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दिल्ली हिंसा में मृत दिलबर नेगी के घर पहुंचे कपिल मिश्रा, बहन से कलाई पर बंधवाई राखी - Kapil Mishra arrives at Dilbar Negi's house

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिलबर नेगी के परिवार के साथ रक्षाबंधन मनाया. उन्होंने दिलबर नेगी की बहन से अपनी कलाई पर राखी भी बंधवाई.

pauri
पौड़ी
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Published : Aug 22, 2021, 5:50 PM IST

पौड़ीः भाजपा नेता और दिल्ली के करावल नगर से पूर्व विधायक कपिल मिश्रा रक्षाबंधन के मौके पर दिलबर नेगी के घर पहुंचे. कपिल मिश्रा ने दिलबर नेगी के परिजनों से साथ रक्षाबंधन मनाया. इस दौरान कपिल मिश्रा ने दिलबर नेगी की बहन से अपनी कलाई पर राखी बंधवाई.

रविवार को रक्षा बंधन के मौके पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा पौड़ी के थलीसैंण ब्लॉक के रोखड़ा गांव में दिल्ली दंगों में मारे गए दिलबर नेगी के घर पहुंचे. कपिल मिश्रा ने दिलबर नेगी के परिवार के साथ रक्षाबंधन मनाया. इस दौरान दिलबर नेगी की बहन से उन्होंने राखी भी बंधवाई.

क्या हुआ था दिलबर नेगी के साथः दिलबर नेगी दिल्ली के शाहदरा इलाके में अनिल स्टीव हाउस में काम करते थे. 23 फरवरी को दिल्ली दंगों में कुछ दंगाइयों ने दिलबर नेगी को निशाना बनाते हुए उनके हाथ-पैर काट दिए थे. फिर पास की दुकान में लगी आग में झोंक दिया. उनके साथ बिल्डिंग में उनके दो अन्य साथी भी मौजूद थे. लेकिन वो वहां से भाग निकलने में कामयाब रहे.

26 फरवरी को जब दुकान मालिक अनिल पाल पुलिस के साथ अपनी दुकान का हाल जानने वहां पहुंचे तो उन्हें मृतक नेगी का शव दूसरी मंजिल पर सीढ़ी के पास मिला, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो दंगाइयों को देखकर बिल्डिंग से कूदने की कोशिश कर रहे थे. दिलबर उत्तराखंड से सिर्फ 6 महीने पहले ही दिल्ली आए थे. नेगी के शव से हाथ और पैर गायब थे, जबकि शरीर का बाकी हिस्सा राख में तब्दील हो गया था.

इसलिए भड़के दंगेः नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में फरवरी महीने में दिल्ली में दंगे भड़के. नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे.

ये भी पढ़ेंः कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बांधी BSF जवानों की कलाई पर राखी, ऐसे मनाया रक्षाबंधन

इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे. साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था. उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया.

दिलबर के 12 हत्यारेः दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपनी चार्जशीट में दिलबर नेगी की हत्या के मामले में 12 लोगों को आरोपी बनाया है. चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मुस्लिम भीड़ ने हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए एक युवक दिलबर नेगी को मिठाई की दुकान के अंदर कथित रूप से जिंदा जला दिया था.

चार्जशीट के मुताबिक, दंगाइयों की एक भीड़ ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बृजपुरी पुलिया की तरफ से आई और हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए दंगा करना शुरू कर दिया और 24 फरवरी की देर रात तक उनमें आगजनी करती रही. भीड़ ने अनिल स्वीट्स नाम की एक दुकान में लगा दी थी, जहां से पुलिस ने 26 फरवरी को दिलबर नेगी का शव बरामद किया था. हत्या के वक्त नेगी लंच करने के लिए दुकान के गोदाम में गया था और बाद में वहां आराम कर रहा था.

पौड़ीः भाजपा नेता और दिल्ली के करावल नगर से पूर्व विधायक कपिल मिश्रा रक्षाबंधन के मौके पर दिलबर नेगी के घर पहुंचे. कपिल मिश्रा ने दिलबर नेगी के परिजनों से साथ रक्षाबंधन मनाया. इस दौरान कपिल मिश्रा ने दिलबर नेगी की बहन से अपनी कलाई पर राखी बंधवाई.

रविवार को रक्षा बंधन के मौके पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा पौड़ी के थलीसैंण ब्लॉक के रोखड़ा गांव में दिल्ली दंगों में मारे गए दिलबर नेगी के घर पहुंचे. कपिल मिश्रा ने दिलबर नेगी के परिवार के साथ रक्षाबंधन मनाया. इस दौरान दिलबर नेगी की बहन से उन्होंने राखी भी बंधवाई.

क्या हुआ था दिलबर नेगी के साथः दिलबर नेगी दिल्ली के शाहदरा इलाके में अनिल स्टीव हाउस में काम करते थे. 23 फरवरी को दिल्ली दंगों में कुछ दंगाइयों ने दिलबर नेगी को निशाना बनाते हुए उनके हाथ-पैर काट दिए थे. फिर पास की दुकान में लगी आग में झोंक दिया. उनके साथ बिल्डिंग में उनके दो अन्य साथी भी मौजूद थे. लेकिन वो वहां से भाग निकलने में कामयाब रहे.

26 फरवरी को जब दुकान मालिक अनिल पाल पुलिस के साथ अपनी दुकान का हाल जानने वहां पहुंचे तो उन्हें मृतक नेगी का शव दूसरी मंजिल पर सीढ़ी के पास मिला, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो दंगाइयों को देखकर बिल्डिंग से कूदने की कोशिश कर रहे थे. दिलबर उत्तराखंड से सिर्फ 6 महीने पहले ही दिल्ली आए थे. नेगी के शव से हाथ और पैर गायब थे, जबकि शरीर का बाकी हिस्सा राख में तब्दील हो गया था.

इसलिए भड़के दंगेः नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में फरवरी महीने में दिल्ली में दंगे भड़के. नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे.

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इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे. साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था. उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया.

दिलबर के 12 हत्यारेः दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपनी चार्जशीट में दिलबर नेगी की हत्या के मामले में 12 लोगों को आरोपी बनाया है. चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मुस्लिम भीड़ ने हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए एक युवक दिलबर नेगी को मिठाई की दुकान के अंदर कथित रूप से जिंदा जला दिया था.

चार्जशीट के मुताबिक, दंगाइयों की एक भीड़ ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बृजपुरी पुलिया की तरफ से आई और हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए दंगा करना शुरू कर दिया और 24 फरवरी की देर रात तक उनमें आगजनी करती रही. भीड़ ने अनिल स्वीट्स नाम की एक दुकान में लगा दी थी, जहां से पुलिस ने 26 फरवरी को दिलबर नेगी का शव बरामद किया था. हत्या के वक्त नेगी लंच करने के लिए दुकान के गोदाम में गया था और बाद में वहां आराम कर रहा था.

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