श्रीनगर: कहते हैं न अगर जिंदगी में कुछ कर गुजरने का सपना मन में हो तो बड़ी सी बड़ी बाधा भी हौसले नहीं डिगा सकती है, कुछ ऐसा श्रीनगर के अनुज चौधरी ने कर दिखाया है. अनुज आज आईएमए से पास आउट होकर सेना में अफसर बन गए हैं. अनुज बेहद गरीब परिवार से आते हैं. इसके बावजूद उन्होंने कभी अपनी गरीबी को राह में रोड़ा नहीं बनने दिया.
अनुज चौधरी ने अपनी मंजिल के रास्ते में कभी अपनी गरीबी को नहीं आने दिया. उन्होंने दिन-रात मेहनत कर आज वो मुकाम हासिल किया है, जो कई युवाओं का सपना होता है. अनुज की इस गौरवशाली उपलब्धि पर उसके माता-पिता काफी खुश हैं. बेटे की परिश्रम, लगन और मेहनत के परिणाम को देख आज उनकी आंखों में खुशी के आंसू हैं.
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अनुज चौधरी श्रीनगर के रहने वाले हैं. उन्होंने कक्षा 6 तक की पढ़ाई कान्वेंट स्कूल से की है, जबकि आगे पढ़ाई उन्होंने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की है. सैन्य परिवेश में अनुज ऐसे घुले मिले की उन्होंने यहां से सेना की सेवा को ही अपनी मंजिल बना लिया. जिसके लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की. अनुज ने अपनी परेशानियों को ही अपनी ताकत बनाते हुए मंजिल तक पहुंचने का सफर शुरू किया, जो कि आज पूरा हो गया है.
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अनुज के पिता श्रीनगर की एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करते है. पहले उनकी खुद की प्रेस थी. लेकिन हालात ठीक न होने के चलते उन्होंने नौकरी करनी शुरू की. तंगहाली में होने के बाद भी अनुज के पिता ने उनका हर कदम पर साथ दिया.
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बेटे की कामयाबी पर आज अनुज के पिता राजेंद्र चौधरी की आंखें नम है. वे बतातें है कि अनुज शुरू से ही पढ़ने लिखने में होशियार था. वह अपनी मेहनत के दम पर ही सेना में अफसर बन पाया है. वहीं, अनुज की बहन ईशा ने बताया कि उनके दादा और नाना भी सेना में थे. जिनसे अनुज को हमेशा ही प्रेरणा मिली. बेटे की सफलता से मां इतनी खुश हैं कि वे इसे शब्दों में बयां नहीं पा रही हैं, मगर उनकी आंखों की चमक साफ बताती है कि उन्हें अपने बेटे पर कितना गर्व है.