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कॉर्बेट पार्क में बसता है खूबसूरत तितलियों का 'संसार', पहली बार दिखाई दी दुर्लभ ऐबरेंट बुश ब्लू तितली

कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के विश्व प्रसिद्ध है. साथ ही जैव विविधता के लिए भी कॉर्बेट नेशनल पार्क देश-विदेश में जाना जाता है. इसी कॉर्बेट पार्क में खूबसूरत तितलियां का संसार भी बसता है. कॉर्बेट में पहली बार ऐबरेंट बुश ब्लू तितली दिखाई दी है.

bush blue butterfly
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Published : Jan 8, 2022, 2:59 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 3:37 PM IST

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के विश्व प्रसिद्ध है. इसके अलावा कॉर्बेट पार्क में हाथी, तेंदुए और अन्य वन्यजीवों के दीदार के लिए लाखों पर्यटक हर साल यहां पहुंचते हैं. साथ ही जैव विविधता के लिए भी कॉर्बेट नेशनल पार्क देश-विदेश में जाना जाता है. इसी कॉर्बेट पार्क में खूबसूरत तितलियों का संसार भी है. इसी क्रम में तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल को कॉर्बेट पार्क पहली बार ऐबरेंट बुश ब्लू तितली दिखाई दी है, जिससे वे काफी खुश हैं.

बता दें कि, लंबे समय से तितलियों पर शोध करने वाले तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल को कॉर्बेट पार्क के गुलरघड़ी श्रोत ढिकुली शिव मंदिर के पास पहली बार ऐबरेंट बुश ब्लू तितली दिखाई दी है. इस दुर्लभ तितली के देखने से तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल का खुशी का ठिकाना नहीं है.

कॉर्बेट पार्क में बसता है खूबसूरत तितलियों का संसार

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह तितली कॉर्बेट पार्क में पहली बार दिखी है, यह काफी दुर्लभ तितली है. खास तौर पर यह देखी नहीं जाती है. उन्होंने कहा कि इसके पिछले कुछ वर्षों में दो बार रिकॉर्ड है जो हिमालयी इलाकों से मिले हैं. लेकिन कॉर्बेट में यह पहली बार देखी गई है. उन्होंने कहा कि इस तितली को ऐबरेंट बुश ब्लू, ऐबरेंट ओकब्लू के नाम से जाना जाता है. यह बहुत खूबसूरत तितली होती है.उन्होंने कहा कि इससे ऐसा लगता है कि इस क्षेत्र में तितलियों पर और शोध करने की जरूरत है.

पढ़ें: रंग-बिरंगी तितलियों का संसार देखना चाहते हैं तो चले आइए यहां

तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल ने बताया कि यह तितली बड़ी नहीं बहुत छोटे आकार की होती है और अधिकतर यह नमी वाले क्षेत्र में पाई जाती है और उच्च हिमालयी या फिर वेस्टर्न घाट में भी पाई जाती है. अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम की तरफ भी पाई जाती है. लेकिन उत्तराखंड से अभी तक दो ही रिकॉर्ड थे. लेकिन इसका कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मिलना एक अच्छा संकेत माना जा सकता है. जैव विविधता में भी इन जीवों का अहम योगदान है.

उन्होंने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के जंगलों में तितलियों की लगभग डेढ़ सौ प्रजातियां पाई जाती हैं. वहीं पूरे भारत में तितलियों की 1,500 प्रजातियां पाई जाती हैं. जिसमें डेढ़ सौ प्रजातियां कॉर्बेट पार्क में हैं जो अपने आप में बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि अगर इसमें और गहनता से शोध किया गया तो यह आंकड़ा 200 से ढाई सौ पार कर सकता है. बता दें कि, कॉर्बेट पार्क में इमीग्रेंट, मारमून, ब्लैक पेंसिल, कॉमन टाइगर, ग्रास ज्वेल, पी ब्लू, कॉमन सेलर, कॉफमैन जैम, बैरोनट आदि यह सब तितलियां कॉर्बेट में पाई जाती है.

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के विश्व प्रसिद्ध है. इसके अलावा कॉर्बेट पार्क में हाथी, तेंदुए और अन्य वन्यजीवों के दीदार के लिए लाखों पर्यटक हर साल यहां पहुंचते हैं. साथ ही जैव विविधता के लिए भी कॉर्बेट नेशनल पार्क देश-विदेश में जाना जाता है. इसी कॉर्बेट पार्क में खूबसूरत तितलियों का संसार भी है. इसी क्रम में तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल को कॉर्बेट पार्क पहली बार ऐबरेंट बुश ब्लू तितली दिखाई दी है, जिससे वे काफी खुश हैं.

बता दें कि, लंबे समय से तितलियों पर शोध करने वाले तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल को कॉर्बेट पार्क के गुलरघड़ी श्रोत ढिकुली शिव मंदिर के पास पहली बार ऐबरेंट बुश ब्लू तितली दिखाई दी है. इस दुर्लभ तितली के देखने से तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल का खुशी का ठिकाना नहीं है.

कॉर्बेट पार्क में बसता है खूबसूरत तितलियों का संसार

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह तितली कॉर्बेट पार्क में पहली बार दिखी है, यह काफी दुर्लभ तितली है. खास तौर पर यह देखी नहीं जाती है. उन्होंने कहा कि इसके पिछले कुछ वर्षों में दो बार रिकॉर्ड है जो हिमालयी इलाकों से मिले हैं. लेकिन कॉर्बेट में यह पहली बार देखी गई है. उन्होंने कहा कि इस तितली को ऐबरेंट बुश ब्लू, ऐबरेंट ओकब्लू के नाम से जाना जाता है. यह बहुत खूबसूरत तितली होती है.उन्होंने कहा कि इससे ऐसा लगता है कि इस क्षेत्र में तितलियों पर और शोध करने की जरूरत है.

पढ़ें: रंग-बिरंगी तितलियों का संसार देखना चाहते हैं तो चले आइए यहां

तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल ने बताया कि यह तितली बड़ी नहीं बहुत छोटे आकार की होती है और अधिकतर यह नमी वाले क्षेत्र में पाई जाती है और उच्च हिमालयी या फिर वेस्टर्न घाट में भी पाई जाती है. अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम की तरफ भी पाई जाती है. लेकिन उत्तराखंड से अभी तक दो ही रिकॉर्ड थे. लेकिन इसका कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मिलना एक अच्छा संकेत माना जा सकता है. जैव विविधता में भी इन जीवों का अहम योगदान है.

उन्होंने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के जंगलों में तितलियों की लगभग डेढ़ सौ प्रजातियां पाई जाती हैं. वहीं पूरे भारत में तितलियों की 1,500 प्रजातियां पाई जाती हैं. जिसमें डेढ़ सौ प्रजातियां कॉर्बेट पार्क में हैं जो अपने आप में बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि अगर इसमें और गहनता से शोध किया गया तो यह आंकड़ा 200 से ढाई सौ पार कर सकता है. बता दें कि, कॉर्बेट पार्क में इमीग्रेंट, मारमून, ब्लैक पेंसिल, कॉमन टाइगर, ग्रास ज्वेल, पी ब्लू, कॉमन सेलर, कॉफमैन जैम, बैरोनट आदि यह सब तितलियां कॉर्बेट में पाई जाती है.

Last Updated : Jan 8, 2022, 3:37 PM IST
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