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इस वजह से गौला नदी में धीमी गति से हो रहा खनन का चुगान, सरकार को लग रहा करोड़ों का चूना - Uttarakhand Hindi news

गौला नदी में 22 दिन पहले ही चुगान शुरु कर दिया गया था, लेकिन अभीतक खनन निकासी का काम रफ्तार नहीं पकड़ पाया है. जिससे सरकार और वाहन स्वामियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

10 प्रतिशत ही हुआ खनन का चुगान.
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Published : Nov 22, 2019, 4:45 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 7:56 PM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं में सोने की खान कही जाने वाली गौला नदी में एक नवंबर से खनन निकासी की शुरुआत कर दी गई थी, लेकिन अभी तक केवल 10 प्रतिशत वाहन ही खनन का काम कर रहे हैं. वाहन स्वामियों का कहना है कि स्टोन क्रेशर स्वामी खनन का उचित रेट नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण उन्हें खासा नुकसान हो रहा है. उनकी मांग है कि जबतक उन्हें उचित दाम नहीं मिल जाता वे खनन का चुगान नहीं करेंगे.

गौला नदी में धीमी गति से हो रहा खनन का चुगान.

बता दें कि गौला नदी से 22 दिन पहले ही चुगान शुरू कर दिया गया था, लेकिन अभी तक खनन निकासी का काम रफ्तार नहीं पकड़ पाया है. जिससे सरकार और वाहन स्वामियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मात्र 10 प्रतिशत वाहन स्वामियों ने ही अपने वाहनों को नदी में खनन के लिए उतारा है. वह भी केवल अपने काम के लिए खनन की निकासी कर रहे हैं.

पढ़ें- शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे समेत कई विधायकों की मुश्किलें बढ़ीं, कोर्ट ने दिए कुर्की के आदेश

वाहन स्वामियों का आरोप है कि प्रशासन ने गौला नदी को खनन की निकासी के लिए खोल तो दिया है, लेकिन स्टोन क्रेशर स्वामी अपनी मनमानी कर रहे हैं. उनका आरोप है कि स्टोन क्रेशर स्वामी खनन का रेट उचित नहीं दे रहे हैं. ऐसे में वाहन स्वामियों को खासा नुकसान हो रहा है. वाहन स्वामियों की मांग है कि जल्द से जल्द मामले की कार्रवाई की जाए.

हल्द्वानी: कुमाऊं में सोने की खान कही जाने वाली गौला नदी में एक नवंबर से खनन निकासी की शुरुआत कर दी गई थी, लेकिन अभी तक केवल 10 प्रतिशत वाहन ही खनन का काम कर रहे हैं. वाहन स्वामियों का कहना है कि स्टोन क्रेशर स्वामी खनन का उचित रेट नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण उन्हें खासा नुकसान हो रहा है. उनकी मांग है कि जबतक उन्हें उचित दाम नहीं मिल जाता वे खनन का चुगान नहीं करेंगे.

गौला नदी में धीमी गति से हो रहा खनन का चुगान.

बता दें कि गौला नदी से 22 दिन पहले ही चुगान शुरू कर दिया गया था, लेकिन अभी तक खनन निकासी का काम रफ्तार नहीं पकड़ पाया है. जिससे सरकार और वाहन स्वामियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मात्र 10 प्रतिशत वाहन स्वामियों ने ही अपने वाहनों को नदी में खनन के लिए उतारा है. वह भी केवल अपने काम के लिए खनन की निकासी कर रहे हैं.

पढ़ें- शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे समेत कई विधायकों की मुश्किलें बढ़ीं, कोर्ट ने दिए कुर्की के आदेश

वाहन स्वामियों का आरोप है कि प्रशासन ने गौला नदी को खनन की निकासी के लिए खोल तो दिया है, लेकिन स्टोन क्रेशर स्वामी अपनी मनमानी कर रहे हैं. उनका आरोप है कि स्टोन क्रेशर स्वामी खनन का रेट उचित नहीं दे रहे हैं. ऐसे में वाहन स्वामियों को खासा नुकसान हो रहा है. वाहन स्वामियों की मांग है कि जल्द से जल्द मामले की कार्रवाई की जाए.

Intro:sammry- गौला नदी में खनन की हुई धीमी शुरुआत 22 दिन बाद भी सही ढंग से नहीं सुचारू हुआ खनन खनन कारोबारी और और स्टोन क्रेशर के बीच रेट को लेकर नहीं हो पाया अभी तक समझौता मात्र व10% वाहन ही नहीं लगे हैं खनन काम में।


एंकर- कुमाऊ की लाइफ कहे जाने वाली गौला नदी से सरकार ने आधी अधूरी तैयारियों के बीच खनन के लिए खोल तो दिया लेकिन इन तैयारियों के बीच स्टोन क्रेशर और खनन में लगे वाहन स्वामियों के बीच रेट को लेकर असमंजस बना हुआ है जिसके चलते गोला नदी से मात्र 10% ही वाहन खनन कर पा रहे हैं ऐसे में सरकार और वाहन स्वामियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।


Body:कुमाऊ की सबसे बड़ी गौला नदी से खनन निकासी काम का शुरुआत 1 नवंबर से शुरू हो गया है लेकिन 22 दिन बाद भी गोला नदी से खनन निकासी का काम रफ्तार नहीं पकड़ पाया। नदी में मात्र केवल 10% वाहन स्वामी ही अपने वाहनों को नदी में खनन के लिए उतारा है जो केवल अपने काम के लिए रेते की निकासी कर रहे हैं।
वाहन स्वामी को कहना है कि प्रशासन ने गौला नदी से खनन के निकासी के लिए खोल तो दिया हे लेकिन स्टोन क्रेशर स्वामी अपनी मनमानी पर उतरे हुए हैं और उप खनिज की खरीदारी नहीं कर रहे हैं ।स्टोन क्रेशर स्वामी द्वारा खनन का रेट उचित नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते उनको रेता ढोने में कोई फायदा नहीं हो रहा है। वाहन स्वामी का कहना है कि इस बार इस केसर स्वामी ने वाहन स्वामियों से मय रॉयल्टी के रेता बजरी खरीदने का ऑप्शन रखा है ऐसे में उन को खासा नुकसान हो रहा है जबकि पूर्व में रॉयल्टी का पैसा स्टोन क्रेशर स्वामी द्वारा दिया जाता था।


Conclusion:वाहन स्वामी का कहना है कि अगर सरकार और स्टोन क्रशर स्वामी उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं करता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा और नदी से खनन निकासी पूर्ण रूप से बंद कर दी जाएगी।

बाइट शंकर जोशी खनन कारोबारी
बाइट- वाहन स्वामी
Last Updated : Nov 22, 2019, 7:56 PM IST
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