हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में इन दिनों नंदा- सुनंदा महोत्सव की धूम मची हुई है. जिसमें लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. वहीं अल्मोड़ा, सरोवर नगरी नैनीताल सहित बिंदुखत्ता में भी नंदा- सुनंदा महोत्सव का आगाज हो गया है. मंदिर में कदली वृक्ष के आगमन के साथ ही मां नंदा- सुनंदा की डोली शहर में निकाली गई. जहां स्थानीय महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में शोभायात्रा में शामिल हुई. साथ ही इस पर्व में कुमाऊं की संस्कृति की झलक देखने को मिली.
कुमाऊं की कुलदेवी मां नंदा- सुनंदा महोत्सव का आगाज बिंदुखत्ता में भी हो गया है. कदली वृक्ष लाने के बाद आज मां नंदा सुनंदा का शोभायात्रा निकाली गई. जसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लिया. वहीं, महिलाओं ने परंपरागत कुमाऊंनी रंगाली- पिछौड़ा पहनकर शोभायात्रा में भाग लिया. साथ ही इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा 7 सितंबर को मां नंदा- सुनंदा की मूर्ति का विसर्जन के साथ महोत्सव का समापन होगा.
पढ़ें-ये है मास्टरजी का घर, यहां 700 रूपों में विराजते हैं गणपति बप्पा
जबकि, 3 दिनों तक इस महोत्सव में कुमाऊं की कुलदेवी मां नंदा-सुनंदा की अलग-अलग गाथाओं का मंचन किया जाएगा. वहीं, आयोजकों का कहना है कि उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए मां नंदा- सुनंदा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें पर्वतीय अंचलों की संस्कृति देखने को मिलता है साथ ही आने वाली पीढ़ी भी इस पर्व से रूबरू हो सके.