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प्रशासन ने लगाया नैनीताल Full का बोर्ड, व्यापारी उठा रहे सवाल - दिलीप जावलकर

सरोवर नगरी में पर्यटकों की संख्या अधिक बढ़ने के कारण रानीबाग और हल्द्वानी में नैनीताल फुल का बोर्ड लगाया गया. जिसके बाद हजारों की संख्या में नैनीताल पहुंचने वाले पर्यटकों को वापस लौटना पड़ा. जिस कारण व्यापार पर भी असर पड़ा रहा है.

नैनीताल फुल का बोर्ड लगने से परेशान हुए पर्यटक.
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Published : Jul 5, 2019, 10:18 AM IST

नैनीताल: सरोवर नगरी में पर्यटन सीजन के चलते भारी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. लेकिन बीते कुछ दिनों में पर्यटकों की संख्या इतनी बढ़ गई कि पर्यटन विभाग को रानीबाग और हल्द्वानी में नैनीताल फुल का बोर्ड लगाना पड़ा. जिसके चलते नैनीताल घूमने आ रहे हजारों पर्यटकों को वापस लौटना पड़ा.

नैनीताल फुल का बोर्ड लगने से परेशान हुए पर्यटक.

नैनीताल में फुल होने का बोर्ड लगाने से पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही व्यापारियों का व्यापार भी कम हो गया है. भारी संख्या में नैनीताल पहुंचे पर्यटक वादियों का लुफ्त उठाने के बाद वापस तो लौट गये, लेकिन नैनीताल में फुल होने का बोर्ड लगने के बाद से पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आ गई है.

पढ़ें: सावधान! खाली प्लॉट में मिला कूड़ा तो भू-स्वामी को भरना होगा जुर्माना

पर्यावरण प्रबोधिनी डेवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष सुहृद सुदर्शन साह ने बताया कि प्रशासन के पास नैनीताल में होटलों की संख्या का आंकड़ा ही नहीं है. इसके बावजूद प्रशासन की तरफ से नैनीताल फुल का बोर्ड लगाने का आदेश दिया गया. जिस वजह से बीते 10 दिनों में पर्यटकों की संख्या भारी गिरावट आ गई है. जिसके चलते व्यापार में 50 फीसदी की कमी आई है.

वहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस बार नैनीताल में ज्यादा संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं, जिस वजह से नैनीताल फुल का बोर्ड लगाना पड़ा. पर्यटन सचिव का कहना है कि आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या को तय किया जाएगा. जिसके बाद वाहनों को आगे जाने के इजाजत दी जाएगी.

नैनीताल: सरोवर नगरी में पर्यटन सीजन के चलते भारी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. लेकिन बीते कुछ दिनों में पर्यटकों की संख्या इतनी बढ़ गई कि पर्यटन विभाग को रानीबाग और हल्द्वानी में नैनीताल फुल का बोर्ड लगाना पड़ा. जिसके चलते नैनीताल घूमने आ रहे हजारों पर्यटकों को वापस लौटना पड़ा.

नैनीताल फुल का बोर्ड लगने से परेशान हुए पर्यटक.

नैनीताल में फुल होने का बोर्ड लगाने से पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही व्यापारियों का व्यापार भी कम हो गया है. भारी संख्या में नैनीताल पहुंचे पर्यटक वादियों का लुफ्त उठाने के बाद वापस तो लौट गये, लेकिन नैनीताल में फुल होने का बोर्ड लगने के बाद से पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आ गई है.

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पर्यावरण प्रबोधिनी डेवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष सुहृद सुदर्शन साह ने बताया कि प्रशासन के पास नैनीताल में होटलों की संख्या का आंकड़ा ही नहीं है. इसके बावजूद प्रशासन की तरफ से नैनीताल फुल का बोर्ड लगाने का आदेश दिया गया. जिस वजह से बीते 10 दिनों में पर्यटकों की संख्या भारी गिरावट आ गई है. जिसके चलते व्यापार में 50 फीसदी की कमी आई है.

वहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस बार नैनीताल में ज्यादा संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं, जिस वजह से नैनीताल फुल का बोर्ड लगाना पड़ा. पर्यटन सचिव का कहना है कि आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या को तय किया जाएगा. जिसके बाद वाहनों को आगे जाने के इजाजत दी जाएगी.

Intro:उत्तराखंड राज्य में पहाड़ी छेत्रो और खूबसूरत वादियों के चलते पर्यटन की अपार संभावनाएं है। यही वजह है कि हर साल देश -दुनिया से करोड़ो सैलानी उत्तराखंड के प्रकृति और शान्त वादियों का लुफ्त उठाने आये है। इन्ही पर्यटन स्थलों में एक नैनीताल पर्यटक स्थल है जहाँ बारहों मास पर्यटक भरे रहते है। लेकिन बीते कुछ महीनों में नैनीताल आने वाले सैलानियों का सैलाब उमड़ आया है। जिस वजह से प्रशासन को नैनिताल फुल होने का बोर्ड भी लगाना पड़ा।


Body:हालांकि नैनीताल में फुल होने का बोर्ड लगाने से न सिर्फ पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा बल्कि स्थानीय व्यापारियों को भी काफी दिक्कतें हुई जिसमें व्यपारियो का व्यापार कम हो गया। जी हाँ एक साथ भारी मात्रा में सैलानियों के पहुचे के बाद प्रशासन ने नैनीताल फुल होने का तो बोर्ड लगा दिया ऐसे में नैनीताल आने वाले तमाम सैलानियों को वापिस जाना पड़ा लेकिन जो सैलानी नैनिताल में रुके हुए थे वो शाम को या एक दिन रुक कर वापिस निकल गए। लेकिन फुल का बोर्ड लगाने से तमाम सैलानियों के नैनीताल की तरफ रुख कुछ दिनों के लिए कम जरूर हो गया। 


ज्यादा जानकारी देते हुए पर्यावरण प्रबोधिनी डेवलोपमेन्ट सोसायटी, नैनीताल के अध्यक्ष सुहृद सुदर्शन साह ने बताया कि प्रशासन को खुद नही मामूल है कि कितने होटल नैनीताल में है। बावजूद इसके प्रशासन ने नैनीताल फुल का आदेश दिया। इसके साथ ही रानीबाग और हल्द्वानी में नैनीताल फुल का बोर्ड भी लगा दिया। जिस वजह से नैनिताल घूमने आ रहे हजारों पर्यटकों को वापिस जाना पड़ा। साथ ही बताया कि अमूमन होता ये है कि रोज पर्यटक आता है और रोज पर्यटक जाता है। लेकिन प्रशासन ने इस चीज को बिना ध्यान में रखे नैनीताल को फुल करने दिया। जिस वजह से 10 दिन तक वहा ज्यादा पर्यटक नही आये उससे 50 फीसदी व्यापार कम हो गया। 

बाइट - सुहृद सुदर्शन साह, अध्यक्ष, पर्यावरण प्रबोधिनी डेवलोपमेन्ट सोसायटी, नैनीताल 


वही इस मसले पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस बार नैनीताल बहुत ज्यादा पर्यटक पहुचे है जो अपनी गाड़ियों से माल रोड तक नही जा पाए है। क्योंकि तमाम सैलानियों वहा आ रहे जिस वजह से भीड़ बढ़ रहा है। लेकिन सैलानी सुबह आ रहे है और शाम को वापिस जा रहे है। जिस वजह से नैनिताल में कई गयी तमाम सुविधाओं का प्रयोग नही किया जा रहा है। साथ ही बताया कि आने वाले समय मे कैरिंग कैपेसिटी डिफाइन करनी पड़े, कौन से वाहन को परमिट दी जाए इस मसले पर तमाम लोगो और प्रशासन से बात करनी पड़ेगी। 

बाइट - दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव


Conclusion:
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