नैनीतालः जसपुर स्थित ठाकुर रघुनाथ मंदिर की 20 बीघा भूमि को निष्कासित महंत रमेश दास और अन्य अधिकारियों की ओर से खुर्दबुर्द कर बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने निष्कासित मंदिर के महंत रमेश दास को पक्षकार बनाने को भी कहा है. मामले की अगली सुनवाई अब मार्च में होगी.
दरअसल, जसपुर निवासी मनेंद्र सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर (PIL in Nainital High Court) की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जसपुर में ठाकुर रघुनाथ का मंदिर साल 1860 में बनाया गया था. जिसे साल 1994 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया था. यह मंदिर 3 बीघा में बना हुआ है. इसके अलावा मंदिर की 20 बीघा भूमि (Raghunath Temple Land) भी है. इस 20 बीघा भूमि को मंदिर के निष्कासित महंत और प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से खुर्दबुर्द कर प्लॉटिंग तक बेचा जा रहा है.
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ठाकुर रघुनाथ मंदिर (Thakur Raghunath Temple in Jaspur) के पूर्व महंत को साल 1994 में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हटा दिया था. इसके बाद भी उन्होंने मंदिर की जमीन पर कब्जा (Thakur Raghunath Temple Land Selling Case) कर रखा है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि मंदिर की जमीन पर काबिज अतिक्रमणकारियों को हटाने के साथ ही मंदिर की प्रॉपर्टी बेचने पर रोक लगाई जाए और सरकार एक कमेटी गठित कर मंदिर की देखरेख करें. याचिकाकर्ता का ये भी आरोप है कि दबंगों की ओर से उसे बार-बार डराया और धमकाया भी जा रहा है.