नैनीताल: प्रदेश में राज्य सरकार विकास को लेकर लाख दावे करे, लेकिन धरातल पर ये सभी दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं. ताजा मामला पिथौरागढ़ के दारमा वैली में स्थित 14 गांवों का है, जहां आजादी के बाद से स्थानीय लोग सड़क की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण परेशानी सहने को मजबूर हैं. सड़क और जरूरी सुविधाओं के अभाव में स्थानीय लोगों के साथ आईटीबीपी के भी जवान परेशान हो रहे हैं.
राज्य सरकार की उदासीनता के चलते पिथौरागढ़ जिले में 14 गांव को मिलाकर बनी दारमा वैली के लोग आज भी सड़क की मांग कर रहे हैं. आजादी से अब तक दारमा वैली के लोग सरकार से सड़क की गुहार लगा रहे है, लेकिन सरकार ने आज तक इन गांव के लोगों की आवाज नहीं सुनी. सड़क न होने से स्थानीय लोगों को रोजाना कच्चे रास्तों पर जरूरत पूरा करने के लिए 60 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
वहीं, इस मामले में क्षेत्रीय विधायक हीरा सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण आज तक गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है. हालांकि, पिछली सरकार ने कुछ गांवों को सड़क से जोड़ा था, लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने के बाद सड़कों का काम अधर में लटक गया है.
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सुरक्षा की दृष्टि से भी धारचूला से दारमा वैली को जोड़ने वाली सड़क बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इस गांव से महज 30 किलोमीटर दूर चाइना बार्डर है. साथ ही आईटीबीपी का बेस कैम्प भी इस स्थान पर है, जिस कारण आईटीबीपी के जवानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.