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लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कांग्रेस ने राज्य सरकार पर लगाया आरोप

लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद कोटद्वार में राजनीति गरमाने लगी है. कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

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Published : Jul 31, 2019, 10:23 AM IST

Updated : Jul 31, 2019, 11:59 AM IST

लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर सियासत.

कोटद्वार: लैंसडाउन वन प्रभाग के लालढांग रेंज में बनने वाले मोटर मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, जिसके बाद कोटद्वार में राजनीति गरमाने लगी है. कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार इस मार्ग के निर्माण को लेकर जनता को लगातार गुमराह कर रही है.

लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर सियासत.

बता दें कि लैंसडाउन वन प्रभाग के लालढांग-चिल्लरखाल के बीच 11 किलोमीटर मोटर मार्ग का निर्माण किया जाना था. लेकिन राज्य सरकार की खामियों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी है.

वहीं, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पूरे उत्तराखंड की लाइफ लाइन है. यह मार्ग दोनों मंडलों को जोड़ने वाला एकमात्र मोटर मार्ग है, जिससे राजधानी और हाई कोर्ट की दूरी बहुत कम हो जाती लेकिन राज्य सरकार के कुछ जनप्रतिनिधियों ने इस मार्ग को ट्विस्ट करने की कोशिश की और आज स्थिति ये है कि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी गई है.

पढ़ें: डेंगू के 12 और मरीज आए सामने, डीएम ने बुलाई आपात बैठक

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. क्षेत्र की जनता की मांग है कि लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग बनना चाहिए. अगर इस मार्ग के निर्माण के लिए क्षेत्र की जनता को आंदोलन भी करना पड़े तो जनता पीछे नहीं हटेगी.

लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग की कहानी
साल 2007-2012 में भुवन चंद्र खंडूड़ी के शासनकाल में लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग को लेकर पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने कवायद शुरू की थी, लेकिन मार्ग का निर्माण नहीं हो सका. उसके बाद 2012-2017 में विजय बहुगुणा और हरीश रावत के शासनकाल में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने इस सड़क के निर्माण की डीपीआर तैयार कर निर्माण की कवायद शुरू की, लेकिन मार्ग का नहीं हुआ. वहीं, साल 2017 में त्रिवेंद्र रावत के शासनकाल में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस मार्ग का निर्माण कार्य शुरू करवाया, लेकिन खामियों के चलते सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी.

कोटद्वार: लैंसडाउन वन प्रभाग के लालढांग रेंज में बनने वाले मोटर मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, जिसके बाद कोटद्वार में राजनीति गरमाने लगी है. कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार इस मार्ग के निर्माण को लेकर जनता को लगातार गुमराह कर रही है.

लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर सियासत.

बता दें कि लैंसडाउन वन प्रभाग के लालढांग-चिल्लरखाल के बीच 11 किलोमीटर मोटर मार्ग का निर्माण किया जाना था. लेकिन राज्य सरकार की खामियों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी है.

वहीं, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पूरे उत्तराखंड की लाइफ लाइन है. यह मार्ग दोनों मंडलों को जोड़ने वाला एकमात्र मोटर मार्ग है, जिससे राजधानी और हाई कोर्ट की दूरी बहुत कम हो जाती लेकिन राज्य सरकार के कुछ जनप्रतिनिधियों ने इस मार्ग को ट्विस्ट करने की कोशिश की और आज स्थिति ये है कि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी गई है.

पढ़ें: डेंगू के 12 और मरीज आए सामने, डीएम ने बुलाई आपात बैठक

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. क्षेत्र की जनता की मांग है कि लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग बनना चाहिए. अगर इस मार्ग के निर्माण के लिए क्षेत्र की जनता को आंदोलन भी करना पड़े तो जनता पीछे नहीं हटेगी.

लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग की कहानी
साल 2007-2012 में भुवन चंद्र खंडूड़ी के शासनकाल में लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग को लेकर पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने कवायद शुरू की थी, लेकिन मार्ग का निर्माण नहीं हो सका. उसके बाद 2012-2017 में विजय बहुगुणा और हरीश रावत के शासनकाल में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने इस सड़क के निर्माण की डीपीआर तैयार कर निर्माण की कवायद शुरू की, लेकिन मार्ग का नहीं हुआ. वहीं, साल 2017 में त्रिवेंद्र रावत के शासनकाल में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस मार्ग का निर्माण कार्य शुरू करवाया, लेकिन खामियों के चलते सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी.

