देहरादून: उच्चतम न्यायालय ने बंगलों के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा कथित रूप से किराए का भुगतान ना करने के मामले में केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल के खिलाफ उच्च न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगा दी है, जिसके बाद इस विषय को कोर्ट में लाने वाले याचिकाकर्ता अवधेश कौशल ने कहा कि इन नेताओं के पास अगर किराया चुकाने के लिए पैसा नहीं है तो बैंक से लोन ले लें और मैं गारंटर बन जाता हूं.
आपको बता दें कि रूलक संस्था अध्यक्ष अवधेश कौशल की याचिका पर पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा इस्तेमाल किए गए सरकारी आवास किराया, बिजली और पानी बिल के भुगतान को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि नेताओं से भुगतान लिया जाना चाहिए. जिसको लेकर उत्तराखंड के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए आदेश जारी हुआ था. समय अवधि पूरा हो जाने के बाद मौजूदा समय में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक पर कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही की तलवार लटक रही थी. जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.
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याचिकाकर्ता अवधेश कौशल का कहना है कि इन सभी नेताओं के पास बहुत पैसा है, लेकिन सरकारी बकाया चुकाने के नाम पर यह कोर्ट में पैसा ना होने का बहाना करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर तुम्हारे पास पैसा नहीं है तो बैंक से लोन ले लो और गारंटर हम बन जाते हैं. यही नहीं अवधेश कौशल ने कहा कि आम व्यक्ति अगर बिजली, पानी बिल ना दे तो कनेक्शन काट दिया जाता है, लेकिन नेताओं से जब बिजली, पानी का पैसा मांगा जा रहा है तो यह कोर्ट पहुंच रहे हैं, जो बेहद निंदनीय है.