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इधर BJP तैयार कर रही थी 2022 का चुनावी रोड मैप, उधर इलाज के अभाव में गर्भवती ने तोड़ा दम - रामनगर हिंदी समाचार

रामनगर के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण गर्भवती महिला की मौत हो गई है. परिजनों ने महिला की मौत का जिम्मेदार डॉक्टरों को ठहराया है. साथ ही लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

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गर्भवती महिला की मौत
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Published : Jun 29, 2021, 7:52 PM IST

Updated : Jun 29, 2021, 8:04 PM IST

रामनगर: अल्मोड़ा जनपद के सल्ट क्षेत्र के गांव देवालय की 24 वर्षीय गर्भवती महिला की मौत हो गई है. महिला के गर्भ में दो बच्चे थे. पूर्व ग्राम प्रधान गोपाल सिंह का आरोप है कि गर्भवती की मौत डॉक्टरों की घोर लापरवाही की वजह से हुई है. उन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा है और आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

दरअसल, सल्ट क्षेत्र के गांव देवालय के रहने वाले लक्ष्मण सिंह की पत्नी मंजू देवी (उम्र 24) गर्भवती थी. डॉक्टरों की लापरवाही के चलते इस महिला और इसके गर्भ में पल रहे दो बच्चों की भी मौत हो गई है. गांव के पूर्व प्रधान गोपाल सिंह ने बताया कि महिला के गर्भ में 2 बच्चे थे. परिजन उपचार के लिए उसे पहले गांव के नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, जहां से डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया.

इलाज के अभाव में गर्भवती ने तोड़ा दम.

परिजन महिला को रामनगर के रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय ले आए. वहां पहुंचने पर डॉक्टर नदारद थे. करीब 20 मिनट बाद डॉक्टर अस्पताल पहुंचे तबतक महिला दर्द से तड़पती रही.

ये भी पढ़ें: पूर्व MLA हाजी तस्लीम के बेटे को पुलिस से गुंडागर्दी पड़ी भारी, भेजा गया जेल

डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को देखते ही तुरंत उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया. इस दौरान मौके पर गर्भवती महिला को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई. परिजन महिला को निजी वाहन से हल्द्वानी ले कर गए, जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया. वहीं, राज्य आंदोलनकारी और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजा है और लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: BJP का तीन दिवसीय चिंतन शिविर संपन्न, CM बोले- 2022 विधानसभा चुनाव का रोड मैप तैयार

जानकारी के मुताबिक मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए रामनगर के सरकारी अस्पताल के प्रदेश सरकार ने पीपीपी मोड पर दिया है. लेकिन पीपीपी मोड पर जाने पर भी वर्तमान में मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. भले ही सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर होने के दावे कर ले. लेकिन वर्तमान का ये मामला प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के दावों की पोल खोल रहा है. वहीं, अस्पताल के CMS डॉ. मणि भूषण पंत ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है. वो खुद इसकी जांच कर रहे हैं.

रामनगर: अल्मोड़ा जनपद के सल्ट क्षेत्र के गांव देवालय की 24 वर्षीय गर्भवती महिला की मौत हो गई है. महिला के गर्भ में दो बच्चे थे. पूर्व ग्राम प्रधान गोपाल सिंह का आरोप है कि गर्भवती की मौत डॉक्टरों की घोर लापरवाही की वजह से हुई है. उन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा है और आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

दरअसल, सल्ट क्षेत्र के गांव देवालय के रहने वाले लक्ष्मण सिंह की पत्नी मंजू देवी (उम्र 24) गर्भवती थी. डॉक्टरों की लापरवाही के चलते इस महिला और इसके गर्भ में पल रहे दो बच्चों की भी मौत हो गई है. गांव के पूर्व प्रधान गोपाल सिंह ने बताया कि महिला के गर्भ में 2 बच्चे थे. परिजन उपचार के लिए उसे पहले गांव के नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, जहां से डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया.

इलाज के अभाव में गर्भवती ने तोड़ा दम.

परिजन महिला को रामनगर के रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय ले आए. वहां पहुंचने पर डॉक्टर नदारद थे. करीब 20 मिनट बाद डॉक्टर अस्पताल पहुंचे तबतक महिला दर्द से तड़पती रही.

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डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को देखते ही तुरंत उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया. इस दौरान मौके पर गर्भवती महिला को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई. परिजन महिला को निजी वाहन से हल्द्वानी ले कर गए, जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया. वहीं, राज्य आंदोलनकारी और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजा है और लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.

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जानकारी के मुताबिक मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए रामनगर के सरकारी अस्पताल के प्रदेश सरकार ने पीपीपी मोड पर दिया है. लेकिन पीपीपी मोड पर जाने पर भी वर्तमान में मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. भले ही सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर होने के दावे कर ले. लेकिन वर्तमान का ये मामला प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के दावों की पोल खोल रहा है. वहीं, अस्पताल के CMS डॉ. मणि भूषण पंत ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है. वो खुद इसकी जांच कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 29, 2021, 8:04 PM IST
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