन वह कैपेसिटी से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कर रहे है. मजबूरन गर्भवती महिलाओं को रेफर करना पड़ रहा है. अस्पताल में हर रोज एक डॉक्टर के सहारे 10 डिलीवरी की जा रही है.

Last Updated : Aug 2, 2021, 10:42 AM IST
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