श्रीनगर: इन दिनों बाबा रामदेव देवप्रयाग के पास मूल्यागांव में बने पंतजलि में दिन बिता रहे हैं. जहां से वे अपने भक्तों के साथ ही पहाड़ की जनता को संदेश दे रहे हैं. योग गुरु बाबा रामदेव का मानना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं शिक्षा की स्थितियों को और बेहतर करने की जरूरत है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बाबा रामदेव ने शिक्षा, स्वास्थ्य और कोरोना से पड़ रहे प्रभावों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति समाज और सरकारों की जागरुकता जितनी होनी चाहिए, उतनी नहीं है. स्वास्थ्य क्षेत्र की ओर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ानी होंगी, तब जाकर ही किसी दुर्घटना से बचा जा सकता है.
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उन्होंने कहा कि देश में 25 से 30 करोड़ लोग कोरोना पॉजिटिव होकर नेगेटिव हो चुके हैं. उनके भीतर एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है, जो काम वैक्सीन से होना था, वो काम लोगों की इम्युनिटी से हो रहा है. लोग सेहत पर ध्यान दे रहे हैं. वह प्रणायाम कर रहे हैं. खानपान पर ध्यान दे रहे हैं. यही कारण है कि हिंदुस्तान में रिकवरी रेट सबसे ज्यादा और डेथ रेट सबसे कम है.
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उन्होंने कहा जो सर्वे है, उससे पता लग रहा है कि हमारी करीब एक चौथाई आबादी ठीक हो चुकी है. उन्हें विश्वास है कि एक दिन कोरोना का पैनिक खत्म हो जाएगा. बाबा रामदेव ने कहा कि आने वाले समय में देश के लोगों की इम्युनिटी इतनी बढ़ जाएगी कि हमें वैक्सीन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.
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नीट और जेईई परीक्षाओं का समर्थन करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोना काल में विकास को बाधित नहीं कर सकते हैं. करियर के लिए जरुरी परीक्षाएं होनी चाहिए. उन्होंने कहा चाहे कुछ भी हो जिंदगी की रफ्तार नहीं थमनी चाहिए. बाबा रामदेव ने कहा कि हमें कोरोना से लड़ते हुए इसके साथ जीना सीखना होगा.