हल्द्वानी: कुमाऊं में सोने की खान कही जाने वाली गौला नदी में एक नवंबर से खनन निकासी की शुरुआत कर दी गई थी, लेकिन अभी तक केवल 10 प्रतिशत वाहन ही खनन का काम कर रहे हैं. वाहन स्वामियों का कहना है कि स्टोन क्रेशर स्वामी खनन का उचित रेट नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण उन्हें खासा नुकसान हो रहा है. उनकी मांग है कि जबतक उन्हें उचित दाम नहीं मिल जाता वे खनन का चुगान नहीं करेंगे.
बता दें कि गौला नदी से 22 दिन पहले ही चुगान शुरू कर दिया गया था, लेकिन अभी तक खनन निकासी का काम रफ्तार नहीं पकड़ पाया है. जिससे सरकार और वाहन स्वामियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मात्र 10 प्रतिशत वाहन स्वामियों ने ही अपने वाहनों को नदी में खनन के लिए उतारा है. वह भी केवल अपने काम के लिए खनन की निकासी कर रहे हैं.
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वाहन स्वामियों का आरोप है कि प्रशासन ने गौला नदी को खनन की निकासी के लिए खोल तो दिया है, लेकिन स्टोन क्रेशर स्वामी अपनी मनमानी कर रहे हैं. उनका आरोप है कि स्टोन क्रेशर स्वामी खनन का रेट उचित नहीं दे रहे हैं. ऐसे में वाहन स्वामियों को खासा नुकसान हो रहा है. वाहन स्वामियों की मांग है कि जल्द से जल्द मामले की कार्रवाई की जाए.