हल्द्वानीः प्रदेश के छह आईटीआई कॉलेजों को प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग समायोजन करने जा रहा है. बताया जा रहा है कि इन कॉलेजों में छात्र संख्या काफी कम है. जिसके चलते इन कॉलेजों को आसपास के कालेजों से समायोजन किया जाएगा. जिससे कि तकनीकी शिक्षा के गुणवत्ता को सुधारा जा सके.
प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के इकबाल अहमद के मुताबिक हल्द्वानी के महिला आईटीआई कॉलेज को हल्द्वानी (युवक) आईटीआई में, जबकि काशीपुर महिला आईटीआई को आईटीआई कॉलेज (युवक) में समायोजन किया जाएगा.
आईटीआई बौराड़ी को आईटीआई टिहरी में, आईटीआई सितारगंज विशिष्ट को आईटीआई सितारगंज में,आईटीआई अस्कोट को आईटीआई धारचूला में तथा आईटीआई लोअर बाजार को श्रीनगर आईटीआई में मर्ज किया जाएगा.
यही नहीं इन कॉलेजों में तैनात अनुदेशकों को भी उसी कॉलेज में मर्ज किया जाएगा, जबकि उक्त कालेजों के प्रधानाचार्य को प्रदेश के खाली आईटीआई कॉलेजों में तैनाती दी जाएगी. गौरतलब है कि प्रदेश के 93 आईटीआई कॉलेजों में 50 से अधिक कॉलेजों में प्रधानाचार्य तक तैनात नहीं हैं.
एक प्रधानाचार्य को कुमाऊं के 26 आईटीआई कॉलेजों की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि उसका मूल पद तकनीकी निदेशालय में सहायक निदेशक का है. कागजों में प्रशिक्षण निदेशालय हल्द्वानी में चल रहा है, मगर निदेशालय की सारी बैठकें और योजनाओं की मोहर देहरादून में लगाई जाती है. इसलिए प्रदेश के 50 से अधिक आईटीआई कॉलेजों में प्रधानाचार्य नहीं है.
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यही नहीं हल्द्वानी निदेशालय में दो उपनिदेशक और एक सहायक निदेशक को प्राचार्य के अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है, जो राज्य के 30 आईटीआई कॉलेजों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. यही नहीं एक सहायक निदेशक के पास चंपावत जिले के 8 और पिथौरागढ़ जिले के 18 आईटीआई कॉलेज हैं जो हल्द्वानी निदेशालय से करीब 200 किलोमीटर दूर पर हैं और सहायक निदेशक इन कॉलेजों का संचालन हल्द्वानी निदेशालय में बैठ कर रहे हैं. इस तरह निदेशालय के अफसरों को आईटीआई संचालित करने का जिम्मा देने से तकनीकी शिक्षा बदहाली की ओर जा रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी देहरादून में बैठकर निदेशालय को चला रहे हैं.