हल्द्वानी: प्रधानमंत्री 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन लगातार टीबी के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है यही नहीं अब कई टीबी के मरीजों में एचआईवी के लक्षण भी पाए जा रहे हैं, जो चिंता का विषय बन रहा है.
नैनीताल जनपद में साल 2018 में 3206 टीबी के मरीज सामने आए थे. जिसमें टीबी के मरीज के साथ साथ 7 एचआईवी संक्रमित मरीज भी पाए गए थे, तो वहीं साल 2019 में 4,417 टीबी के नए मरीज सामने आए, जिसमें 13 मरीज एचआईवी संक्रमित पाए गए. तो वहीं, इस साल जनवरी माह में 294 टीबी के मरीज सामने आए हैं. जिसमें 7 एचआईवी संक्रमित रोगी भी पाए गए हैं. जिनको ART सेंटर के लिए भेजा गया है.
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जिला क्षय रोग अधिकारी आरके जोशी के मुताबिक, टीबी के मरीजों की संख्या में बढ़ने का मुख्य कारण लोगों द्वारा इस बीमारी को छुपाए जाना और निजी अस्पतालों द्वारा इसका डाटा नहीं दिया जाना मुख्य वजह था. ऐसे में अब निजी अस्पतालों से डाटा सामने आने के बाद टीबी के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रही है. प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए विभाग द्वारा जन जागरुकता अभियान के साथ-साथ टीबी रोगियों को भरण-पोषण भत्ता के लिए डीबीडी के माध्यम से रोगियों को ₹500 महीना दिया जा रहा है. जिसकी टीबी के बीमारी पर अंकुश लगाया जा सके.