नैनीताल : लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, लेकिन नैनीताल शहर में चुनाव का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. यहां पर अभी तक भाजपा और कांग्रेस का कोई भी स्टार प्रचारक प्रचार के लिए नहीं पहुंचा है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि नेता नैनीताल से इसलिए नदारद हैं, क्योंकि आजतक यहां पर विकास का कोई कार्य नहीं हुआ है. जिस वजह से नेता यहां पर आने से डर रहें हैं.
स्थानीय लोगों ने वर्तमान सांसद भगत सिंह कोश्यारी पर उपेक्षा का आरोप लगाया, और कहा कि उन्होंने नैनीताल और वहां के लोगों के लिए कुछ नहीं किया है. चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने भी नैनीताल से पलायन कर लिया है. यही नहीं, जब कोई प्रत्याशी चुनाव के समय जनता के पास नहीं है, तो चुनाव के बाद कोई प्रत्याशी कैसे पहुंचेगा.
स्थानीय लोग बताते हैं कि सांसद के द्वारा नैनीताल के पर्यटन कारोबार, पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए, कोई काम नहीं किया, तो अब वह वोट के लिए किस मुंह से उनके पास आएंगे, क्योंकि सांसद ने वादा किया था, कि वो नैनीताल वासियों के लिए पार्किंग बनाएंगे, लेकिन आज तक कोई पार्किंग नहीं बनी. वहीं, जिस वजह से नैनीताल की मुख्य आय का स्रोत पर्यटन काफी प्रभावित हुआ है, जिससे पर्यटन कारोबारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
नैनीताल लोकसभा सीट उत्तराखंड की हॉट सीट मानी जाती है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक पार्टियां नैनीताल से नदारद हैं, हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत एक बार नैनीताल जरूर पहुंचे, उसके बाद से हरीश रावत समेत कांग्रेस और बीजेपी नेता नैनीताल से नदारद हैं. वहीं विकास न होने से स्थानीय लोगो में आक्रोश है. उनका कहना है कि अगर कोई भी नेता नैनीताल में आएगा तो इस बार नैनीताल की जनता इनको वास्तविकता का आईना दिखाएगी.