ETV Bharat / state

शिक्षा व्यवस्था का सूरत-ए-हाल! पौड़ी जिले के 14 सरकारी स्कूलों में लटके ताले, सरकार की साख पर सवाल - सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या

उत्तराखंड में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में सरकार अब नाकाम होती नजर आ रही है. इसकी तस्दीक पौड़ी के सरकारी स्कूल खुद बयां कर रहे हैं. यहां 14 सरकारी स्कूलों में हमेशा के लिए ताले लग गए हैं. इसके साथ ही पौड़ी जिले में अब प्राइमरी स्कूलों की संख्या 1,397 रह गई है. जो सरकार के साख पर सवाल खड़े कर रहा है.

Pauri Government School
पौड़ी सरकारी स्कूल बंद
author img

By

Published : Apr 27, 2023, 4:31 PM IST

पौड़ीः सरकारी सिस्टम की लाख कोशिशों के बाद भी शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या नहीं बढ़ा पा रहा है. इसके अलावा अभिभावकों का भी लगातार सरकारी स्कूलों से मोह भंग होता जा रहा है. जिसके चलते पौड़ी जिले के 14 स्कूलों में ताले लग गए हैं. साथ ही इन स्कूलों के शिक्षकों को अब अन्य स्कूलों में समायोजित करने की प्रक्रिया चल रही है.

उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की लाख कोशिशें की जाती रही है. बावजूद पौड़ी जिले की प्राइमरी स्कूलों में छात्र संख्या नहीं बढ़ पाई. जिसके चलते इस शिक्षा सत्र में छात्र संख्या शून्य हो जाने के कारण 14 स्कूलों पर ताले लग गए. साथ ही इन स्कूलों के बंद हो जाने के बाद जिले में प्राइमरी स्कूलों की संख्या 1,397 रह गई है.

शिक्षा विभाग अब इन स्कूलों में तैनात 18 शिक्षकों के समायोजन करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है. सरकारी सिस्टम की लाख कोशिशों के बाद भी महकमा स्कूलों में कम होती छात्र संख्या को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है. यही वजह है कि अब सरकारी स्कूल खाली होकर खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः टिहरी में एक छात्रा को पढ़ा रहे तीन शिक्षक, ₹36 लाख हो रहे खर्च

पौड़ी जिले के कोट, नैनीडांडा, बीरोंखाल, जयहरीखाल, दुगड्डा आदि ब्लॉकों के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में घटती छात्र संख्या पर ब्रेक नहीं लग पा रहा है. यहां तक कि सरकार समेत पूरे तंत्र ने सरकारी स्कूलों में अभिभावकों को लुभाने के लिए प्रवेश उत्सव का आयोजन भी किया. साथ ही हाई प्रोफाइल प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर आदर्श स्कूलों का संचालन भी किया गया. बावजूद इसके सरकारी स्कूलों में खास परिवर्तन नहीं दिखाई दिया.

अंग्रेजी माध्यम बने सरकारी स्कूलः अभिभावकों को लुभाने के लिए विभाग की ओर से पौड़ी जिले में सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की ही तर्ज पर मॉडल स्कूल बनाए गए. जिसमें हर ब्लॉक में एक से तीन तक आदर्श स्कूल संचालित हैं. जो कि पूरे जिले में करीब 45 हैं. यहां तक कि इन विद्यालयों में पूरी अंग्रेजी माध्यम में पठन पाठन होता है.

इसके साथ ही पीएम श्री उत्कृष्ट स्कूलों का चयन भी किया गया है. इसमें एक से लेकर बारहवीं तक के स्कूलों का चयन मानकों के तहत किया गया है. पौड़ी जिले में ऐसे 13 स्कूल चयनित हैं. जिसमें 6 माध्यमिक और बाकी प्राइमरी स्कूल हैं. इनके पूरे इंफ्रास्टक्चर का व्यय केंद्र सरकार उठा रही है. इन स्कूलों में कंप्यूटर से लेकर लाइब्रेरी आदि की सुविधाएं दी जाएंगी.
ये भी पढे़ंः कपकोट के इस सरकारी स्कूल ने रचा इतिहास, 22 छात्रों का सैनिक स्कूल में हुआ चयन

