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प्याज की मार से दुकानदार भी बेहाल, सेब और अनार से महंगे हुए दाम

प्याज ने आम आदमी के बजट को बुरी तरह से बिगाड़ दिया है. वहीं, प्याज की बढ़ी कीमत दुकानदारों को भी प्रभावित कर रही है. इस कारण लोग प्याज को छोड़कर अनार और सेब के व्यापार की ओर रुख कर रहे हैं.

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Published : Dec 21, 2019, 12:44 PM IST

onion in haldwani
हल्द्वानी में प्याज की मार

हल्द्वानी: इस समय प्याज के दाम अपनी ऊंचाईयां छू ली है. प्याज के बढ़ते दाम ने अनार और सेब को भी पीछे छोड़ दिया है. इस समय जहां अनार 70 से 80 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. वहीं, प्याज 100-120 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. इस कारण दुकानदार प्याज का कारोबार छोड़कर अनार और सेब के कारोबार में फायदा तलाश रहे हैं.

हल्द्वानी में प्याज की मार.

प्याज के आसमान छूते दाम से आम आदमी का बजट बिगड़ रहा है. एक ओर सब्जियों का स्वाद फीका हो रहा है. वहीं, प्याज धीरे-धीरे किचन से गायब होता जा रहा है. महंगाई का आलम ये है कि पहले 1 किलो प्याज खरीदने वाले लोग अब 100 ग्राम और ढाई सौ ग्राम प्याज खरीदकर काम चला रहे हैं. वहीं, प्याज के बड़े कारोबारियों का कहना है कि मंडियों में प्याज की आवक बहुत कम हो गई है. ऐसे में बाजार से भी प्याज के खरीददार गायब हो गए हैं. वहीं, अब प्याज के बड़े कारोबारी प्याज के कारोबार से हाथ पीछे खींच रहे हैं.

ये भी पढ़ें:पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

गौरतलब है कि कुमाऊं की सबसे बड़ी सब्जी मंडी हल्द्वानी में अन्य दिनों रोजाना 70 से 80 टन प्याज की आवक होती थी, जो अब घटकर 10 से 15 टन ही रह गई है. ऐसे में बड़े कारोबारी प्याज के कारोबार से अपना हाथ खींच रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि अनार और सेब के बराबर जब प्याज की कीमत हो गई है, तो क्यों ना फलों के कारोबार में ही मुनाफा तलाशा जाए.

हल्द्वानी: इस समय प्याज के दाम अपनी ऊंचाईयां छू ली है. प्याज के बढ़ते दाम ने अनार और सेब को भी पीछे छोड़ दिया है. इस समय जहां अनार 70 से 80 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. वहीं, प्याज 100-120 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. इस कारण दुकानदार प्याज का कारोबार छोड़कर अनार और सेब के कारोबार में फायदा तलाश रहे हैं.

हल्द्वानी में प्याज की मार.

प्याज के आसमान छूते दाम से आम आदमी का बजट बिगड़ रहा है. एक ओर सब्जियों का स्वाद फीका हो रहा है. वहीं, प्याज धीरे-धीरे किचन से गायब होता जा रहा है. महंगाई का आलम ये है कि पहले 1 किलो प्याज खरीदने वाले लोग अब 100 ग्राम और ढाई सौ ग्राम प्याज खरीदकर काम चला रहे हैं. वहीं, प्याज के बड़े कारोबारियों का कहना है कि मंडियों में प्याज की आवक बहुत कम हो गई है. ऐसे में बाजार से भी प्याज के खरीददार गायब हो गए हैं. वहीं, अब प्याज के बड़े कारोबारी प्याज के कारोबार से हाथ पीछे खींच रहे हैं.

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गौरतलब है कि कुमाऊं की सबसे बड़ी सब्जी मंडी हल्द्वानी में अन्य दिनों रोजाना 70 से 80 टन प्याज की आवक होती थी, जो अब घटकर 10 से 15 टन ही रह गई है. ऐसे में बड़े कारोबारी प्याज के कारोबार से अपना हाथ खींच रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि अनार और सेब के बराबर जब प्याज की कीमत हो गई है, तो क्यों ना फलों के कारोबार में ही मुनाफा तलाशा जाए.

Intro:sammry- अनार और सेब का जगह पर प्याज हुआ लाल ,किचन का बजट बिगड़ा प्याज के कारोबारी उतरे अनार के कारोबार पर। एंकर-प्याज के दाम अब लोगों को आँसू रुला रहे हैं अनार और सेब से भी मांगा प्याज हो गया सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है ।अनार जहां 70-80 में बिक रहा है वही प्याज100-120 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। पहले प्याज की कारोबार करने वाले अब अनार के कारोबार कर रहे हैं। दुकानदारों की मानें तो प्याज की आवक कम हो गई है ऐसे में अब मजबूरन उनको प्याज के जगह पर अनार और सेब का कारोबार करना पड़ रहा है। क्योंकि प्याज के कारोबार में नुकसान हो रहा है और अनार के कारोबार में फायदा। बाइट- फल दुकानदार


Body:प्याज के आसमान छूते दाम से आम आदमी का दम निकल रहा है ।बढ़ती महंगाई के कारण किचन का बजट बिगड़ गया है और सब्जियों का स्वाद फीका हो रहा है ।प्याज धीरे-धीरे किचन से गायब हो रहा है महंगाई का यह आलम है कि पहले 1 किलो प्याज खरीदने वाले लोग अब 100 ग्राम और ढाई सौ ग्राम प्याज खरीद काम चला रहे हैं। वहीं प्याज के बड़े कारोबारियों का कहना है कि मंडियों में प्याज की आवक बहुत कम हो गई है ।बाजार से प्याज के खरीदार गायब है ऐसे में अब प्याज के बड़े कारोबारी प्याज के कारोबार से हाथ पीछे खींच रहे है। बाइट- लख्मीचंद आसवानी प्याज व्यापारी


Conclusion:गौरतलब है कि कुमाऊ की सबसे बड़ी सब्जी मंडी में हल्द्वानी में अन्य दिनों रोजाना 70 से 80 टन प्याज की आवक होती थी जो अब आवक घटकर 10 से 15 टन रह गई है। ऐसे में बड़े कारोबारी प्याज के कारोबार से अपना हाथ खींच रहे हैं और अनार सेव के कारोबार में लग गए हैं।
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