ETV Bharat / state

गंगा तट पर शराब ठेका खोले जाने को लेकर ठेकेदार की मनमानी, जानिए क्या है मामला

पौड़ी जनपद में गंगा नदी के तट पर सरकारी शराब ठेका (government sharab theka) खोले जाने को लेकर प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है. दरअसल, अक्टूबर महीने में हुए सरकारी शराब ठेके के आवंटन के तीन महीने बाद भी अनुज्ञापी जमीन की व्यवस्था नहीं कर पाया है. अब करीब ढाई महीने बाद अनुज्ञापी ने वन विभाग की जमीन पर शराब ठेका खोले जाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

author img

By

Published : Dec 17, 2021, 10:40 AM IST

Updated : Jan 18, 2022, 1:10 PM IST

pauri sharab in Pauri
शराब ठेका न्यूज

पौड़ी/ऋषिकेश: पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लॉक में गंगा नदी के तट पर सरकारी शराब ठेका खोले जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. गुरुवार को भूमि का चयन करने के लिए बैराज पुल पर पहुंची पीडब्ल्यूडी (PWD), राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों से अनुज्ञापी की जमकर बहस हो गई. मामला इतना बढ़ गया कि अनुज्ञापी ने बिना इजाजत बैराज पुल के बगल में खाली पड़ी भूमि पर मजदूरों से गड्ढे खुदवाने शुरू कर दिए. विवाद बढ़ने पर मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस ने नसीहत देते हुए शांतिपूर्ण तरीके से समस्या का समाधान करने को कहा. करीब 3 घंटे तक बहस के बाद अनुज्ञापी को बिना ठेका खोले बैरंग लौटना पड़ा.

जिलाधिकारी पौड़ी ने दिए हैं भूमि चयन के आदेश: पौड़ी जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे (Pauri DM Dr. Vijay Kumar Jogdande) ने शराब का ठेका खोलने के लिए बैराज पुल के बगल में खाली पड़ी भूमि के चयन के लिए पीडब्ल्यूडी राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जाए और उनको रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए कि आखिरकार जमीन पर किसका स्वामित्व है.

गंगा तट पर शराब ठेका खोले जाने को लेकर ठेकेदार की मनमानी.

जिलाधिकारी के आदेश पर शुक्रवार की दोपहर करीब तीन बजे अधिकारियों की टीम बैराज पुल पर पहुंची. इस दौरान सभी अधिकारियों ने जमीन से संबंधित अपने-अपने दस्तावेज एक दूसरे-को दिखाने शुरू किए. मौके पर अनुज्ञापी सुमंत बंसल भी पहुंच गया. अधिकारियों की बातचीत अभी खत्म भी नहीं हुई कि सुमंत बंसल ने अधिकारियों के साथ जल्द से जल्द बातचीत कर ठेका खोलने के लिए भूमि पर निशान लगाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया.

पढे़ं- STF के हत्थे चढ़ा इनामी बदमाश अर्पित सिंह, पिछले 11 महीन से पुलिस को दे रहा था चकमा

अनुज्ञापी ने किया हंगामा: अधिकारियों ने अनुज्ञापी सुमंत बंसल से धैर्य रखने की बात कही तो अनुज्ञापी का पारा चढ़ गया और उसने अपने मजदूरों से बिना निशान के ही गड्ढे खुदवाने शुरू कर दिए. अधिकारियों के कहने पर भी जब अनुज्ञापी नहीं माना तो मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा. पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर का ख्याल रखते हुए शांतिपूर्ण तरीके से समस्या का समाधान करने की हिदायत अनुज्ञापी को दी है.

पीडब्ल्यूडी लक्ष्मण झूला के सहायक अभियंता वीपी उनियाल (PWD Assistant Engineer VP Uniyal) ने बताया कि यह जमीन साल 1987 में निर्माण कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी को वन विभाग से हस्तांतरित हुई थी, जो निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सशर्त स्वत: ही वन विभाग के स्वामित्व में वापस चली गई. पीडब्ल्यूडी इस मामले में अपनी ओर से कोई एनओसी नहीं दे सकता.

वन विभाग गोहरी रेंज के रेंजर धीर सिंह का कहना है कि जमीन पर वन विभाग का स्वामित्व है. यहां राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के नियमों के तहत किसी भी प्रकार की मानव गतिविधियां संचालित नहीं हो सकती. ऐसे में शराब का ठेका संबंधित भूमि पर खोला जाना संभव नहीं है.

उन्होंने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के डायरेक्टर ने इस संबंध में जिलाधिकारी पौड़ी से वार्ता कर ली है. एक पत्र भी जिलाधिकारी को इस बाबत भेज दिया गया है. यदि अनुज्ञापी जबरदस्ती भूमि पर कब्जा करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ फिर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला: अक्टूबर महीने में ही सुमंत बंसल के नाम पर शराब के ठेके का आवंटन हुआ था. आवंटन में साफ तौर पर लिखा था कि अनुज्ञापी को शराब ठेके लिए जमीन की व्यवस्था खुद ही करनी पड़ेगी. अगर एक महीने के भीतर शराब ठेका नहीं खोला गया तो आवंटन स्वतः ही निरस्त हो जाएगा. अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर करीब ढाई महीने का समय बीतने के बाद भी आवंटन निरस्त क्यों नहीं किया गया ? इस पर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालों के घेरे में है.

