श्रीनगर: बीआरओ से एडीजी पद से रिटायर अनिल कुमार को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए अतिविशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें इस सम्मान से नवाजा. सेवानिवृत अनिल कुमार अनिल श्रीनगर गढ़वाल के रहने वाले हैं. उनकी इस उपलब्धि से शहरवासियों ने खुशी की लहर है.
अनिल कुमार की प्रारम्भिक शिक्षा श्रीनगर के सरकारी स्कूल से हुई है. उन्होंने राजकीय इंटर कालेज श्रीनगर में साल 1970 से 1977 तक अध्ययन किया. अनिल कुमार ने विषम परिस्थितियों में भी रुड़की इंजीनिरिंग कॉलेज के बेहद कठिन माने जाने वाले टेस्ट को एक बार में ही पास किया था. उन्होंने रुड़की इंजीनियरिंग कालेज से उन्होंने बीटेक और एमटेक किया है.
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एमटेक करते ही उन्होंने यूपीएससी का टेस्ट दिया. जिसमें उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की. बीआरओ को पहली पसंद मानते हुए सीमा सड़क संगठन विभाग में अपनी सेवाएं देनी प्रारम्भ की. साल 2005 में अपनी बेहतर सेवाओं के चलते इंडिया रोड कांग्रेस ने उन्हें 'बेस्ट इंजीनियर' के 'जवाहरलाल नेहरु अवॉर्ड' से नवाजा.
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अपने सेवाकाल में अनिल कुमार ने मिजोरम ,त्रिपुरा ,जम्मू काश्मीर, मणिपुर,अरुणाचल, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश आदि सीमावर्ती राज्यों में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दीं. अनिल कुमार ने निरंतर 14 वर्षों तक चीफ इंजीनियर पद पर देश की विभिन्न सीमओं में सेवारत रहते हुए बेहतर रोड नेटवर्क देने के हर संभव प्रयास किए. एडीजी पद पर रहते हुए अनिल कुमार बीआरओ के नार्थ जोन चंडीगढ़ में पदभार संभालकर उत्तराखंड. हिमाचल, राजस्थान एवं जम्मू-कश्मीर की कमान संभाली थी.
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अनिल कुमार ने कुछ समय पूर्व जनसेवार्थ श्रीनगर में निशुल्क विकलांग शिविर का भी आयोजन करवाया था. जिसका 75 से अधिक दिव्यांगजनों ने लाभ उठाया था.