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पौड़ी में आज होगी त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक, पलायन के मुद्दे पर हो सकती है चर्चा

गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने पर पौड़ी में कैबिनेट बैठक आयोजित की जा रही है. इस बैठक में पलायन एक मुख्य मुद्दा रह सकता है. साथ ही पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में तेजी से काम करने और गांव-गांव तक रोजगार मुहैया करवाने पर जोर दिया जा सकता है.

त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक
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Published : Jun 29, 2019, 12:04 AM IST

पौड़ीः गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे हो चुके हैं. इसी उपलक्ष्य में शनिवार को पौड़ी में पहली बार कैबिनेट बैठक आयोजित की जा रही है. बैठक को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उम्मीदें हैं. राज्य गठन के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा पलायन पौड़ी से हुआ है. गांव के गांव लगातार खाली हो रहे हैं. जो चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं, इस कैबिनेट बैठक में पलायन एक मुख्य मुद्दा हो सकता है. साथ ही पर्यटन और रोजगार समेत कई मुद्दे बैठक में गूंज सकते हैं.

बता दें कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन का सिलसिला जारी है. आलम ये है कि आज कई गांव खाली हो चुके हैं. जो खंडहर और भूतहा घर कहलाते हैं. पहाड़ों को आबाद करने के लिए सरकार योजनाओं की शुरुआत तो कर रही है, लेकिन इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. साल दर साल खाली होते गांव की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जो एक चिंता का विषय बन हुआ है.

शनिवार को होगी त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक

ये भी पढ़ेंः पौड़ी में त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- पहले पलायन रोके सरकार

इसी क्रम में शनिवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से काम करने और गांव-गांव तक रोजगार मुहैया करवाने पर जोर दिया जा सकता है. वर्तमान में पौड़ी के खिर्सू को पर्यटन सर्किट से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जहां पौड़ी में 30 जून को ल्वाली झील निर्माण के लिए मुख्यमंत्री की ओर से शिलान्यास किया जाना है.

वहीं, पौड़ी के ही देवल गांव में स्थित लक्ष्मण मंदिर को पूर्व में सौंदर्यीकरण के लिए ढ़ाई करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. जो आने वाले समय में तीर्थाटन के रूप में विकसित होगा. साथ ही खिर्सू में होमस्टे को बढ़ावा देने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं. पहली बार पौड़ी में आयोजित हो रही कैबिनेट बैठक को लेकर भी स्थानीय जनता काफी उम्मीदें लगाए बैठी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र होने के साथ-साथ उनकी मुख्य जिम्मेदारी पौड़ी के विकास पर होना चाहिए.

पौड़ीः गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे हो चुके हैं. इसी उपलक्ष्य में शनिवार को पौड़ी में पहली बार कैबिनेट बैठक आयोजित की जा रही है. बैठक को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उम्मीदें हैं. राज्य गठन के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा पलायन पौड़ी से हुआ है. गांव के गांव लगातार खाली हो रहे हैं. जो चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं, इस कैबिनेट बैठक में पलायन एक मुख्य मुद्दा हो सकता है. साथ ही पर्यटन और रोजगार समेत कई मुद्दे बैठक में गूंज सकते हैं.

बता दें कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन का सिलसिला जारी है. आलम ये है कि आज कई गांव खाली हो चुके हैं. जो खंडहर और भूतहा घर कहलाते हैं. पहाड़ों को आबाद करने के लिए सरकार योजनाओं की शुरुआत तो कर रही है, लेकिन इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. साल दर साल खाली होते गांव की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जो एक चिंता का विषय बन हुआ है.

शनिवार को होगी त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक

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इसी क्रम में शनिवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से काम करने और गांव-गांव तक रोजगार मुहैया करवाने पर जोर दिया जा सकता है. वर्तमान में पौड़ी के खिर्सू को पर्यटन सर्किट से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जहां पौड़ी में 30 जून को ल्वाली झील निर्माण के लिए मुख्यमंत्री की ओर से शिलान्यास किया जाना है.

वहीं, पौड़ी के ही देवल गांव में स्थित लक्ष्मण मंदिर को पूर्व में सौंदर्यीकरण के लिए ढ़ाई करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. जो आने वाले समय में तीर्थाटन के रूप में विकसित होगा. साथ ही खिर्सू में होमस्टे को बढ़ावा देने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं. पहली बार पौड़ी में आयोजित हो रही कैबिनेट बैठक को लेकर भी स्थानीय जनता काफी उम्मीदें लगाए बैठी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र होने के साथ-साथ उनकी मुख्य जिम्मेदारी पौड़ी के विकास पर होना चाहिए.

Intro:गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने पर कल 29 जून को पौड़ी में पहली बार कैबिनेट बैठक आयोजित की जा रही है इसको लेकर लोगों को काफी उम्मीदें हैं। उत्तराखंड बनने के बाद गढ़वाल मंडल से सर्वाधिक पलायन पौड़ी से हुआ है लगातार खाली हो रहे पहाड़ों को आबाद करने के लिए सरकार समय-समय पर योजनाओं की शुरुआत कर रही है लेकिन साल दर साल खाली होते गांव की संख्या बढ़ती जा रही है जो की चिंता का विषय बन रहा है वही कल होने वाली बैठक में पलायन एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहने वाला है इसके साथ ही पहाड़ों में पर्यटन की मदद से पलायन को रोका जा सकता है और रोजगार भी दिया जा सकता है इसको लेकर सरकार और जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहे हैं।


Body:कल होने वाली कैबिनेट बैठक में पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से काम करने और गांव-गांव तक रोजगार मुहैया करवाने पर जोर दिया जा सकता है वर्तमान में पौड़ी खिर्सू को पर्यटन सर्किट से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं जहां पौड़ी में 30 जून को ल्वाली झील निर्माण के लिए मुख्यमंत्री की ओर से शिलान्यास किया जाना है वही पौड़ी के ही देवल गांव में स्थित लक्ष्मण मंदिर को पूर्व में सौंदर्य करण के लिए ढाई करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं जो कि आने वाले समय में तीर्थाटन के रूप में विकसित हो सकता है। खिर्सू में होमस्टे को बढ़ावा देने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।


Conclusion:पहली बार पौड़ी में आयोजित हो रही कैबिनेट बैठक को लेकर पौड़ी की जनता कभी उम्मीद लगाए बैठी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र होने के साथ-साथ उनकी प्रमुख जिम्मेदारी बनती है कि यहां के विकास के लिए कैबिनेट में चर्चा करे।
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