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जसपुर में ठाकुर रघुनाथ मंदिर की भूमि बेचने का मामला, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी जांच रिपोर्ट

नैनीताल हाईकोर्ट ने जसपुर के ठाकुर रघुनाथ मंदिर की भूमि को बेचे जाने के मामले पर राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. मामला ठाकुर रघुनाथ मंदिर की 20 बीघा भूमि खुर्दबुर्द कर बेचने से जुड़ा है.

Nainital High Court Verdict
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Dec 21, 2022, 4:22 PM IST

नैनीतालः जसपुर स्थित ठाकुर रघुनाथ मंदिर की 20 बीघा भूमि को निष्कासित महंत रमेश दास और अन्य अधिकारियों की ओर से खुर्दबुर्द कर बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने निष्कासित मंदिर के महंत रमेश दास को पक्षकार बनाने को भी कहा है. मामले की अगली सुनवाई अब मार्च में होगी.

दरअसल, जसपुर निवासी मनेंद्र सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर (PIL in Nainital High Court) की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जसपुर में ठाकुर रघुनाथ का मंदिर साल 1860 में बनाया गया था. जिसे साल 1994 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया था. यह मंदिर 3 बीघा में बना हुआ है. इसके अलावा मंदिर की 20 बीघा भूमि (Raghunath Temple Land) भी है. इस 20 बीघा भूमि को मंदिर के निष्कासित महंत और प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से खुर्दबुर्द कर प्लॉटिंग तक बेचा जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर कब्जा कर बने 4,300 घर तोड़े जाएंगे, हाईकोर्ट का आदेश

ठाकुर रघुनाथ मंदिर (Thakur Raghunath Temple in Jaspur) के पूर्व महंत को साल 1994 में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हटा दिया था. इसके बाद भी उन्होंने मंदिर की जमीन पर कब्जा (Thakur Raghunath Temple Land Selling Case) कर रखा है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि मंदिर की जमीन पर काबिज अतिक्रमणकारियों को हटाने के साथ ही मंदिर की प्रॉपर्टी बेचने पर रोक लगाई जाए और सरकार एक कमेटी गठित कर मंदिर की देखरेख करें. याचिकाकर्ता का ये भी आरोप है कि दबंगों की ओर से उसे बार-बार डराया और धमकाया भी जा रहा है.

नैनीतालः जसपुर स्थित ठाकुर रघुनाथ मंदिर की 20 बीघा भूमि को निष्कासित महंत रमेश दास और अन्य अधिकारियों की ओर से खुर्दबुर्द कर बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने निष्कासित मंदिर के महंत रमेश दास को पक्षकार बनाने को भी कहा है. मामले की अगली सुनवाई अब मार्च में होगी.

दरअसल, जसपुर निवासी मनेंद्र सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर (PIL in Nainital High Court) की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जसपुर में ठाकुर रघुनाथ का मंदिर साल 1860 में बनाया गया था. जिसे साल 1994 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया था. यह मंदिर 3 बीघा में बना हुआ है. इसके अलावा मंदिर की 20 बीघा भूमि (Raghunath Temple Land) भी है. इस 20 बीघा भूमि को मंदिर के निष्कासित महंत और प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से खुर्दबुर्द कर प्लॉटिंग तक बेचा जा रहा है.
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ठाकुर रघुनाथ मंदिर (Thakur Raghunath Temple in Jaspur) के पूर्व महंत को साल 1994 में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हटा दिया था. इसके बाद भी उन्होंने मंदिर की जमीन पर कब्जा (Thakur Raghunath Temple Land Selling Case) कर रखा है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि मंदिर की जमीन पर काबिज अतिक्रमणकारियों को हटाने के साथ ही मंदिर की प्रॉपर्टी बेचने पर रोक लगाई जाए और सरकार एक कमेटी गठित कर मंदिर की देखरेख करें. याचिकाकर्ता का ये भी आरोप है कि दबंगों की ओर से उसे बार-बार डराया और धमकाया भी जा रहा है.

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