ETV Bharat / state

वर्ल्ड मिल्क डे: दुग्ध क्षेत्र में सबसे ज्यादा तरक्की कर रहा नैनीताल - Nainital anchal milk production

एक जून विश्वभर में दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस खास रिपोर्ट में देखिए उत्तराखंड में कितना होता है डेयरी के माध्यम से दूध का उत्पादन.

world milk day
विश्व दुग्ध दिवस
author img

By

Published : Jun 1, 2020, 12:43 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 2:19 PM IST

हल्द्वानी: हर वर्ष एक जून को पूरे विश्व में वर्ल्ड मिल्क डे यानी विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. दुग्ध दिवस मनाने का मुख्य कारण दूध और दूध से बने उत्पादनों को बढ़ावा देना और लोगों तक इसका महत्व पहुंचाना है. 2001 से शुरू हुआ विश्व दुग्ध दिवस धीरे-धीरे व्यापक रूप लेता जा रहा है. उत्तराखंड अब दुग्ध क्रांति के क्षेत्र में प्रगति की ओर है.

बता दें कि, प्रदेश सरकार अब जल्द ही प्रवासियों को भी दूध क्रांति से जोड़ने जा रही है. इसके तहत अब प्रवासियों को भी लोन और सब्सिडी के माध्यम से डेयरी खोलने के लिए जागरूक किया जा रहा है. आइए जानते हैं प्रदेश के सबसे बड़े आंचल ब्रांड दूध से प्रदेश में कितना दूध का उत्पादन किया जाता है और कितने लोगों को इससे रोजगार मिला है.

पढ़ें- काशीपुर में फंसे नागालैंड के नौ युवक-युवतियों को भेजा गया घर

उत्तराखंड सरकार के दुग्ध विकास विभाग द्वारा प्रदेश में 11 दूध फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं. इसके तहत 2,640 दुग्ध समितियों का गठन किया गया है. इन समितियों के माध्यम से रोजाना एक लाख 53 हजार 500 दूध उत्पादकों द्वारा करीब दो लाख आठ हजार लीटर दूध उत्पादित किया जाता है. उत्तराखंड में दुग्ध उत्पादन धीरे-धीरे एक बड़े व्यवसाय का रूप लेता जा रहा है. जिससे पहाड़ के छोटे-छोटे काश्तकारों को स्वरोजगार भी उपलब्ध हो रहा है.

वर्ल्ड मिल्क डे पर स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- रानीखेत में कोरोना के 14 नए मामले आए सामने

राज्य गठन के बाद 2002 में पूरे प्रदेश में मात्र 1,01,855 लीटर दूध रोजाना उत्पादित हुआ करता था. जोकि 2020 में दोगुने से ज्यादा हुआ है. राज्य में दुग्ध व्यवसाय बढ़ते हुए अब सालाना कारोबार करीब 310 करोड़ रुपए तक हो गया है. दुग्ध व्यवसाय के मूल्यों की बात करें तो जहां 2011 में 17 रुपए लीटर दूध बाजार में उपभोक्ताओं को मिलता था, वहीं आज 40 रुपए लीटर दूध का बाजार मूल्य है. दूध क्षेत्र में सबसे ज्यादा तरक्की करने वाला नैनीताल जनपद और दूसरे स्थान पर ऊधम सिंह नगर है. नैनीताल दुग्ध उत्पादन सहकारी संघ के पास 593 दुग्ध समितियां हैं जहां रोजाना 95 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है.

उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन के निदेशक जीवन सिंह नगन्याल ने बताया कि श्वेत क्रांति के क्षेत्र में उत्तराखंड लगातार प्रगति की ओर जा रहा है. यहां हर साल दूध के उत्पादन में वृद्धि हो रही है. उत्तराखंड के लोगों को दूध क्रांति से जोड़ा जा रहा है, जिससे कि प्रदेश में दूध का उत्पादन ज्यादा से ज्यादा हो सके और प्रदेश को राजस्व के साथ-साथ लोगों को स्वरोजगार भी मिल सके.

हल्द्वानी: हर वर्ष एक जून को पूरे विश्व में वर्ल्ड मिल्क डे यानी विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. दुग्ध दिवस मनाने का मुख्य कारण दूध और दूध से बने उत्पादनों को बढ़ावा देना और लोगों तक इसका महत्व पहुंचाना है. 2001 से शुरू हुआ विश्व दुग्ध दिवस धीरे-धीरे व्यापक रूप लेता जा रहा है. उत्तराखंड अब दुग्ध क्रांति के क्षेत्र में प्रगति की ओर है.

बता दें कि, प्रदेश सरकार अब जल्द ही प्रवासियों को भी दूध क्रांति से जोड़ने जा रही है. इसके तहत अब प्रवासियों को भी लोन और सब्सिडी के माध्यम से डेयरी खोलने के लिए जागरूक किया जा रहा है. आइए जानते हैं प्रदेश के सबसे बड़े आंचल ब्रांड दूध से प्रदेश में कितना दूध का उत्पादन किया जाता है और कितने लोगों को इससे रोजगार मिला है.

पढ़ें- काशीपुर में फंसे नागालैंड के नौ युवक-युवतियों को भेजा गया घर

उत्तराखंड सरकार के दुग्ध विकास विभाग द्वारा प्रदेश में 11 दूध फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं. इसके तहत 2,640 दुग्ध समितियों का गठन किया गया है. इन समितियों के माध्यम से रोजाना एक लाख 53 हजार 500 दूध उत्पादकों द्वारा करीब दो लाख आठ हजार लीटर दूध उत्पादित किया जाता है. उत्तराखंड में दुग्ध उत्पादन धीरे-धीरे एक बड़े व्यवसाय का रूप लेता जा रहा है. जिससे पहाड़ के छोटे-छोटे काश्तकारों को स्वरोजगार भी उपलब्ध हो रहा है.

वर्ल्ड मिल्क डे पर स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- रानीखेत में कोरोना के 14 नए मामले आए सामने

राज्य गठन के बाद 2002 में पूरे प्रदेश में मात्र 1,01,855 लीटर दूध रोजाना उत्पादित हुआ करता था. जोकि 2020 में दोगुने से ज्यादा हुआ है. राज्य में दुग्ध व्यवसाय बढ़ते हुए अब सालाना कारोबार करीब 310 करोड़ रुपए तक हो गया है. दुग्ध व्यवसाय के मूल्यों की बात करें तो जहां 2011 में 17 रुपए लीटर दूध बाजार में उपभोक्ताओं को मिलता था, वहीं आज 40 रुपए लीटर दूध का बाजार मूल्य है. दूध क्षेत्र में सबसे ज्यादा तरक्की करने वाला नैनीताल जनपद और दूसरे स्थान पर ऊधम सिंह नगर है. नैनीताल दुग्ध उत्पादन सहकारी संघ के पास 593 दुग्ध समितियां हैं जहां रोजाना 95 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है.

उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन के निदेशक जीवन सिंह नगन्याल ने बताया कि श्वेत क्रांति के क्षेत्र में उत्तराखंड लगातार प्रगति की ओर जा रहा है. यहां हर साल दूध के उत्पादन में वृद्धि हो रही है. उत्तराखंड के लोगों को दूध क्रांति से जोड़ा जा रहा है, जिससे कि प्रदेश में दूध का उत्पादन ज्यादा से ज्यादा हो सके और प्रदेश को राजस्व के साथ-साथ लोगों को स्वरोजगार भी मिल सके.

Last Updated : Jun 17, 2020, 2:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.