हल्द्वानी: कैबिनेट मंत्री और नैनीताल जिले के प्रभारी मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने आपदा प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और प्रभावितों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है. मंत्री यतीश्वरानंद ने काठगोदाम, रानीबाग के अलावा गौला पुल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को नुकसान के तुरंत आकलन का निर्देश दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों में जिस किसी भी अधिकारी की लापरवाही की शिकायत मिलेगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल जनपद को हुआ है. प्रभारी मंत्री होने के नाते उनकी जिम्मेदारी बनती है कि जिन लोगों तक राहत नहीं पहुंच पा रही है, उन्हें तुरंत राहत सामग्री मुहैया कराई जाए. इसके अलावा जिन क्षेत्रों में खाने-पीने के सामान का संकट खड़ा है, उन क्षेत्रों में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि तुरंत वहां खाद्य सामग्री पहुंचाई जाए.
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हरीश रावत को भी दी नसीहत: वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा आपदा में सरकार को विफल बताते हुए घेरने का काम किया गया है. सरकार को आपदा में फेल बताकर हरीश रावत के उपवास पर बैठने पर यतीश्वरानंद ने नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि आपदा में काम करने की जरूरत है. लेकिन हरीश रावत आपदा के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. आपदा की इस घड़ी में हरीश रावत को सरकार को सुझाव देना चाहिए था न कि राजनीति करनी चाहिए थी.
आपदा को लेकर AAP का प्रदर्शन: भारी बारिश के बीच उत्तराखंड सहित कुमाऊं को भारी नुकसान उठाना पड़ा है कई लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, अभी भी लोग राहत बचाव के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं. सरकारी मशीनरी और आम आदमी लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश में जुटा हुआ है. इसी बीच में आम आदमी पार्टी ने हल्द्वानी के क्षतिग्रस्त हुए गौला पुल पर धरना देते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के चलते करोड़ों की लागत से बना पुल बह गया.
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गौला पुल पर धरना देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार में पुल का निर्माण हुआ और बीजेपी सरकार में पुल बह गया. जिससे साफ हो रहा है कि पुल निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. पूर्व में भी पुल की गुणवत्ता को लेकर कई बार शिकायतें सामने आ चुकी थीं. उसके बावजूद भी सरकार नहीं जागी, जिसका नतीजा रहा कि नदी के बहाव में पुल का एक हिस्सा बह गया है.
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धरना देते हुए कहा कि गौला पुल के नीचे भारी मात्रा में अवैध खनन भी किया जाता है. लेकिन प्रशासन और सरकार यहां पर होने वाले अवैध खनन को भी नहीं रोक पाया, जिसका नतीजा है कि आज पुल क्षतिग्रस्त हुआ है.