नैनीताल: 4 अप्रैल को पायलट बाबा को जेल ले जाते समय अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद जेल प्रशासन ने बाबा को पहले नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से बाबा को डॉक्टरों ने हल्द्वानी के हायर सेंटर रेफर कर दिया था. आज उन्हें वापस जेल लाया गया है. बाबा का कहना है कि उनको अभी भी दिक्कतें हो रही हैं.
बता दें कि 25 नवंबर 2008 को हल्द्वानी निवासी हरीश पाल द्वारा आईकावा इंटरनेशनल एजुकेशन के खिलाफ धारा 420 ,506 के मामले में नैनीताल के तल्लीताल थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. हरीश पाल ने शिकायत में कहा था कि आईकावा के संस्थापक, संचालक और चेयरमैन हिमांशु राय और पायलट बाबा समेत कई अन्य ने ठगी कर उनसे कंप्यूटर सेंटर खोलने के नाम पर 67,760 रुपये वसूले हैं.
इसके साथ ही कंप्यूटर सेंटर चलाने के नाम पर हर महीने 50,500 प्रति माह की दर से देने का भरोसा भी दिया गया था. लेकिन उनके लगभग 3 लाख से ऊपर के रुपये अबतक नहीं दिए गये हैं. उन्होंने कहा कि रुपये मांगने पर उनको जान से मारने की धमकी मिल रही है.
बता दें कि 85 साल के पायलट बाबा की तरफ से गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने नैनीताल हाई कोर्ट की शरण ली थी. जिसके बाद कोर्ट ने पायलट बाबा को सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण करने को कहा. पायलट बाबा ने नैनीताल सीजेएम कोर्ट में 4 अप्रैल को आत्म समर्पण किया जिसके बाद से बाबा पुलिस हिरासत में हैं.
ये है मामला
2008 में आईकावा इंटरनेशनल एजुकेशनल नामक संस्था द्वारा कुछ समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापन देकर देशभर के युवाओं से आईकावा कम्प्यूटर सेंटर खोलने के नाम पर आवेदन मांगे गए थे. प्रत्येक सेंटर पर एक मैनेजर, दो कम्प्यूटर टीचर और दो चपरासी की वेकेंसी निकाली गई थी. फ्रेंचाइजी लेने वालों से हर सेंटर के नाम पर 50 हजार 500 रुपए की सुरक्षा राशि जमा कराने की शर्त भी शामिल की गई थी.
संस्था द्वारा किए गए वादे के दो माह बीत जाने के बाद भी जब केंद्रों पर कम्प्यूटर नहीं पहुंचे और नौकरी कर युवाओं को वेतन नहीं मिला तो वे परेशान हो गए और अपना वेतन व फ्रेंचाइजी के लिए जमा राशि के लिए चक्कर काटने लगे.