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लेखपालों ने अतिरिक्त जिम्मेदारी निभाने से किया इनकार, अभिलेख तहसील में जमा किए

तहसील रामनगर (Ramnagar Tehsil) में मांगों को लेकर लेखपाल लामबंद हो गए हैं. लेखपालों के द्वारा अतिरिक्त लेखपाल क्षेत्रों ग्राम थारी, मोतीपुर, बैलजुड़ी, रामनगर, बसई तथा पाटकोट कुल 6 लेखपाल क्षेत्रों के कुल 45 ग्रामों के सभी राजस्व अभिलेख तहसील में जमा कर कर दिए हैं.

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लेखपालों का विरोध
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Published : Jul 2, 2022, 9:25 AM IST

Updated : Jul 2, 2022, 11:16 AM IST

रामनगर: तहसील रामनगर (Ramnagar Tehsil) में लेखपाल मुखर हैं. लेखपालों के द्वारा अतिरिक्त लेखपाल क्षेत्रों ग्राम थारी, मोतीपुर, बैलजुड़ी, रामनगर, बसई तथा पाटकोट कुल 6 लेखपाल क्षेत्रों के कुल 45 ग्रामों के सभी राजस्व अभिलेख तहसील में जमा कर कर दिए हैं. तहसील अध्यक्ष डीएस पंचपाल ने बताया कि विगत कई वर्षों से तहसील में रिक्त लेखपाल पदों को नहीं भरा जा रहा है और न ही लेखपाल क्षेत्रों का पुनर्गठन हो पाया. बदलते समय में बढ़ते हुए जनसंख्या घनत्व के कारण कार्य की अधिकता के कारण लेखपालों को शारीरिक, मानसिक समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन आज तक कोई स्थाई समाधान नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि लेखपालों (Revenue Sub Inspector Protest) पर अतिरिक्त कार्य होने के कारण गत वर्षों में सेवा का अधिकार, सूचना का अधिकार, विभिन्न आयोगों के पत्र, शासन प्रशासन के जांच सम्बन्धी प्रकरण तथा प्रमाण पत्रों एवं मूल कार्य भूलेख आदि कार्य समय से पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं. इन परिस्थितियों में कोई भी लेखपाल अतिरिक्त क्षेत्रों पर कार्य करने में सहमत नहीं है. लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष ताराचन्द्र घिल्डियाल ने बताया कि राजस्व अभिलेखों के साथ-साथ अतिरिक्त क्षेत्रों के समस्त प्रमाण पत्रों का भी कार्य बहिष्कार रहेगा.

लेखपालों ने अतिरिक्त जिम्मेदारी निभाने से किया इनकार.

पढ़ें-Reality Check: देहरादून में सिर्फ आदेश तक सीमित पॉलीथिन बैन, जिला प्रशासन और निगम बेपरवाह

बता दें कि ग्रामीण विकास में पटवारियों की सीधी सहभागिता होती है. आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र, जमीन बंटवारा, नक्शा-खसरा जैसे मुख्य कार्य का जिम्मा पटवारियों के पास है, लेकिन जिले में पटवारियों की कम संख्या होने के कारण ग्रामीणों को इन सभी प्रमाणपत्र के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है. जिले में जितने गांव हैं उसके हिसाब से पटवारियों की संख्या काफी कम है. एक पटवारी को कई गांवों की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे उनके काम का बोझ बढ़ता जा रहा है.

रामनगर: तहसील रामनगर (Ramnagar Tehsil) में लेखपाल मुखर हैं. लेखपालों के द्वारा अतिरिक्त लेखपाल क्षेत्रों ग्राम थारी, मोतीपुर, बैलजुड़ी, रामनगर, बसई तथा पाटकोट कुल 6 लेखपाल क्षेत्रों के कुल 45 ग्रामों के सभी राजस्व अभिलेख तहसील में जमा कर कर दिए हैं. तहसील अध्यक्ष डीएस पंचपाल ने बताया कि विगत कई वर्षों से तहसील में रिक्त लेखपाल पदों को नहीं भरा जा रहा है और न ही लेखपाल क्षेत्रों का पुनर्गठन हो पाया. बदलते समय में बढ़ते हुए जनसंख्या घनत्व के कारण कार्य की अधिकता के कारण लेखपालों को शारीरिक, मानसिक समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन आज तक कोई स्थाई समाधान नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि लेखपालों (Revenue Sub Inspector Protest) पर अतिरिक्त कार्य होने के कारण गत वर्षों में सेवा का अधिकार, सूचना का अधिकार, विभिन्न आयोगों के पत्र, शासन प्रशासन के जांच सम्बन्धी प्रकरण तथा प्रमाण पत्रों एवं मूल कार्य भूलेख आदि कार्य समय से पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं. इन परिस्थितियों में कोई भी लेखपाल अतिरिक्त क्षेत्रों पर कार्य करने में सहमत नहीं है. लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष ताराचन्द्र घिल्डियाल ने बताया कि राजस्व अभिलेखों के साथ-साथ अतिरिक्त क्षेत्रों के समस्त प्रमाण पत्रों का भी कार्य बहिष्कार रहेगा.

लेखपालों ने अतिरिक्त जिम्मेदारी निभाने से किया इनकार.

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बता दें कि ग्रामीण विकास में पटवारियों की सीधी सहभागिता होती है. आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र, जमीन बंटवारा, नक्शा-खसरा जैसे मुख्य कार्य का जिम्मा पटवारियों के पास है, लेकिन जिले में पटवारियों की कम संख्या होने के कारण ग्रामीणों को इन सभी प्रमाणपत्र के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है. जिले में जितने गांव हैं उसके हिसाब से पटवारियों की संख्या काफी कम है. एक पटवारी को कई गांवों की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे उनके काम का बोझ बढ़ता जा रहा है.

Last Updated : Jul 2, 2022, 11:16 AM IST
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