हल्द्वानीः कोरोना मरीजों के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल जीवन दाता साबित हो रहा है. इस अस्पताल से कोरोना के 9 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं. इन लोगों को फिलहाल मोती नगर स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है. यहां पर सभी 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन में रहेंगे. चार कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनकी सेहत में सुधार हो रहा है. यहां पर माइक्रो बायोलॉजी लैब में कोरोना का टेस्ट किया जा रहा है.
हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल की बात करें तो यहां 1,343 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी. इसके बाद 124 संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया गया था. इनमें से 13 मरीजों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था. इनका अस्पताल के डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने इलाज किया. इलाज के बाद 9 कोरोना मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है, जबकि चार मरीजों का इलाज चल रहा है.
सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा का कहना है कि प्रशासन और सरकार की ओर से उन्हें सभी सुविधाएं मिल रही हैं. इससे वो कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं. उनका कहना है कि अभी अस्पताल में 300 बेड हैं. ये बेड कोरोना मरीजों के लिए लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यहां की इमरजेंसी सेवा बेस अस्पताल में चली जाती है तो यहां पर 600 बेड हो जाएंगे. इससे कोरोना मरीजों के बढ़ने पर उनका इलाज हो सके.
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सुशीला तिवारी अस्पताल की नर्सिंग हेड जीबी मोल्टी मैथ्यू का कहना है कि पूरा मेडिकल स्टाफ कोरोना मरीजों की सेवा में लगा हुआ है और लगातार उनका इलाज किया जा रहा है. इलाज के दौरान आने वाली दिक्कतों का नर्सिंग स्टाफ समाधान करता है. अस्पताल में भर्ती जमाती कोरोना मरीज उन्हें पूरा सहयोग दे रहे हैं और उनके साथ किसी भी तरह से दुर्व्यवहार नहीं कर रहे हैं. बीते रोज डिस्चार्ज हुए जमातियों ने अस्पताल के मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों को धन्यवाद भी दिया.
माइक्रोबायोलॉजी लैब की एचओडी डॉ. विनीता रावत का कहना है कि यहां पर पूरा स्टाफ 24 घंटे काम कर रहा है. रोजाना डेढ़ सौ लोगों की कोरोना वायरस की जांच की जा रही है. प्रशासन और सरकार की ओर से उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है. आगे संसाधन बढ़ाने और मैन पावर बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में कोरोना टेस्ट हो सकें.
सुशीला तिवारी अस्पताल अक्सर अपनी खराब स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चर्चा में रहता था. आज यही सुशीला तिवारी अस्पताल संकट के समय में कोरोना मरीजों के लिए जीवन दाई साबित हो रहा है. जिस तरह से कोरोना पॉजिटिव मरीज यहां से ठीक हो रहे है, वो किसी संजीवनी से कम नहीं है. बस जरूरत है सरकार और प्रशासन को सुशीला तिवारी अस्पताल के लिए और बेहतर संसाधन जुटाने की.