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रुद्रपुर ब्लैकमेलिंग केस में HC ने SSP उधमसिंह नगर को किया तलब, सरकार से मांगा जवाब - Nainital High Court

रुद्रपुर ब्लैकमेलिंग केस (Rudrapur Blackmailing Cases) मामले में सुनवाई के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने सरकार के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई. मामले में कोर्ट ने उधम सिंह नगर एसएसपी को 27 सितंबर को पेश होने के आदेश दिए. साथ ही कोर्ट ने लॉ सचिव को भी निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले में बताए कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है.

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Published : Sep 13, 2022, 10:53 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने रुद्रपुर ब्लैकमेलिंग मामले (Rudrapur Blackmailing Cases) में सरकार के रवैये पर सख्त टिप्पणी करते हुए प्रदेश के लॉ सचिव से जवाब मांगा है. साथ ही कोर्ट ने उधम सिंह नगर एसएसपी को व्यक्तिगत रूप से 27 सितंबर को पेश होने को कहा है. कोर्ट ने लॉ सचिव को भी निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले में बताए कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है.

बता दें कि मामला ब्लैकमेलिंग के झूठे प्रकरण (false cases of blackmailing) से जुड़ा है. आरोप है कि रुद्रपुर के पहाड़गंज निवासी महबूब अली ने एक महिला के साथ मिलकर 2019 में 65 वर्षीय धर्मपाल को छेड़छाड़ के आरोप में फंसाने की साजिश रची और उनसे लाखों की रूपये की रकम ऐंठ ली.

पीड़ित ने इस मामले की शिकायत रुद्रपुर कोतवाली में दर्ज कराई थी. पुलिस ने आरोपी महबूब अली के खिलाफ धारा 384, 504, 506 व 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया और मामले की जांच सब इंस्पेक्टर मुकेश मिश्रा को सौंप दी. पीड़ित ने जांच अधिकारी को साक्ष्य के तौर पर इस प्रकरण से जुड़ी एक पेन ड्राइव भी सौंपी थी.

वहीं, मामले में आरोपी की ओर से 2021 में उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर (Bail petition filed in High Court) की गयी थी. आज इस प्रकरण की सुनवाई न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की अदालत में हुई. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जांच अधिकारी की ओर से जो जवाब दायर किया गया है, उसमें आरोपियों की पेन ड्राइव से जुड़े ऑडियो रिकार्डिंग के बारे में उल्लेख नहीं है.

ये भी पढ़ें: हरिद्वार जहरीली शराब केस में बड़ा एक्शन, जिला आबकारी अधिकारी मुख्यालय से अटैच

अदालत के संज्ञान में आया कि आरोपी कोरोना महामारी के चलते पेरोल पर था और अभी भी पेरोल पर ही है. इसके बाद कोर्ट ने सरकार से इस मामले में रिपोर्ट पेश करने को कहा. कोर्ट ने पूछा कि क्या पेरोल के मामले में किसी प्रकार का कोई आदेश है? सरकार की ओर से इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया गया.

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि 30 जून 2022, 14 जुलाई 2022, 15 जुलाई 2022 और 1 सितंबर 2022 को कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार की ओर से इस मामले में जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद कोर्ट ने सरकार के कामकाज पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार जमानत संबंधी मामलों के निस्तारण में कोर्ट का सहयोग नहीं कर रही है.

कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ‘सब चलता है’ के रवैये पर काम कर रही है, जो कानून राज के लिए बेहद खतरनाक है. कोर्ट ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी बेल संबंधी मामलों के जल्द निपटारे के निर्देश दिए हैं, लेकिन सरकार का रवैया इस मामले में बाधक है. सरकार को इसके लिए कोर्ट के समक्ष दस्तावेज व सामग्री प्रस्तुत करनी होगी.

कोर्ट ने उधम सिंह नगर के एसएसपी को पूरे मामले में विस्तृत जवाब पेश करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने एसएसपी को 27 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा. कोर्ट ने लॉ सचिव को भी निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले में बताए कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है और सरकार जवाब देने में क्यों असफल रही है.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने रुद्रपुर ब्लैकमेलिंग मामले (Rudrapur Blackmailing Cases) में सरकार के रवैये पर सख्त टिप्पणी करते हुए प्रदेश के लॉ सचिव से जवाब मांगा है. साथ ही कोर्ट ने उधम सिंह नगर एसएसपी को व्यक्तिगत रूप से 27 सितंबर को पेश होने को कहा है. कोर्ट ने लॉ सचिव को भी निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले में बताए कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है.

बता दें कि मामला ब्लैकमेलिंग के झूठे प्रकरण (false cases of blackmailing) से जुड़ा है. आरोप है कि रुद्रपुर के पहाड़गंज निवासी महबूब अली ने एक महिला के साथ मिलकर 2019 में 65 वर्षीय धर्मपाल को छेड़छाड़ के आरोप में फंसाने की साजिश रची और उनसे लाखों की रूपये की रकम ऐंठ ली.

पीड़ित ने इस मामले की शिकायत रुद्रपुर कोतवाली में दर्ज कराई थी. पुलिस ने आरोपी महबूब अली के खिलाफ धारा 384, 504, 506 व 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया और मामले की जांच सब इंस्पेक्टर मुकेश मिश्रा को सौंप दी. पीड़ित ने जांच अधिकारी को साक्ष्य के तौर पर इस प्रकरण से जुड़ी एक पेन ड्राइव भी सौंपी थी.

वहीं, मामले में आरोपी की ओर से 2021 में उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर (Bail petition filed in High Court) की गयी थी. आज इस प्रकरण की सुनवाई न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की अदालत में हुई. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जांच अधिकारी की ओर से जो जवाब दायर किया गया है, उसमें आरोपियों की पेन ड्राइव से जुड़े ऑडियो रिकार्डिंग के बारे में उल्लेख नहीं है.

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अदालत के संज्ञान में आया कि आरोपी कोरोना महामारी के चलते पेरोल पर था और अभी भी पेरोल पर ही है. इसके बाद कोर्ट ने सरकार से इस मामले में रिपोर्ट पेश करने को कहा. कोर्ट ने पूछा कि क्या पेरोल के मामले में किसी प्रकार का कोई आदेश है? सरकार की ओर से इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया गया.

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि 30 जून 2022, 14 जुलाई 2022, 15 जुलाई 2022 और 1 सितंबर 2022 को कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार की ओर से इस मामले में जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद कोर्ट ने सरकार के कामकाज पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार जमानत संबंधी मामलों के निस्तारण में कोर्ट का सहयोग नहीं कर रही है.

कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ‘सब चलता है’ के रवैये पर काम कर रही है, जो कानून राज के लिए बेहद खतरनाक है. कोर्ट ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी बेल संबंधी मामलों के जल्द निपटारे के निर्देश दिए हैं, लेकिन सरकार का रवैया इस मामले में बाधक है. सरकार को इसके लिए कोर्ट के समक्ष दस्तावेज व सामग्री प्रस्तुत करनी होगी.

कोर्ट ने उधम सिंह नगर के एसएसपी को पूरे मामले में विस्तृत जवाब पेश करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने एसएसपी को 27 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा. कोर्ट ने लॉ सचिव को भी निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले में बताए कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है और सरकार जवाब देने में क्यों असफल रही है.

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