हल्द्वानी: जंगलों से लगातार विलुप्त हो रहे हैं हॉग डियर को लेकर वन विभाग ने पूरे प्रदेश में इसकी गणना कराई है, जिसमें तराई के जंगलों में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. पश्चिमी वृत्त के जंगलों में 22 मार्च से 24 मार्च तक कराई गई गणना में मात्र 24 हॉग डियर दिखाई दिए हैं, जो वन विभाग के लिए चिंताजनक है. यही नहीं वेस्टर्न सर्किल के दो वन डिवीजन में एक भी हॉग डियर दिखाई नहीं दिए हैं. ऐसे में बाघों और गुलदारों के सबसे प्रिय भोजन हॉग डियर जंगलों में नहीं दिखाई देना, वन विभाग के लिए भी चिंताजनक है.
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वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त जीवन चंद्र जोशी ने बताया कि वेस्टर्न सर्किल के पांच डिवीजन में 22 मार्च से 24 मार्च तक किए गए गणना में तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगलों में 18, जबकि तराई केंद्रीय वन प्रभाग के जंगलों में 6 हॉग डियर दिखाई दिए हैं. जिसमें 2 बच्चे भी शामिल हैं. जबकि हल्द्वानी वन प्रभाग, तराई पश्चिमी वन प्रभाग और रामनगर वन प्रभाग के जंगलों में एक भी हॉग डियर दिखाई नहीं दिए. उन्होंने बताया कि हॉग डियर की गणना शासन को भेजा गया है और शासन से दिशा निर्देश मिलने के बाद इन वन्यजीवों को संरक्षित करने का काम किया जाएगा.
गौरतलब है कि जंगलों में बाघों और गुलदारों का सबसे प्रिय भोजन हॉग डियर माना जाता है. कुछ दिनों से जंगलों में इनकी संख्या लगातार घट रही है. इनकी जंगलों में संख्या घटने से बाघ और गुलदार को जंगलों में भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते बाघ और गुलदार आबादी वाले क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. ऐसे में मानव वन्यजीव संघर्ष की लगातार घटनाएं भी बढ़ रही हैं. जिसको देखते हुए वन विभाग ने हॉग डियर का गणना कराई है. ऐसे में हॉग डियर की संख्या कम होना वन विभाग के लिए चिंता का विषय है.