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THDC और NTPC के एकीकरण का मामला पहुंचा हाई कोर्ट, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता का तर्क है कि टीएचडीसी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का कार्य करती है और एनटीपीसी थर्मल पावर प्रोजेक्ट का काम करती है. इसीलिए इन दोनों का विलय नहीं किया जा सकता है.

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नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Jan 2, 2020, 6:25 PM IST

Updated : Jan 4, 2020, 12:09 PM IST

नैनीताल: केंद्र सरकार द्वारा टीएचडीसी और एनटीपीसी एकीकरण करने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया हैं. मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले में केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार और उत्तर प्रदेश समेत एनटीपीसी टीएचडीसी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने का कहा है.

बता दें कि टिहरी निवासी भूपेंद्र सिंह बिष्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पांच दिसंबर 2019 को लिए गए टीएचडीसी और एनटीपीसी के एकीकरण के फैसले को चुनौती दी थी.

कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

पढ़ें- रेल किराया बढ़ोतरी ने ढीली की आम आदमी की जेब, लंबी दूरी के यात्रियों पर सबसे ज्यादा असर

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला नियम विरुद्ध है, क्योंकि टीएचडीसी हाइड्रो प्रोजेक्ट का कार्य करती है और एनटीपीसी थर्मल पावर प्रोजेक्ट का काम करती है. इसीलिए इन दोनों का विलय नहीं किया जा सकता है. साथ टीएचडीसी को हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का कार्य का अनुभव नहीं है. जिससे भविष्य में कोई बड़ी घटना हो सकती है.

गुरुवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार समेत टीएचडीसी और एनटीपीसी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.

नैनीताल: केंद्र सरकार द्वारा टीएचडीसी और एनटीपीसी एकीकरण करने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया हैं. मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले में केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार और उत्तर प्रदेश समेत एनटीपीसी टीएचडीसी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने का कहा है.

बता दें कि टिहरी निवासी भूपेंद्र सिंह बिष्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पांच दिसंबर 2019 को लिए गए टीएचडीसी और एनटीपीसी के एकीकरण के फैसले को चुनौती दी थी.

कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

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याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला नियम विरुद्ध है, क्योंकि टीएचडीसी हाइड्रो प्रोजेक्ट का कार्य करती है और एनटीपीसी थर्मल पावर प्रोजेक्ट का काम करती है. इसीलिए इन दोनों का विलय नहीं किया जा सकता है. साथ टीएचडीसी को हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का कार्य का अनुभव नहीं है. जिससे भविष्य में कोई बड़ी घटना हो सकती है.

गुरुवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार समेत टीएचडीसी और एनटीपीसी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.

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टी एच डी सी और एन टी पी सी के एकीकरण के मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब।

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केंद्र सरकार द्वारा टीएचडीसी और एनटीपीसी एकीकरण करने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, उत्तर प्रदेश राज्य सरकार समेत टीएच्डीसी को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।


Body:आपको बता दें कि टिहरी निवासी भूपेंद्र सिंह बिष्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर केंद्र सरकार द्वारा 5 दिसंबर 2019 को लिए गए फैसले को फैसले को चुनौती देते हुए कहा है कि सरकार का फैसला नियम विरुद्ध है क्योंकि टीएचडीसी हाइड्रो प्रोजेक्ट का कार्य करती है, और एनटीपीसी थर्मल पावर प्रोजेक्ट का काम करती है इसीलिए इन दोनों का विलय नहीं किया जा सकता टीएचडीसी को हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का कार्य का अनुभव नहीं है जिससे भविष्य में कोई बड़ी घटना हो सकती है।


Conclusion:आज मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केंद्र सरकार राज्य सरकार उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की एच डी सी समेत एनटीपीसी को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी।

बाईट- बी डी उपाध्याय, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
Last Updated : Jan 4, 2020, 12:09 PM IST
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