हल्द्वानी: उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर बेचने के साथ-साथ बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ परिवहन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. अब प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर ऑनलाइन कंपनियां भी नहीं बेच पाएंगी. संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप कुमार सैनी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब प्रेशर हॉर्न वाहनों में लगाना अपराध है. ऐसे में नए परिवहन एक्ट के तहत प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ भी परिवहन विभाग कार्रवाई करने जा रहा है. ये चीजें बनाने और बेचने पर एक लाख के जुर्माने के साथ-साथ सजा का प्रावधान है.
संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि नियमों का पालन कराने के लिए वाहन एजेंसियों के साथ-साथ सर्विस सेंटर मालिकों के साथ बैठक कर निर्देश दिए गए हैं कि नए एक्ट के तहत अब वाहनों ने प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर नहीं लगाएं, नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि बाजारों में प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर उपलब्ध न हों, इसके लिए इन्हें बनाने वाली कंपनियों के साथ-साथ ऑनलाइन बेचने वाली कंपनियों को भी चिन्हित किया गया है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऐसी 15 ऑनलाइन बेचने वाली कंपनियों को चिन्हित किया गया है, जिनको परिवहन विभाग द्वारा नोटिस जारी कर बेचने और उत्पादन को बंद करने को कहा गया है.
उन्होंने कहा कि नोटिस के माध्यम से कंपनियों के साथ-साथ उक्त क्षेत्र के परिवहन अधिकारी को भी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इन कंपनियों को नोटिस जारी कर तुरंत बिक्री के साथ-साथ उत्पादन को बंद करने के लिए कहा गया है. उनके द्वारा ऐसा नहीं करने पर जुर्माने और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि नए परिवहन एक्ट के तहत अब वाहनों में प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर लगाना प्रतिबंधित है. जो भी दुकानदार ऐसी चीजें बेचते हुए पाया जाएगा उसके खिलाफ जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वाहनों में लगने वाले प्रेशर हॉर्न के ध्वनि प्रदूषण से जनता को परेशानी होती है, साथ ही सड़क दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है.