Intro:summary लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद कोटद्वार में राजनीति गलियां गर्म होने शुरू हो गए हैं कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने पर लगी है, स्थानीय जनता सड़कों पर उतरने की बात कह रही है।

intro लैंसडौन वन प्रभाग के लालढांग रेंज के अंतर्गत लालढांग चिल्लर खाल के बीच 11किलोमीटर वन मोटर मार्ग के निर्माण पर राज्य सरकार की खामियों के बाद सुप्रीम कोर्ट रोक लगा दी, जिसके बाद कोटद्वार में राजनीतिक गलियां गरम होनी शुरू हो गई है,कांग्रेसी इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की जुगत कर रही है, आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार कंडी रोड के निर्माण को लेकर जनता को लगातार 2 वर्षों से गुमराह करती आ रही है,स्थानीय जनता ने सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने का मन बना लिया है।


Body:वीओ1- बता दें कि राज्य बनने के बाद से ही लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग पर कांग्रेस भाजपा राजनीति कर जनता को गुमराह करती आ रही है, यह बताना भी जरूरी है जब सत्ताधारी सरकार ने लालढांग चिलारखल मोटर मार्ग को लेकर जनता को गुमराह किया है वह सरकार अगली बार सत्ते की कुर्शी से बहुत दूर रही।

आंकडो के मुताबिक मार्ग की कहानी.....

2007 -2012 में भुवन चंद खंडूरी के शासनकाल में लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग को लेकर पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने कवायद शुरू करी थी, लेकिन मार्ग का निर्माण नहीं हो सका, उसके बाद 2012-2017 में विजय बहुगुणा व हरीश रावत के शासनकाल में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने इस सड़क के निर्माण की डीपीआर तैयार कर निर्माण की कवायद शुरू करी थी लेकिन सत्ता में रहते मार्ग का निर्माण नहीं करवा सके,
2017 में त्रिवेंद्र सरकार के शासनकाल में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस मार्ग का निर्माण कार्य शुरू करवाया था लेकिन भारी खामियों के चलते सुप्रीम कोर्ट ने इस मार्ग पर रोक लगा दी।





Conclusion:वीओ2- वहीं पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग पूरे उत्तराखंड की लाइफ लाइन है, दोनों मंडलों को जोड़ने वाला एकमात्र मोटर मार्ग था, जिससे की राजधानी और हाईकोर्ट की दूरी बहुत कम हो जाती लेकिन दुर्भाग्य है किसी न किसी रूप से इस मार्ग के निर्माण में मिस हैंडलिंग हुई है, जानबूझकर न जाने किन कारणों से वर्तमान सरकार के कुछ जनप्रतिनिधियों ने इस मार्ग को ट्विस्ट करने का प्रयास किया और आज स्थिति यह है कि इस पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा रोक लगा दी गई है।
बाइट पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी।

वीओ3- वहीं स्थानीय निवासी पुष्कर राणा का कहना है कि इस मार्ग पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्षेत्र की जनता की मांग है कि लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग को बनना चाहिए अगर इस मार्ग के निर्माण के लिए क्षेत्र की जनता को आंदोलन भी करना पड़े तो जनता पीछे नहीं रहेगी।
बाइट पुष्कर राणा।


वीओ4- वही कृष्णा बहुगुणा का कहना है कि यह सरकार की नाकामी है जब सरकार को सड़क के बारे में पूरा पता था, तो जनता को गुमराह क्यों किया, भाजपा सरकार ने सड़क पर कुछ आधे अधूरे पुल बनाकर छोड़ दिए अगर इन लोगों को जब पहले से पता था कि यह सड़क नहीं बन सकती तो जनता का पैसा क्यों बर्बाद किया, इस पैसे को गरीब जनता की भलाई पर लगाते तो राज्य की दशा दिशा बदलती, इस सरकार को सिर्फ पैसे कमाने से मतलब है इनको जनता से कोई मतलब नहीं है राज्य में कहां क्या हो रहा है इस सरकार को कोई मतलब नहीं है।
बाइट कृष्णा बहुगुणा।
Last Updated : Jul 31, 2019, 11:59 AM IST
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