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मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर वन गुर्जर, विस्थापन की आस में पथराई आंखें

कॉर्बेट पार्क में 57 वन गुर्जर परिवार रहते हैं. पूरे राज्य में शाइनिंग इंडिया की चकाचौंध के बीच भी यहां के वन गुर्जर मूलभूत सुविधाओं के मोहताज हैं.

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सालों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे वन गुर्जर
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Published : Jun 18, 2020, 6:46 PM IST

रामनगर: कॉर्बेट पार्क के जगलों में 1970 के दौर से ही वन विभाग की जमीन वन गुर्जर बसे हुए हैं. वन विभाग के कड़े कानूनों और राज नेताओं में इच्छा शक्ति की कमी से वन गुर्जर बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. पंचायती राज के इस दौर में जंगलो में रह रहे वन गुर्जर को मुख्यधारा में लाने की बजाय उन्हें खोखले वादों से बहलाया जाता रहा है. वन गुर्जर कई सालों से विस्थापन की मांग सरकार से करते आ रहे हैं, मगर आज तक नतीजा सिफर ही निकला.

मूलभूत सुविधाओं केअभाव में जीने को मजबूर वन गुर्जर.

बता दें कॉर्बेट पार्क में 57 वन गुर्जर परिवार रहते हैं. पूरे राज्य में शाइनिंग इंडिया की चकाचौंध के बीच भी यहां के वन गुर्जर मूलभूत सुविधाओं के मोहताज हैं. रामनगर में कार्बेट पार्क के ढेला, झिरना के जंगलो में वन गुर्जर वन भूमि पर बसे हैं. ये लोग कई सालों से विस्थापन की मांग कर रहे हैं, मगर आज तक इन्हें इनका हक नहीं मिल पाया है.

पढ़ें- यह भी पढ़ें- एलएसी पर झड़प में चीनी कमांडर समेत 35 सैनिक ढेर

गुर्जरों का कहना है कि सरकार ने राजाजी नेशनल पार्क व सोना नदी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से कुछ परिवारों को विस्थापित किया है. इसी तर्ज पर हमें भी विस्थापित करके मुख्यधारा से जोड़ा जाये. वहीं,टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार का कहना है पार्क के बफर जोन में गुर्जर परिवार रहते हैं. उनके विस्थापन की कार्रवाई की जा रही है. प्रशासन से इसका जीओ भी जारी हो चुका है. इसमें कुछ शर्तें गुर्जर परिवारों के लिए रखी गई हैं उन शर्तों के आधार पर ही इन गुर्जर परिवारों का विस्थापन किया जाएगा.

रामनगर: कॉर्बेट पार्क के जगलों में 1970 के दौर से ही वन विभाग की जमीन वन गुर्जर बसे हुए हैं. वन विभाग के कड़े कानूनों और राज नेताओं में इच्छा शक्ति की कमी से वन गुर्जर बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. पंचायती राज के इस दौर में जंगलो में रह रहे वन गुर्जर को मुख्यधारा में लाने की बजाय उन्हें खोखले वादों से बहलाया जाता रहा है. वन गुर्जर कई सालों से विस्थापन की मांग सरकार से करते आ रहे हैं, मगर आज तक नतीजा सिफर ही निकला.

मूलभूत सुविधाओं केअभाव में जीने को मजबूर वन गुर्जर.

बता दें कॉर्बेट पार्क में 57 वन गुर्जर परिवार रहते हैं. पूरे राज्य में शाइनिंग इंडिया की चकाचौंध के बीच भी यहां के वन गुर्जर मूलभूत सुविधाओं के मोहताज हैं. रामनगर में कार्बेट पार्क के ढेला, झिरना के जंगलो में वन गुर्जर वन भूमि पर बसे हैं. ये लोग कई सालों से विस्थापन की मांग कर रहे हैं, मगर आज तक इन्हें इनका हक नहीं मिल पाया है.

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गुर्जरों का कहना है कि सरकार ने राजाजी नेशनल पार्क व सोना नदी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से कुछ परिवारों को विस्थापित किया है. इसी तर्ज पर हमें भी विस्थापित करके मुख्यधारा से जोड़ा जाये. वहीं,टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार का कहना है पार्क के बफर जोन में गुर्जर परिवार रहते हैं. उनके विस्थापन की कार्रवाई की जा रही है. प्रशासन से इसका जीओ भी जारी हो चुका है. इसमें कुछ शर्तें गुर्जर परिवारों के लिए रखी गई हैं उन शर्तों के आधार पर ही इन गुर्जर परिवारों का विस्थापन किया जाएगा.

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