रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क में पर्यटकों के भ्रमण का कार्य महिला जिप्सी चालकों को नहीं मिलने से महिला जिप्सी चालकों में आक्रोश है. ट्रेनिंग के बाद भी रोजगार न मिलने से परेशान महिलाओं ने पार्क वार्डन का घेराव (women gypsy drivers protest) किया और अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा.
बता दें, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की घोषणा के बाद कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पहली बार 50 जिप्सी चालकों की भर्ती को लेकर चयन प्रक्रिया चली, जिसमें 50 महिलाओं में से 45 महिलाओं का आवेदन के बाद चयन हो गया था. चयन के 4 महीने बीत जाने के बाद रोजगार न मिलने पर इन महिलाओं ने आज कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन का घेराव किया.
महिलाओं ने कहा कि 4 महीने पहले उन्होंने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया था. कॉर्बेट प्रशासन से उनको कई बार मौखिक आश्वासन दिया गया है लेकिन अभी तक महिला जिप्सी चालकों को रोजगार का कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया है. महिलाओं ने कहा कि कॉर्बेट का पर्यटन सीजन 15 नवंबर से शुरू हो गया है, जिससे सभी महिला जिप्सी चालक काफी उत्साहित हैं.
प्रशिक्षण ले चुकी महिलाओं ने एक बार फिर सरकार से रोजगार की मांग की है. इसके साथ ही महिलाओं ने कहा कि जब तक उनको जिप्सियां नहीं दी जा रहीं हैं, तब तक उनको नेचर गाइड के रूप में कार्यरत किया जाए.
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पार्क वार्डन आरके तिवारी ने कहा कि 50 महिला जिप्सी चालकों को कॉर्बेट पार्क में रोजगार देने की मुख्यमंत्री की घोषणा है. इन महिलाओं का प्रशिक्षण हो गया है ऐसे में अब इन महिलाओं को कौन सा कार्य दिया जाए इस पर विचार-विमर्श चल रहा है. जल्द ही इन लोगों के लिए वाहन चयन कर लिया जाएगा. उसके बाद इन महिलाओं को वीरचंद्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत वाहन के लिए ऋण भी उपलब्ध करा दिए जाएंगे.