हल्द्वानी: तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी पहली बार अपने 82,489 हेक्टेयर वन क्षेत्र में बर्ड्स एवं बायो डायवर्सिटी सर्वे करने जा रहा है. तराई पूर्वी डिवीजन 27 से 30 जनवरी तक अपने चार दिवसीय कार्यक्रम में अपनी 9 रेंज में सर्वे कराएगा, जिसमें स्थानीय व प्रवासी पक्षियों की संख्या, घोंसले और प्रजातियों की गणना की जानकारियां जुटाई जाएंगी. इस जानकारी से एक प्रमाणित डेटा बनाया जाएगा. अभी तक तराई पूर्वी वन प्रभाग में कोई बर्ड डेटा नहीं है.
इन चार दिनों के सर्वे से एक दिन पहले सभी वॉलिंटियर्स, वन कर्मी आदि को विभाग ट्रेनिंग देगा, ताकि सर्वे का काम सही तरीके से हो सके. सर्वे के लिए तराई पूर्वी डिवीजन के एसडीओ अनिल जोशी को नोडल अधिकारी बनाया गया है. इस सर्वे में कोई भी फोटोग्राफर पक्षी प्रेमी भाग हिस्सा सकता है. सर्वे को लेकर वन विभाग और नेचर लवर्स में काफी उत्साह है.
आपको बता दें कि तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत बेगुल डैम, नानकमत्ता डैम, ककरा क्रोकोडायल ट्रेल, मल्लाखाल ग्रासलैंड पर विशेष नजर रहेगी, क्योंकि इन क्षेत्रों में पक्षियों की आमद अधिक संख्या में होने की सम्भावना है. अनिल जोशी के मुताबिक यह पहली बार है जब बर्ड की काउंटिंग के लिए वन विभाग एक मुहिम चला रहा है.
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सर्दियों में आते हैं मेहमान परिंदे: हर साल सर्दियों का मौसम शुरू होते ही कई प्रजाति के विदेशी परिंदे हजारों किलोमीटर का हवाई सफर कर उत्तराखंड पहुंचते हैं. कुछ महीनों तक यहीं उनका अस्थाई बसेरा होता है. इन विदेशी मेहमानों के दीदार के लिए बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी और सैलानी उत्तराखंड पहुंचते हैं.