रामनगर: कोरोना काल में अभिभावकों द्वारा स्कूल फीस जमा न करने के कारण आ रही दिक्कतों को लेकर स्कूल संचालकों ने एक पत्रकार वार्ता कर अपनी बात रखी. पब्लिक स्कूल सोसायटी के अध्यक्ष प्रसून श्रीवास्तव ने कहा कि लोगों द्वारा फीस जमा नहीं करने से उनके सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. सोसाइटी ने अब शिक्षक दिवस (5 सितंबर) को ब्लैक डे के रूप में बनाने का निर्णय लिया है.
पब्लिक स्कूल सोसायटी के अध्यक्ष प्रसून श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. इसमें संचालकों ने एक सुर में कहा कि एक तरफ सरकार उनकी नहीं सुन रही है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें माफिया और चोर तक कहा जा रहा है. ऐसे में कई स्कूल संचालकों का स्कूलों का संचालन करने से मोहभंग होने लगा है.
प्रसून श्रीवास्तव ने कहा कि अगर किसी अभिभावक को वास्तव में आर्थिक परेशानी है तो वह स्कूल प्रबंधक से अपनी बात रख सकता है. उन्होंने कहा कि जो अभिभावक फीस जमा करने में सक्षम हैं उन्हें फीस जमा कर देनी चाहिए. अगर उन्हें किसी तरह की आर्थिक समस्या है तो उनको फीस जमा करने के लिए समय दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जो विषय ऑनलाइन पढ़ाए जा रहे हैं केवल उन्हीं की ट्यूशन फीस ली जाएगी.
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प्रसून श्रीवास्तव ने कहा कि निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति ऐसी हो गई है कि लगातार 6 महीने से टीचरों और स्टाफ को बिना किसी इनकम के तनख्वाह दे रहे हैं, लेकिन उनकी आर्थिक स्थित खराब हो गई है. ऐसे में उन्होंने सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग की है. उन्होंने कहा कि बैंक ऋण नहीं दे रहे हैं. ऐसे में हम शिक्षक दिवस को काला दिवस मनाने के लिए मजबूर हैं.