पौड़ी/ऋषिकेश: पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लॉक में गंगा नदी के तट पर सरकारी शराब ठेका खोले जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. गुरुवार को भूमि का चयन करने के लिए बैराज पुल पर पहुंची पीडब्ल्यूडी (PWD), राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों से अनुज्ञापी की जमकर बहस हो गई. मामला इतना बढ़ गया कि अनुज्ञापी ने बिना इजाजत बैराज पुल के बगल में खाली पड़ी भूमि पर मजदूरों से गड्ढे खुदवाने शुरू कर दिए. विवाद बढ़ने पर मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस ने नसीहत देते हुए शांतिपूर्ण तरीके से समस्या का समाधान करने को कहा. करीब 3 घंटे तक बहस के बाद अनुज्ञापी को बिना ठेका खोले बैरंग लौटना पड़ा.

जिलाधिकारी पौड़ी ने दिए हैं भूमि चयन के आदेश: पौड़ी जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे (Pauri DM Dr. Vijay Kumar Jogdande) ने शराब का ठेका खोलने के लिए बैराज पुल के बगल में खाली पड़ी भूमि के चयन के लिए पीडब्ल्यूडी राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जाए और उनको रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए कि आखिरकार जमीन पर किसका स्वामित्व है.

गंगा तट पर शराब ठेका खोले जाने को लेकर ठेकेदार की मनमानी.

जिलाधिकारी के आदेश पर शुक्रवार की दोपहर करीब तीन बजे अधिकारियों की टीम बैराज पुल पर पहुंची. इस दौरान सभी अधिकारियों ने जमीन से संबंधित अपने-अपने दस्तावेज एक दूसरे-को दिखाने शुरू किए. मौके पर अनुज्ञापी सुमंत बंसल भी पहुंच गया. अधिकारियों की बातचीत अभी खत्म भी नहीं हुई कि सुमंत बंसल ने अधिकारियों के साथ जल्द से जल्द बातचीत कर ठेका खोलने के लिए भूमि पर निशान लगाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया.

पढे़ं- STF के हत्थे चढ़ा इनामी बदमाश अर्पित सिंह, पिछले 11 महीन से पुलिस को दे रहा था चकमा

अनुज्ञापी ने किया हंगामा: अधिकारियों ने अनुज्ञापी सुमंत बंसल से धैर्य रखने की बात कही तो अनुज्ञापी का पारा चढ़ गया और उसने अपने मजदूरों से बिना निशान के ही गड्ढे खुदवाने शुरू कर दिए. अधिकारियों के कहने पर भी जब अनुज्ञापी नहीं माना तो मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा. पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर का ख्याल रखते हुए शांतिपूर्ण तरीके से समस्या का समाधान करने की हिदायत अनुज्ञापी को दी है.

पीडब्ल्यूडी लक्ष्मण झूला के सहायक अभियंता वीपी उनियाल (PWD Assistant Engineer VP Uniyal) ने बताया कि यह जमीन साल 1987 में निर्माण कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी को वन विभाग से हस्तांतरित हुई थी, जो निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सशर्त स्वत: ही वन विभाग के स्वामित्व में वापस चली गई. पीडब्ल्यूडी इस मामले में अपनी ओर से कोई एनओसी नहीं दे सकता.

वन विभाग गोहरी रेंज के रेंजर धीर सिंह का कहना है कि जमीन पर वन विभाग का स्वामित्व है. यहां राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के नियमों के तहत किसी भी प्रकार की मानव गतिविधियां संचालित नहीं हो सकती. ऐसे में शराब का ठेका संबंधित भूमि पर खोला जाना संभव नहीं है.

उन्होंने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के डायरेक्टर ने इस संबंध में जिलाधिकारी पौड़ी से वार्ता कर ली है. एक पत्र भी जिलाधिकारी को इस बाबत भेज दिया गया है. यदि अनुज्ञापी जबरदस्ती भूमि पर कब्जा करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ फिर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला: अक्टूबर महीने में ही सुमंत बंसल के नाम पर शराब के ठेके का आवंटन हुआ था. आवंटन में साफ तौर पर लिखा था कि अनुज्ञापी को शराब ठेके लिए जमीन की व्यवस्था खुद ही करनी पड़ेगी. अगर एक महीने के भीतर शराब ठेका नहीं खोला गया तो आवंटन स्वतः ही निरस्त हो जाएगा. अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर करीब ढाई महीने का समय बीतने के बाद भी आवंटन निरस्त क्यों नहीं किया गया ? इस पर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालों के घेरे में है.

Last Updated : Jan 18, 2022, 1:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.