नैनीतालः कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते बमुश्किल पटरी पर लौटा पर्यटन व्यवसाय फिर से पटरी से उतर गया है. आमतौर पर चिलचिलाती गर्मी के मौसम में देश-विदेश के सैलानी नैनीताल की वादियों में ठंड का लुत्फ लेने पहुंचते थे, लेकिन कोरोना के खौफ के चलते सैलानी नैनीताल नहीं पहुंच रहे हैं. आलम ये है कि सभी पर्यटक स्थल सूने पड़े हैं. पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है.
लॉकडाउन की स्थिति आने पर नैनीताल के नाव कारोबारी, टैक्सी संचालक, फड़ व्यवसायी समेत होटल कारोबारियों के सामने आने वाला समय चुनौती भरा रहने वाला है. कोरोना के चलते नैनीताल के सभी पर्यटक स्थल वीरान हो चले हैं और पर्यटन कारोबारी मायूस नजर आ रहे हैं.
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वहीं, अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2014 में 7 लाख 58 हजार 123 पर्यटक, 2015 में 8 लाख 15 हजार 215 पर्यटक, 2016 में 8 लाख 73 हजार 395 पर्यटक और 2017 में 9 लाख 17 हजार 600 पर्यटक नैनीताल पहुंचे. जबकि, साल 2018 में 7 लाख 12 हजार 230 पर्यटक, 2019 में 6 लाख 72 हजार 800 पर्यटक वहीं, 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते महज 50 हजार पर्यटक नैनीताल की वादियों का दीदार करने पहुंचे.
अब 2021 में एक बार फिर से कोरोना वायरस के चलते नैनीताल का पर्यटन कारोबार पटरी से उतर गया है, जिससे पर्यटन कारोबारी निराश हैं.
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पर्यटन के लिए विश्व में प्रसिद्ध सरोवर नगरी नैनीताल हर साल मार्च माह से लेकर जून-जुलाई तक लाखों देशी-विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं, लेकिन इस बार लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा इस कदर व्याप्त है कि लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं. इस वजह से नैनीताल, रामगढ़, मुक्तेश्वर समेत आसपास के अधिकांश पर्यटक स्थलों की स्थिति यह है कि अभी से लॉकडाउन जैसे हालत उत्पन्न हो चले हैं. नैनीताल के अधिकांश होटल खाली हो गए हैं. होटलों में गिनती भर के पर्यटक पहुंच रहे हैं.