पौड़ी: बीते महीने बरसात से यमकेश्वर ब्लॉक में भारी नुकसान हुआ. जिसके बाद अब लोगों ने प्रशासन को अपनी यथास्थिति बताई. कहा कि भारी बरसात से लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ा है. साथ ही मूलभूत सुविधाओं से लोगों को आए दिन जूझना पड़ रहा है. वहीं लोगों ने यमकेश्वर में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए भूगर्भीय सर्वे करने की मांग उठाई है.
डीएम डॉ. आशीष चौहान ने यमकेश्वर पहुंचकर लोगों की समस्याओं को सुना. जिसमें लोगों ने सौ से अधिक समस्याएं डीएम के समक्ष रखी. लोगों ने डीएम को बताया कि भारी बरसात के चलते से आवासीय भवनों को भारी नुकसान पहुंचा है. इतना ही नहीं पैदल रास्तों, सड़क मार्गों, सुरक्षा दीवार, पुश्ते, विभिन्न पेयजल लाइनें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई.यमकेश्वर में हुई क्षति का आकलन लेने पहुंचे डीएम डॉ. आशीष चौहान से लोगों ने बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य आदि की विभिन्न समस्याएं रखीं. कहा कि बरसात से क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचा है. कहा कि बरसात से गुमाल गांव के गदेरे के पैदल पुल के बह गया.
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वीरकाटल गांव में पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त, बड़कोट-बुधौली पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त, डांगर के सतेही नदी में झूला पुल टूटने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं पेयजल लाइनों को क्षतिग्रस्त होने से जीआईसी पोखरखाल में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. बारिश से जीआईसी बुखंडी का भवन क्षतिग्रस्त हो गया है. लोगों ने डीएम से यमकेश्वर क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वे करवाने की मांग उठाई.अगस्त माह में भारी बारिश से हुए नुकसान के बाद अब प्रशासन के समक्ष पुनर्वास के लिए बड़ी चुनौती है. प्रशासन की मानें तो बारिश से जिले में आज भी एक दर्जन पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हैं. जिसमें यमकेश्वर क्षेत्र की 4 लाइनें शामिल हैं. जयहरीखाल की 7 व दुगड्डा की दो योजनाएं क्षतिग्रस्त हैं. जबकि जिले में 21 मोटर मार्ग यातायात के लिए पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं.