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वन विभाग का नया कारनामा, बिना परमिशन हल्द्वानी जू की चारदीवारी 20 करोड़ में बनवा डाली

80 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले हल्द्वानी के जू (Haldwani Zoo) को लेकर नेशनल जू अथॉरिटी (National Zoo Authority) ने अभीतक अनुमति भी नहीं दी है, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने 20 करोड़ रुपए के बजट से हल्द्वानी जू की चारदीवारी बना दी (boundary wall of Haldwani Zoo) है. जबकि जू की अनुमति का मामला नेशनल जू अथॉरिटी (National Zoo Authority) में साल 2015 से अधर में लटका हुआ है.

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Published : Sep 10, 2022, 12:51 PM IST

Updated : Sep 10, 2022, 2:00 PM IST

हल्द्वानी: अक्सर अपने कारनामों से चर्चा में रहने वाले वन विभाग ने एक और कलाकारी की है. हालांकि इस बार का कारनामा खुद वन विभाग के अधिकारियों पर भारी पड़ गया है. अधिकारियों ने बिना परमिशन लिए हल्द्वानी जू (Haldwani Zoo) की चारदीवारी 20 करोड़ रुपए में बना (boundary wall of Haldwani Zoo) दी, लेकिन नेशनल जू अथॉरिटी (National Zoo Authority) ने अभीतक अनुमति भी नहीं दी है.

दरअसल, हल्द्वानी के गौलापार में बहुप्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर का निर्माण पिछले 8 सालों अधर में लटका हुआ है. गौलापार में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर के लिए नेशनल जू अथॉरिटी से कोई अनुमति भी अभी तक नहीं मिली है. बिना अनुमति के ही जू निर्माण के चारदीवारी पर 20 करोड़ रुपए से अधिक का बजट भी खर्च कर दिया गया है.

वन विभाग का नया कारनामा
पढ़ें- एयर एंबुलेंस के जमाने में चमोली में डंडी कंडी का सहारा, महिला ने रास्ते में दिया नवजात को जन्म

ऐसे में जू निर्माण के लिए अब नेशनल जू अथॉरिटी का इंतजार करना होगा. जिसके बाद ही अब गौलापार जू का निर्माण हो पाएगा. प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर निर्माण के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि नेशनल जू अथॉरिटी से अभी इसकी विधिवत अनुमति नहीं मिली है. लेकिन जू की चारदीवारी का निर्माण हो चुका है.

सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिलने के बाद आगे का बजट जारी होने के बाद ही जू के आगे का निर्माण अब हो पाएगा. गौरतलब है कि वर्ष 2015 में हल्द्वानी के गौलापार में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत और वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश ने अंतरराष्ट्रीय जू का शिलान्यास किया था. इस जू के निर्माण में करीब 80 करोड़ रुपए खर्च होने थे. जू की चारदीवारी निर्माण में करीब 20 करोड़ रुपए का बजट भी खर्च हो चुका है, लेकिन 8 साल बाद भी जू का निर्माण अधर में लटका हुआ.
पढ़ें- पौड़ी शहर में छतों पर चहलकदमी करता दिखा गुलदार, अलर्ट जारी

ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि नेशनल जू अथॉरिटी की अनुमति के बगैर जू निर्माण की कार्रवाई शुरू हो गई. जू की चारदीवारी पर ₹20 करोड़ का बजट भी खर्च कर दिया गया. आलम यह है कि अब जू की चारदीवारी धीरे-धीरे टूट कर गिर भी रही है.

हल्द्वानी: अक्सर अपने कारनामों से चर्चा में रहने वाले वन विभाग ने एक और कलाकारी की है. हालांकि इस बार का कारनामा खुद वन विभाग के अधिकारियों पर भारी पड़ गया है. अधिकारियों ने बिना परमिशन लिए हल्द्वानी जू (Haldwani Zoo) की चारदीवारी 20 करोड़ रुपए में बना (boundary wall of Haldwani Zoo) दी, लेकिन नेशनल जू अथॉरिटी (National Zoo Authority) ने अभीतक अनुमति भी नहीं दी है.

दरअसल, हल्द्वानी के गौलापार में बहुप्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर का निर्माण पिछले 8 सालों अधर में लटका हुआ है. गौलापार में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर के लिए नेशनल जू अथॉरिटी से कोई अनुमति भी अभी तक नहीं मिली है. बिना अनुमति के ही जू निर्माण के चारदीवारी पर 20 करोड़ रुपए से अधिक का बजट भी खर्च कर दिया गया है.

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ऐसे में जू निर्माण के लिए अब नेशनल जू अथॉरिटी का इंतजार करना होगा. जिसके बाद ही अब गौलापार जू का निर्माण हो पाएगा. प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर निर्माण के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि नेशनल जू अथॉरिटी से अभी इसकी विधिवत अनुमति नहीं मिली है. लेकिन जू की चारदीवारी का निर्माण हो चुका है.

सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिलने के बाद आगे का बजट जारी होने के बाद ही जू के आगे का निर्माण अब हो पाएगा. गौरतलब है कि वर्ष 2015 में हल्द्वानी के गौलापार में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत और वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश ने अंतरराष्ट्रीय जू का शिलान्यास किया था. इस जू के निर्माण में करीब 80 करोड़ रुपए खर्च होने थे. जू की चारदीवारी निर्माण में करीब 20 करोड़ रुपए का बजट भी खर्च हो चुका है, लेकिन 8 साल बाद भी जू का निर्माण अधर में लटका हुआ.
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ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि नेशनल जू अथॉरिटी की अनुमति के बगैर जू निर्माण की कार्रवाई शुरू हो गई. जू की चारदीवारी पर ₹20 करोड़ का बजट भी खर्च कर दिया गया. आलम यह है कि अब जू की चारदीवारी धीरे-धीरे टूट कर गिर भी रही है.

Last Updated : Sep 10, 2022, 2:00 PM IST
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