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जिला पंचायत की इस सीट पर दो सगे भाई आमने-सामने, टिकट नहीं मिलने पर छोटे ने की बगावत

नैनीताल की जग्गी बंगर जिला पंचायत सीट पर दो सगे भाई आमने-सामने आ गये हैं. दरअसल, बीजेपी ने बड़े भाई को टिकट दे दिया तो छोटे भाई ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है. दोनों भाई बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं.

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Published : Sep 24, 2019, 10:13 AM IST

नैनीताल

हल्द्वानी: पंचायत चुनाव 2019 में इस बार कई सीटों पर रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है. नैनीताल जिला पंचायत के जग्गी बंगर सीट पर दो सगे भाई आमने-सामने हैं. दोनों भाई बीजेपी के नेता हैं. जब बीजेपी ने बड़े भाई को टिकट दिया तो छोटे भाई ने पार्टी से बगावत कर दी. छोटे भाई ने बड़े भाई के खिलाफ निर्दलीय ताल ठोंकी है. जिसके बाद जग्गी बंगर सीट पर मुकाबला काफी रोचक हो गया है.

दरअसल, नैनीताल जिले के जग्गी बंगर पंचायत सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और यूसीडीएस के पूर्व चेयरमैन डॉ. मोहन बिष्ट और उनके बड़े भाई इंद्र सिंह बिष्ट ने जिला पंचायत सदस्य के लिए बीजेपी से टिकट के लिए दावेदारी की थी. लेकिन पार्टी ने इंद्र सिंह बिष्ट पर भरोसा जताया. यह बात मोहन बिष्ट को रास नहीं आई और बड़े भाई के खिलाफ निर्दलीय मैदान में कूद पड़े हैं. मोहन बिष्ट ने दल बल के साथ नामांकन भी कर लिया है.

जग्गी बंगर जिला पंचायत सीट दो भाई आमने-सामने

पढ़ें- ऑल वेदर रोड निर्माण कार्य बना मुसीबत, रेफर मरीजों की सांसत में जान

एसीडीएफ के पूर्व चेयरमैन डॉ. मोहन बिष्ट और पूर्व ग्राम प्रधान इंद्र बिष्ट दोनों ही बीजेपी के नेता हैं. बताया जा रहा है कि इंदर सिंह बिष्ट की स्थानीय विधायक नवीन दुमका से काफी नजदीकियां थी, जिसके चलते वे पार्टी से टिकट लाने में सफल हुए. जग्गी बंगर सीट पर जीत जिसकी भी हो लेकिन परिवार के लोग और मतदाता असमंजस में हैं कि आखिर समर्थन किसको दें.

हल्द्वानी: पंचायत चुनाव 2019 में इस बार कई सीटों पर रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है. नैनीताल जिला पंचायत के जग्गी बंगर सीट पर दो सगे भाई आमने-सामने हैं. दोनों भाई बीजेपी के नेता हैं. जब बीजेपी ने बड़े भाई को टिकट दिया तो छोटे भाई ने पार्टी से बगावत कर दी. छोटे भाई ने बड़े भाई के खिलाफ निर्दलीय ताल ठोंकी है. जिसके बाद जग्गी बंगर सीट पर मुकाबला काफी रोचक हो गया है.

दरअसल, नैनीताल जिले के जग्गी बंगर पंचायत सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और यूसीडीएस के पूर्व चेयरमैन डॉ. मोहन बिष्ट और उनके बड़े भाई इंद्र सिंह बिष्ट ने जिला पंचायत सदस्य के लिए बीजेपी से टिकट के लिए दावेदारी की थी. लेकिन पार्टी ने इंद्र सिंह बिष्ट पर भरोसा जताया. यह बात मोहन बिष्ट को रास नहीं आई और बड़े भाई के खिलाफ निर्दलीय मैदान में कूद पड़े हैं. मोहन बिष्ट ने दल बल के साथ नामांकन भी कर लिया है.

