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Paddy procurement: उत्तराखंड में धान खरीद का लक्ष्य पूरा, किसानों का 130 करोड़ रुपया है बकाया

प्रदेश में इस खरीफ सत्र की धान खरीद का लक्ष्य पूरा हो गया है. 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हुई थी. 31 जनवरी को खरीद का लक्ष्य पूरा हो गया है. पूरे प्रदेश से इस बार 9 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद होनी थी. सरकारी विभाग ने लक्ष्य के सापेक्ष में 99.5 प्रतिशत धान की खरीद की है.

Paddy procurement
हल्द्वानी धान खरीद
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Published : Feb 4, 2023, 11:19 AM IST

हल्द्वानी: क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक बीएस चलाल ने बताया कि शासन के नई धान खरीद नीति के तहत पूरे प्रदेश से इस बार 9 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा था. जिसके सापेक्ष में 8 लाख 95 हजार 520 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है. किसानों से 1830 करोड़ों रुपए के धान की खरीद की गई है. इसके सापेक्ष में 1700 करोड़ का भुगतान किसानों को हो चुका है. 130 करोड़ भुगतान अभी बकाया है जो गतिमान है. जल्द किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा.

राइस मिलर्स ने उठान शुरू किया: बीएस चलाल ने कहा कि राइस मिलर्स से धान की उठान भी शुरू हो गया है. राइस मिलर्स को साफ निर्देशित किया गया है कि जो भी चावल राइस मिलर्स द्वारा विभाग को चावल उपलब्ध कराएगा, उसमें पोषणयुक्त चावल होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि राइस मिलरों द्वारा फोर्टीफाइड युक्त चावल नहीं दिए जाने की स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

राइस मिलर्स के चावल की हो रही सैंपलिंग: क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक ने कहा कि इसके लिए टीमें गठित की गई हैं जो चावल की सेम्पलिंग कर टेस्ट के लिए लैब को भेज रही हैं. इससे लोगों को पोषण युक्त चावल उपलब्ध हो सकेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने निर्देशित किया है कि गरीबों को मिलने वाला चावल पूरी तरह से फोर्टीफाइड चावल होनी जरूरी है. उन्होंने कहा कि राइस मिलर्स को निर्देशित किया गया है कि सरकारी चावल में किसी तरह के क्वालिटी में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. गोदामों तक खराब चावल पहुंचता हुआ पाया गया तो मिलर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में धान क्रय का लक्ष्य पूरा होने के करीब, किसानों ने की टारगेट बढ़ाने की मांग

उन्होंने बताया कि इस बार 42 क्रय एजेंसियों के माध्यम से पूरे प्रदेश से धान की खरीद की गई है. 299 सरकारी खरीद केंद्र बनाए गए थे. इसके अलावा निजी एजेंसियों और निजी मिलर्स के माध्यम से भी धान की खरीद की गई है. 471 निजी एजेंसियों ने भी सरकार के लिए धान की खरीद की है.

हल्द्वानी: क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक बीएस चलाल ने बताया कि शासन के नई धान खरीद नीति के तहत पूरे प्रदेश से इस बार 9 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा था. जिसके सापेक्ष में 8 लाख 95 हजार 520 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है. किसानों से 1830 करोड़ों रुपए के धान की खरीद की गई है. इसके सापेक्ष में 1700 करोड़ का भुगतान किसानों को हो चुका है. 130 करोड़ भुगतान अभी बकाया है जो गतिमान है. जल्द किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा.

राइस मिलर्स ने उठान शुरू किया: बीएस चलाल ने कहा कि राइस मिलर्स से धान की उठान भी शुरू हो गया है. राइस मिलर्स को साफ निर्देशित किया गया है कि जो भी चावल राइस मिलर्स द्वारा विभाग को चावल उपलब्ध कराएगा, उसमें पोषणयुक्त चावल होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि राइस मिलरों द्वारा फोर्टीफाइड युक्त चावल नहीं दिए जाने की स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

राइस मिलर्स के चावल की हो रही सैंपलिंग: क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक ने कहा कि इसके लिए टीमें गठित की गई हैं जो चावल की सेम्पलिंग कर टेस्ट के लिए लैब को भेज रही हैं. इससे लोगों को पोषण युक्त चावल उपलब्ध हो सकेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने निर्देशित किया है कि गरीबों को मिलने वाला चावल पूरी तरह से फोर्टीफाइड चावल होनी जरूरी है. उन्होंने कहा कि राइस मिलर्स को निर्देशित किया गया है कि सरकारी चावल में किसी तरह के क्वालिटी में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. गोदामों तक खराब चावल पहुंचता हुआ पाया गया तो मिलर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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उन्होंने बताया कि इस बार 42 क्रय एजेंसियों के माध्यम से पूरे प्रदेश से धान की खरीद की गई है. 299 सरकारी खरीद केंद्र बनाए गए थे. इसके अलावा निजी एजेंसियों और निजी मिलर्स के माध्यम से भी धान की खरीद की गई है. 471 निजी एजेंसियों ने भी सरकार के लिए धान की खरीद की है.

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