नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी दीपक बिजल्वाण को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के मामले में याचिका पर सुनवाई की. मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने उनको गिरफ्तार न करने के आदेश दिए हैं. साथ में सरकार से 24 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है.
मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी. मामले के अनुसार अध्यक्ष द्वारा याचिका दायर कर कहा गया कि कुछ सदस्यों द्वारा उनके खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिकायत की गई थी. आरोप लगाया गया कि उन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग व करोड़ों रुपये की अनियमितता की गई है. जिस पर मुख्यमंत्री ने प्रकरण की जांच के लिए सचिव पंचायती राज को आदेश दिए थे.
सचिव पंचायतीराज राज ने इसकी जांच जिला अधिकारी उत्तरकाशी से कराई. जिला अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में अनियमितताएं बरतने की आंशिक पुष्टि की. उसके बाद सरकार ने इस मामले की जांच 21 जून 2021 को कमिश्नर गढ़वाल से कराई. सरकार ने पंचायती राज एक्ट की धारा 138(1)(घ)(iv) के तहत अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया.
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1 अक्टूबर 2021 को अध्यक्ष ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कोई वित्तीय अनियमितता नहीं की है. यह शिकायत उनके खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना से की गई है. याचिकर्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिकायती पत्र पर जांच के आदेश दे दिए. जबकि विभाग द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया गया. जांच एजेंसी ने किसी भी तरह की नियमावली का पालन नहीं किया.
वहीं, मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग नहीं किया है. निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है. करोड़ों रुपये का फर्जी निर्माण कार्य दिखाया गया है. मजदूरों के फर्जी मस्टर रोल भरे गए हैं. शिकायत को आधार मानकर उन्हें 7 जनवरी 2022 को सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटा दिया. जिस पर रोक लगाई जाए और उन्हें बहाल किया जाए, क्योंकि वे जनप्रतिनिधि हैं, उन्हें सेवा के लिए जनता ने चुना है.