जग्गी बंगर जिला पंचायत सीट दो भाई आमने-सामने

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एसीडीएफ के पूर्व चेयरमैन डॉ. मोहन बिष्ट और पूर्व ग्राम प्रधान इंद्र बिष्ट दोनों ही बीजेपी के नेता हैं. बताया जा रहा है कि इंदर सिंह बिष्ट की स्थानीय विधायक नवीन दुमका से काफी नजदीकियां थी, जिसके चलते वे पार्टी से टिकट लाने में सफल हुए. जग्गी बंगर सीट पर जीत जिसकी भी हो लेकिन परिवार के लोग और मतदाता असमंजस में हैं कि आखिर समर्थन किसको दें.

Intro:sammry- जिला पंचायत सदस्य सीट पर भाजपा ने बड़े भाई को दिया टिकट छोटे ने बगावत कर ठोकी ताल,, मुकाबला हुआ रोचक।

एंकर- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार कई सीटों पर रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। नैनीताल जिला पंचायत सदस्य के जग्गी बंगर सीट पर दो सगे भाई आमने-सामने मैदान में है। दोनों भाई बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते थे। लेकिन बीजेपी ने बड़े भाई को टिकट तो दे दिया जिसके बाद छोटे भाई ने पार्टी से बगावत कर बड़े भाई के खिलाफ ताल ठोक दिया है जिसके बाद इस सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है।


Body:दरअसल नैनीताल जिले के जग्गी बंगर पंचायत सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और यूसीडीएस के पूर्व चेयरमैन डॉ मोहन बिष्ट और उनके बड़े भाई पूर्व ग्राम प्रधान और बीजेपी के नेता इंदर सिंह बिष्ट ने जिला पंचायत सदस्य के लिए बीजेपी से टिकट के लिए दावेदारी की थी लेकिन अंत समय में बीजेपी ने मोहन बिष्ट का टिकट काट उनके बड़े भाई इंदर बिष्ट को दे दिया जिसके बाद मोहन सिंह बिष्ट ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बड़े भाई के सामने ताल ठोक दी है। मोहन बिष्ट ने दल बल के साथ नामांकन भी कर लिया है। मोहन बिष्ट निर्दलीय चुनाव मैदान में है जबकि उनके बड़े भाई इंदर बिष्ट बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे हैं ऐसे में यह सीट काफी रोचक हो चुकी है।
एसीडीएफ के पूर्व चेयरमैन मोहन बिष्ट और पूर्व ग्राम प्रधान इंद्र बिष्ट दोनों बीजेपी के वरिष्ठ नेता है ऐसे में दोनों भाई चुनाव मैदान में मजबूत स्थिति में है और दोनों में मुकाबला कांटे के दिखा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि इंदर बिष्ट वर्षों से इस चुनाव की तैयारी में जुटे हुए थे और जनता के बीच जाकर उनका आशीर्वाद भी ले रहे थे। लेकिन इंदर सिंह बिष्ट का स्थानीय विधायक नवीन दुमका के काफी नजदीकियां थी जिसके चलते वह पार्टी से टिकट लाने में सफल हुए।

मोहन बिष्ट का कहना है कि इस चुनाव को लेकर कई सालों से तैयारी में जुटे हुए थे लेकिन पार्टी ने उनके साथ धोखा किया है। पार्टी ने बड़े भाई को टिकट देकर दो भाइयों को आपस में लाने का काम किया है। ऐसे में जनता उनके साथ है और भारी मतों से जीत हासिल करेंगे।

बाइट- मोहन सिंह बिष्ट बीजेपी के बागी प्रत्याशी

वहीं इस पूरे मामले में बीजेपी के प्रत्याशी इंदर सिंह बिष्ट कैमरा के सामने कुछ भी बोलने से मना कर रहे हैं।


Conclusion:कहां जाता है प्यार और जंग में सब जायज होता है मैदान चाहे राजनीति कहो या फिर युद्ध का। लेकिन नैनीताल जिले के जग्गी बंगर सीट पर दो भाइयों में जीत जिसकी भी हो लेकिन परिवार के लोग के साथ-साथ मतदाता भी असमंजस में है कि किसको समर्थन दें और किसको समर्थन नहीं दे। लेकिन मोहन बिष्ट की मजबूती के सामने यह सीट बीजेपी के लिए नाक का सवाल भी बन गई है।
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