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आज तक दारमा वैली में नहीं बनी सड़क, सीमा पर तैनात जवानों तक सप्लाई पहुंचाने में आ रही मुश्किल

पिथौरागढ़ जिले में 14 गांव को मिलाकर बनी दारमा वैली के लोग आज भी सड़क की मांग कर रहे हैं. लेकिन आजादी के बाद भी लोगों को सड़क की सुविधा नहीं मिल पाई है.

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Published : Sep 18, 2019, 1:13 PM IST

आजादी के बाद भी यहां नहीं पहुंची सड़क.

नैनीताल: प्रदेश में राज्य सरकार विकास को लेकर लाख दावे करे, लेकिन धरातल पर ये सभी दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं. ताजा मामला पिथौरागढ़ के दारमा वैली में स्थित 14 गांवों का है, जहां आजादी के बाद से स्थानीय लोग सड़क की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण परेशानी सहने को मजबूर हैं. सड़क और जरूरी सुविधाओं के अभाव में स्थानीय लोगों के साथ आईटीबीपी के भी जवान परेशान हो रहे हैं.

राज्य सरकार की उदासीनता के चलते पिथौरागढ़ जिले में 14 गांव को मिलाकर बनी दारमा वैली के लोग आज भी सड़क की मांग कर रहे हैं. आजादी से अब तक दारमा वैली के लोग सरकार से सड़क की गुहार लगा रहे है, लेकिन सरकार ने आज तक इन गांव के लोगों की आवाज नहीं सुनी. सड़क न होने से स्थानीय लोगों को रोजाना कच्चे रास्तों पर जरूरत पूरा करने के लिए 60 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.

आजादी के बाद भी यहां नहीं पहुंची सड़क.

वहीं, इस मामले में क्षेत्रीय विधायक हीरा सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण आज तक गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है. हालांकि, पिछली सरकार ने कुछ गांवों को सड़क से जोड़ा था, लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने के बाद सड़कों का काम अधर में लटक गया है.

ये भी पढ़ें: मसूरी हत्याकांड: हत्यारे पति को आजीवन कारावास, पिता ने कहा फांसी होती तो अच्छा था

सुरक्षा की दृष्टि से भी धारचूला से दारमा वैली को जोड़ने वाली सड़क बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इस गांव से महज 30 किलोमीटर दूर चाइना बार्डर है. साथ ही आईटीबीपी का बेस कैम्प भी इस स्थान पर है, जिस कारण आईटीबीपी के जवानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

नैनीताल: प्रदेश में राज्य सरकार विकास को लेकर लाख दावे करे, लेकिन धरातल पर ये सभी दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं. ताजा मामला पिथौरागढ़ के दारमा वैली में स्थित 14 गांवों का है, जहां आजादी के बाद से स्थानीय लोग सड़क की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण परेशानी सहने को मजबूर हैं. सड़क और जरूरी सुविधाओं के अभाव में स्थानीय लोगों के साथ आईटीबीपी के भी जवान परेशान हो रहे हैं.

राज्य सरकार की उदासीनता के चलते पिथौरागढ़ जिले में 14 गांव को मिलाकर बनी दारमा वैली के लोग आज भी सड़क की मांग कर रहे हैं. आजादी से अब तक दारमा वैली के लोग सरकार से सड़क की गुहार लगा रहे है, लेकिन सरकार ने आज तक इन गांव के लोगों की आवाज नहीं सुनी. सड़क न होने से स्थानीय लोगों को रोजाना कच्चे रास्तों पर जरूरत पूरा करने के लिए 60 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.

आजादी के बाद भी यहां नहीं पहुंची सड़क.

वहीं, इस मामले में क्षेत्रीय विधायक हीरा सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण आज तक गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है. हालांकि, पिछली सरकार ने कुछ गांवों को सड़क से जोड़ा था, लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने के बाद सड़कों का काम अधर में लटक गया है.

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सुरक्षा की दृष्टि से भी धारचूला से दारमा वैली को जोड़ने वाली सड़क बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इस गांव से महज 30 किलोमीटर दूर चाइना बार्डर है. साथ ही आईटीबीपी का बेस कैम्प भी इस स्थान पर है, जिस कारण आईटीबीपी के जवानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Intro:SUMMRY

प्रदेश में राज्य सरकार उत्तराखंड के विकाश को लेकर लाखो दावे करे लेकिन सरकार के ये सारे दावे हवा हवाई साबित दिख रहे है, क्यो की प्रदेश में कई एसे गाॅव है जो आज भी सडक से महरूम है और गाॅव में सडक ना होने से ग्रामीणो को काफी दिक्कतो का सामना करना पढ रहा है।

Intro

सरकार की उदासीनता के चलते पिथौरागढ जिले के दारमा वैली के 14 गाॅव के लोग आज भी सरकार से आस लगाए बैठे है की सरकार उनकी सडक की माग को पुरा करेगी, देश आजद होने के बाद से दारमा वैली के लोग सरकार से सडक की माग कर रहे है मगर सरकार ने आज तक इस गाॅव के लोगो की आज तक नही सुनी,,, सडक ना होने से स्थानिय लोगो को रोजाना कच्चे उबड खाबड रास्तो से जान हथेली पर रख कर रोज मररा की जरूरत को पुरा करने के लिए 60 किलो मिटर का सफर तय करने को मजबुर है वही इन लोगो को मात्र 60 किलामिटर की दुरी तय करने के लिए 6 घंटे का सफर तय करना पढता है,,Body:वही सडक ना होने से गाॅव के लोगो को हो रही दिक्कत के मामले में क्षेत्रीय विधायल का कहना है की राज्य सरकार की उदासीनता की वजह से आज तक गाॅव में सडक नही पहुची है, हालाकि पिछली सरकार के द्धारा कुछ गाॅवो को सडक से जोडा गया था मगर प्रदेश में सरकार बदलने के बाद सडको का काम अधर में लटक गया।
बाईट- हीरा सिह धामी विधायक
Conclusion:वही सुरक्षा की दृष्टी से भी धारचुला से दारमा वैली को जोडने वाली सडक बेहद महत्वपुर्ण है क्यो की इस गाॅव से महज 30 किलोमीटर दुर चाईना बार्डर है, और आईटीबीपी का बैस कैम्प भी इस स्थान पर है, सडक ना होने से स्थानीय लोगो के साथ साथ आईटीबीपी को काफी दिक्कतो का सामना करना पढता है।

बाईट- गणेश सिंह, स्थानीय।
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