नैनीताल: हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों को दी गई घटिया क्वालिटी की पीपीई किट के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व नैनीताल की सीएमओ को 21 अप्रैल तक अपना विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया व न्यायाधीश रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ ने सीएमओ नैनीताल व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से पूछा है कि स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए उनके पास क्या-क्या उपकरण है?
बता दें कि अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जनहित याचिका के जरिए उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड के डॉक्टरों के पास कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट व आधुनिक उपकरण नहीं है. सरकार द्वारा डॉक्टर्स को जो पीपीई किट मुहैया कराई गई है वह घटिया क्वालिटी की है, जिससे डॉक्टरों की जान पर खतरा मंडरा रहा है, लिहाजा डॉक्टरों को पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट व आधुनिक उपकरण दिए जाएं.
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वहीं, मामले में याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर कर कहा गया है कि घटिया श्रेणी के पीपीई किट सप्लाई करने वाले आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जाए. साथ ही चिकित्साकर्मियों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए.