हल्द्वानी: मानसून और आपदा के मद्देनजर (आरएफसी) पहाड़ों को करीब पांच हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न भेजने जा रहा है. जिससे कि बरसात और आपदा के दौरान पहाड़ों पर खाद्यान्न का संकट ना हो. क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक (RFC) बीएस चलाल ने बताया कि जून-जुलाई और अगस्त माह में पहाड़ों पर भारी बरसात और आपदा के चलते रास्ते बंद हो जाते हैं. जिसके मद्देनजर पहाड़ों पर खाद्यान्न का संकट ना हो, इसके लिए पहाड़ों से खाद्यान्न की डिमांड आई है. जहां शासन के निर्देश के बाद खाद्यान्न भेजने की कार्रवाई की जा रही है.
उन्होंने बताया कि पहाड़ों के सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर किसी तरह के खाद्यान्न की दिक्कत ना हो उसके लिए पहाड़ों के अलग-अलग जिलों से 3 महीनों के लिए अतिरिक्त खाद्यान्न की जिलेवार डिमांड आई है. जहां कुमाऊं मंडल के पहाड़ के 5 जिलों के लिए 1717.538 मीट्रिक टन गेहूं, जबकि 3258 मीट्रिक टन चावल की डिमांड आई है. डिमांड स्वीकृति के लिए आयुक्त खाद्य विभाग को भेजा गया है. स्वीकृति मिलते ही पहाड़ों पर खाद्यान्न भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि 3 महीने का अतिरिक्त राशन भेजने से पहाड़ों के सस्ते गले दुकानदारों से राशन कार्ड धारक अपना राशन ले सकेंगे.
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जिससे आपदा और बरसात के दौरान लोगों को राशन की दिक्कत ना हो. उन्होंने कहा खाद्य आयुक्त से स्वीकृति मिलते ही 15 जून पहाड़ों पर राशन भेज दिया जाएगा. गौरतलब है कि जून-जुलाई और अगस्त महीनों में पहाड़ों पर आपदा और बरसात के चलते जगह-जगह रास्ते बंद हो जाते हैं. जिसके चलते पहाड़ों पर खाद्यान्न का संकट ना हो, जिसके मद्देनजर कुमाऊं मंडल के पहाड़ के 5 जिलों से खाद्यान्न की डिमांड आई है. जहां आरएफसी ने खाद्यान्न भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है.