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रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही जन शताब्दी एक्सप्रेस, उठाना पड़ रहा नुकसान

काठगोदाम से देहरादून के बीच चलने वाले ये ट्रेन सप्ताह में 5 दिन चलती है. बताया जा रहा है कि रेलवे के यात्रियों की संख्या में 65% की गिरावट देखी जा रही है.

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रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही जन शताब्दी एक्सप्रेस
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Published : Jul 17, 2020, 5:14 PM IST

हल्द्वानी: कोरोना संक्रमण के बीच रेलवे प्रशासन ने उत्तराखंड के लोगों को देहरादून से जोड़ने के लिए काठगोदाम से देहरादून को चलने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस शुरू की थी. मगर अब इस ट्रेन में यात्रियों की संख्या कम होने के कारण रेलवे को रोजाना इस रूट पर लाखों का घाटा उठाना पड़ रहा है. ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो रेलवे प्रशासन इस ट्रेन के संचालन को बंद कर सकता है.

रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही जन शताब्दी एक्सप्रेस.

काठगोदाम से देहरादून के बीच चलने वाले ये ट्रेन सप्ताह में 5 दिन चलती है. बताया जा रहा है कि रेलवे यात्रियों की संख्या में 65% की गिरावट देखी जा रही है. ऐसे में रेलवे प्रशासन को रोजाना जनशताब्दी एक्सप्रेस से लाखों का घाटा उठाना पड़ रहा है. काठगोदाम रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक चयन रॉय के मुताबिक जनशताब्दी एक्सप्रेस में सामान्य यात्रियों का हर महीने का कोटा 17976 है. जबकि जून महीने में 5451 यात्रियों ने ही यात्रा की.

पढ़ें- खुल गए फ्यूंला नारायण के कपाट, यहां महिला पुजारी भी कराती हैं अनुष्ठान

वहीं, एसी कोच के लिए 2919 यात्रियों का 1 महीने का कोटा है. जिसमें मात्र जून माह में 1029 यात्री यात्रा कर पाए हैं. जो यात्रियों का प्रतिशत 35% रहा है.उन्होंने बताया कि यात्रियों की संख्या में करीब 65% की गिरावट देखी जा रही है, जो घाटे का मुख्य कारण है.

पढ़ें-'ब्लैक गोल्ड' की बढ़ रही 'चमक', जानिए कैसे तय होती हैं तेल की कीमतें

स्टेशन अधीक्षक के मुताबिक रेलवे यात्रियों को सुविधा देने वाली परिवहन सुविधा है. ऐसे में घाटा नहींं देखा जाता है और जनहित को देखते हुए घाटा भी उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यालय से कोई आदेश आएगा तभी इस ट्रेन को बंद किया जाएगा, नहीं तो ट्रेन घाटे के बावजूद भी चलती रहेगी.

हल्द्वानी: कोरोना संक्रमण के बीच रेलवे प्रशासन ने उत्तराखंड के लोगों को देहरादून से जोड़ने के लिए काठगोदाम से देहरादून को चलने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस शुरू की थी. मगर अब इस ट्रेन में यात्रियों की संख्या कम होने के कारण रेलवे को रोजाना इस रूट पर लाखों का घाटा उठाना पड़ रहा है. ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो रेलवे प्रशासन इस ट्रेन के संचालन को बंद कर सकता है.

रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही जन शताब्दी एक्सप्रेस.

काठगोदाम से देहरादून के बीच चलने वाले ये ट्रेन सप्ताह में 5 दिन चलती है. बताया जा रहा है कि रेलवे यात्रियों की संख्या में 65% की गिरावट देखी जा रही है. ऐसे में रेलवे प्रशासन को रोजाना जनशताब्दी एक्सप्रेस से लाखों का घाटा उठाना पड़ रहा है. काठगोदाम रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक चयन रॉय के मुताबिक जनशताब्दी एक्सप्रेस में सामान्य यात्रियों का हर महीने का कोटा 17976 है. जबकि जून महीने में 5451 यात्रियों ने ही यात्रा की.

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वहीं, एसी कोच के लिए 2919 यात्रियों का 1 महीने का कोटा है. जिसमें मात्र जून माह में 1029 यात्री यात्रा कर पाए हैं. जो यात्रियों का प्रतिशत 35% रहा है.उन्होंने बताया कि यात्रियों की संख्या में करीब 65% की गिरावट देखी जा रही है, जो घाटे का मुख्य कारण है.

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स्टेशन अधीक्षक के मुताबिक रेलवे यात्रियों को सुविधा देने वाली परिवहन सुविधा है. ऐसे में घाटा नहींं देखा जाता है और जनहित को देखते हुए घाटा भी उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यालय से कोई आदेश आएगा तभी इस ट्रेन को बंद किया जाएगा, नहीं तो ट्रेन घाटे के बावजूद भी चलती रहेगी.

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