कोटद्वार: मानसून सीजन शुरू होने को है, ऐसे में प्रशासन ने बाढ़ से निटपने की तैयारियों शुरू कर दी है. शासन के निर्देश पर उप जिलाधिकारी ने कोट्द्वार में खो और सुखरो नदी में पड़े सिल्ट और मलबे को हटाने का काम शुरू कर दिया है. इसके लिए 5 लॉट में आवंटन किया गया है. ताकि रिवर ट्रेनिंग नीति के अनुसार चैनेलाइज का कार्य आधुनिक मशीनों के द्वारा किया जा सके.
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कोटद्वार में हर साल बारिश अपने साथ आपदा लेकर आती है. इस दौरान नदियों और नालों में बाढ़ के हालत बन जाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार नदियों में चैनलाइज का काम किया जा रहा है. ताकि लोगों को बाढ़ से राहत मिल सके.
उप जिलाधिकारी कोटद्वार मनीष कुमार ने बताया कि मानसून सीजन में बाढ़ का खतरा बना रहता है. उसको देखते हुए जिन जगहों पर नदियों में सिल्ट और मलबा अधिक जमा हो गया है, उनको चैनेलाइज कर नदी को मध्य भाग में केंद्रित करने का काम किया जा रहा है.
उप जिलाधिकारी के अनुसार रिवर ट्रेनिंग की पॉलिसी के अनुसार तहसील परिसर में खुली बोली के माध्यम से लॉट आवंटन किए गए हैं. इसमें कुल 5 लॉट हैं. इससे प्रशासन को करीब 4 से 5 करोड़ के आसपास का राजस्व प्राप्त हुआ है.
सभी लॉट की लंबाई और चौड़ाई निर्धारित है. इसमें गहराई नदी तल से डेढ मीटर नीचे है. ताकि नदी अपने मुख्य स्थान पर बह सके. इसके अलावा पुल के 200 मीटर के दायरे में चैनलाइज का काम नहीं किया जाएगा. वहीं सार्वजनिक संपत्ति को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाने की स्थिति में अनुज्ञापी की संपूर्ण धनराशि को जब्त कर लिया जाएगा. चैनेलाइज का कार्य आधुनिक मशीनों से किया जाएगा क्योंकि बिना मशीनों चैनेलाइज का कार्य असंभव है पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई है.