नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मसूरी में पार्किंग के नाम पर बिना एमडीडीए की अनुमति के बनाए जा रहे बहुमंजिला भवन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एमडीडीए, मसूरी नगर पालिका सहित राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 नवंबर की तिथि नियत की गई है.
सुनवाई के दौरान, एमडीडीए की तरफ से स्थिति स्पष्ट करते हुए कोर्ट को बताया कि एमडीडीए ने पार्किंग से लगे 14 दुकानों को सील किया था, पार्किंग को नहीं. पार्किंग बनने से इस बार मसूरी में जाम की समस्या काफी हल हो चुकी है. पार्किंग बनकर तैयार हो चुकी है. पार्किंग के नीचे कमजोर लोगों के आवास या फड़ व्यवसायियों के लिए दुकानें बनाने का विचार है. उसका उपयोग नहीं करने पर लोग उस पर अतिक्रमण कर रहे हैं. जबकि याचिकाकर्ता का कहना था कि पार्किंग बिल्डिंग की छत पर बनाई गई है और इसके नीचे व्यवसायिक व आवासीय भवन बना दिए गए हैं.
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मामले के मुताबिक, मसूरी निवासी शेखर पांडे ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि मसूरी नगरपालिका के द्वारा पार्किंग के नाम पर बहुमंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा है. अभी तक इस भवन की 7 मंजिलें बन चुकी है. नगर पालिका ने इसके निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये और मंजूर कर दिए हैं. जनहित याचिका में कहा गया है कि इसके निर्माण के लिए नगरपालिका ने एमडीडीए से कोई अनुमति नहीं ली है. पूर्व में एमडीडीए ने इसको शील कर दिया था, इसके बावजूद भी इसका निर्माण कार्य किया जा रहा है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि इसके निर्माण पर रोक लगाई जाए, क्योंकि पार्किंग के नाम पर व्यवसायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है.