छात्र संख्या शून्य हो जाने के चलते पौड़ी जिले के 14 स्कूल बंद कर दिए गए हैं. साथ ही इन विद्यालयों के 18 शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में समायोजित किया जा रहा है. इनका प्रस्ताव संबंधित ब्लॉकों से आया था. इसके बाद यह निर्णय लिया गया है. - शिव पूजन सिंह, डीईओ, प्रारंभिक शिक्षा पौड़ी

पौड़ीः सरकारी सिस्टम की लाख कोशिशों के बाद भी शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या नहीं बढ़ा पा रहा है. इसके अलावा अभिभावकों का भी लगातार सरकारी स्कूलों से मोह भंग होता जा रहा है. जिसके चलते पौड़ी जिले के 14 स्कूलों में ताले लग गए हैं. साथ ही इन स्कूलों के शिक्षकों को अब अन्य स्कूलों में समायोजित करने की प्रक्रिया चल रही है.

उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की लाख कोशिशें की जाती रही है. बावजूद पौड़ी जिले की प्राइमरी स्कूलों में छात्र संख्या नहीं बढ़ पाई. जिसके चलते इस शिक्षा सत्र में छात्र संख्या शून्य हो जाने के कारण 14 स्कूलों पर ताले लग गए. साथ ही इन स्कूलों के बंद हो जाने के बाद जिले में प्राइमरी स्कूलों की संख्या 1,397 रह गई है.

शिक्षा विभाग अब इन स्कूलों में तैनात 18 शिक्षकों के समायोजन करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है. सरकारी सिस्टम की लाख कोशिशों के बाद भी महकमा स्कूलों में कम होती छात्र संख्या को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है. यही वजह है कि अब सरकारी स्कूल खाली होकर खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः टिहरी में एक छात्रा को पढ़ा रहे तीन शिक्षक, ₹36 लाख हो रहे खर्च

पौड़ी जिले के कोट, नैनीडांडा, बीरोंखाल, जयहरीखाल, दुगड्डा आदि ब्लॉकों के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में घटती छात्र संख्या पर ब्रेक नहीं लग पा रहा है. यहां तक कि सरकार समेत पूरे तंत्र ने सरकारी स्कूलों में अभिभावकों को लुभाने के लिए प्रवेश उत्सव का आयोजन भी किया. साथ ही हाई प्रोफाइल प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर आदर्श स्कूलों का संचालन भी किया गया. बावजूद इसके सरकारी स्कूलों में खास परिवर्तन नहीं दिखाई दिया.

अंग्रेजी माध्यम बने सरकारी स्कूलः अभिभावकों को लुभाने के लिए विभाग की ओर से पौड़ी जिले में सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की ही तर्ज पर मॉडल स्कूल बनाए गए. जिसमें हर ब्लॉक में एक से तीन तक आदर्श स्कूल संचालित हैं. जो कि पूरे जिले में करीब 45 हैं. यहां तक कि इन विद्यालयों में पूरी अंग्रेजी माध्यम में पठन पाठन होता है.

इसके साथ ही पीएम श्री उत्कृष्ट स्कूलों का चयन भी किया गया है. इसमें एक से लेकर बारहवीं तक के स्कूलों का चयन मानकों के तहत किया गया है. पौड़ी जिले में ऐसे 13 स्कूल चयनित हैं. जिसमें 6 माध्यमिक और बाकी प्राइमरी स्कूल हैं. इनके पूरे इंफ्रास्टक्चर का व्यय केंद्र सरकार उठा रही है. इन स्कूलों में कंप्यूटर से लेकर लाइब्रेरी आदि की सुविधाएं दी जाएंगी.
ये भी पढे़ंः कपकोट के इस सरकारी स्कूल ने रचा इतिहास, 22 छात्रों का सैनिक स्कूल में हुआ चयन

छात्र संख्या शून्य हो जाने के चलते पौड़ी जिले के 14 स्कूल बंद कर दिए गए हैं. साथ ही इन विद्यालयों के 18 शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में समायोजित किया जा रहा है. इनका प्रस्ताव संबंधित ब्लॉकों से आया था. इसके बाद यह निर्णय लिया गया है. - शिव पूजन सिंह, डीईओ, प्रारंभिक शिक्षा पौड़ी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.