पौड़ी: गर्मी के शुरू होते ही उत्तराखंड के जंगल भी धधकने शुरू हो जाते हैं. हर साल आग लगने से जंगलों में करोड़ों रुपए की वन संपदा राख हो जाती है. आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग की ओर से काफी इंतजाम किए जाते हैं, बावजूद गर्मियों में आग की घटनाएं बढ़ती रहती हैं. इन घटनाओं पर काबू पाने के लिए वन और अग्निशमन विभाग की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि वो इस तरह की घटनाओं पर नियंत्रण पा सकें और अपने साथ दूसरों की जान भी बजा सकें.
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सोमवार को पौड़ी के प्राइवेट स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों को आग लगने के कारणों और उस पर नियंत्रण करने की जानकारी दी गई. इस दौरान अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने बताया कि अक्सर देखने में आता है कि घर, स्कूल व आसपास के जंगलों में लगी आग पर काबू पाना असंभव हो जाता है. जिससे बचने के लिए हमें तैयार रहना होगा. अधिकारी ने बताया कि आग लगने का प्रमुख कारण लोगों का जागरूक न होना है. बच्चों के साथ-साथ उनके शिक्षकों को बताया गया कि जंगलों में किस तरह आग लगती है और उस पर किस तरह काबू पाया जाता है.
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फायर स्टेशन के प्रभारी अनुसूया प्रसाद ने बच्चों को बताया कि खेल-खेल में बच्चे जंगलों में आग लगा देते हैं. जो कभी-कभी विकराल रूप धारण कर लेती है. जिसमें करोडो़ं रुपए की वन संपदा राख हो जाती है. इसके लिए जरूरी है कि बच्चे आग लगने के मुख्य कारणों को समझें और यदि किसी कारणवश घर में आग लग जाती है तो उस पर नियंत्रण किया जा सके.