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हल्द्वानी महिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, गर्भवतियों को झेलनी पड़ रही परेशानी

हल्द्वानी महिला अस्पताल इन दिनों डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. इसका खामियाजा गर्भवती महिलाओं को घंटों लाइन में लग कर भुगतना पड़ रहा है. अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ऊषा जंगपांगी का कहना है कि डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है.

Haldwani Women Hospital
हल्द्वानी महिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
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Published : May 28, 2022, 2:36 PM IST

हल्द्वानी: महिला अस्पताल हल्द्वानी में डॉक्टरों की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में डॉक्टर हम होने की वजह से घंटों लाइन में खड़े होना पड़ता है. साथ ही अस्पताल में अव्यवस्थाओं के कारण भी महिलाएं परेशान हो रही हैं. अल्पताल पहुंची गर्भवती महिला हिमानी ने बताया कि वो सुबह से लाइन में लगीं हैं लेकिन क्षेत्र की आशा वर्कर अपने साथ तीन-तीन महिलाओं को एक साथ डॉक्टरों को दिखा रही हैं.

गर्भवती महिलाओं का कहना है इस अवस्था में वो ज्यादा देर तक खड़ी नहीं रह सकती लेकिन अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को दो से तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में उनको कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

हल्द्वानी महिला अस्पताल में डॉक्टर नहीं.
पढ़ें- राजस्थानी तीर्थयात्रियों की बस सुरक्षा दीवार से टकराई, केदारनाथ से लौटते समय हुआ हादसा

इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ऊषा जंगपांगी का कहना है कि अस्पताल में गायनोकॉलोजिस्ट के 8 पद हैं लेकिन वर्तमान में सिर्फ पांच डॉक्टरों की तैनाती है. उन पांच डॉक्टरों में तीन डॉक्टर अस्पताल में हैं, जबकि एक डॉक्टर को मसूरी अस्पताल से अटैच किया गया है और एक डॉक्टर मैटरनिटी (Maternity) छुट्टी पर हैं. उन्होंने महिला डॉक्टर के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को लिखा है.

हल्द्वानी: महिला अस्पताल हल्द्वानी में डॉक्टरों की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में डॉक्टर हम होने की वजह से घंटों लाइन में खड़े होना पड़ता है. साथ ही अस्पताल में अव्यवस्थाओं के कारण भी महिलाएं परेशान हो रही हैं. अल्पताल पहुंची गर्भवती महिला हिमानी ने बताया कि वो सुबह से लाइन में लगीं हैं लेकिन क्षेत्र की आशा वर्कर अपने साथ तीन-तीन महिलाओं को एक साथ डॉक्टरों को दिखा रही हैं.

गर्भवती महिलाओं का कहना है इस अवस्था में वो ज्यादा देर तक खड़ी नहीं रह सकती लेकिन अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को दो से तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में उनको कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ऊषा जंगपांगी का कहना है कि अस्पताल में गायनोकॉलोजिस्ट के 8 पद हैं लेकिन वर्तमान में सिर्फ पांच डॉक्टरों की तैनाती है. उन पांच डॉक्टरों में तीन डॉक्टर अस्पताल में हैं, जबकि एक डॉक्टर को मसूरी अस्पताल से अटैच किया गया है और एक डॉक्टर मैटरनिटी (Maternity) छुट्टी पर हैं. उन्होंने महिला डॉक्टर के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को लिखा है.

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