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स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम पर पेंशन में हो रही कटौती का हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - पेंशन में हो रही कटौती

उत्तराखंड में स्वास्थ्य बीमा योजना (health insurance plan) के नाम पर रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन से हो रही कटौती (pension deduction) के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) ने मुख्य सचिव और स्वाथ्य सचिव से जवाब मांगा है.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Jun 9, 2021, 7:07 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड में स्वास्थ्य बीमा योजना (health insurance plan) के नाम पर रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन से हो रही कटौती (pension deduction) का मामला नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) में पहुंच गया है. इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने मुख्य सचिव समेत स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

बता दें कि देहरादून निवासी रिटायर्ड कर्मचारी गणपत सिंह बिष्ट ने इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (public interest litigation) दायर की थी. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2020 को शासनादेश जारी कर रिटायर्ड होने वाले सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की पेंशन से स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए कटौती की जा रही है. इसके लिए उनसे सहमति भी नहीं मांगी गई.

पढ़ें- ब्लैक फंगस: केंद्र पर HC की तल्ख टिप्पणी, कहा- 2 करोड़ की आबादी पर 700 इंजेक्शन किसी मजाक से कम नहीं

याचिकाकर्ता गणपत का कहना है कि प्रदेश में अधिकांश लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पूर्व में ही स्वास्थ्य बीमा लिया है. ऐसे में उनकी पेंशन से कटौती किया जाना नियम विरुद्ध है. केंद्र सरकार की तरफ से भी वृद्ध लोगों के लिए कई अन्य स्वास्थ्य बीमा योजना पहले से चल रही हैं. ऐसे में राज्य सरकार उनकी पेंशन से जो कटौती कर रही है, वो असंवैधानिक है. क्योंकि पेंशन पर केवल कर्मचारी का अधिकार है.

बुधवार को मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव समेत स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: उत्तराखंड में स्वास्थ्य बीमा योजना (health insurance plan) के नाम पर रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन से हो रही कटौती (pension deduction) का मामला नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) में पहुंच गया है. इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने मुख्य सचिव समेत स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

बता दें कि देहरादून निवासी रिटायर्ड कर्मचारी गणपत सिंह बिष्ट ने इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (public interest litigation) दायर की थी. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2020 को शासनादेश जारी कर रिटायर्ड होने वाले सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की पेंशन से स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए कटौती की जा रही है. इसके लिए उनसे सहमति भी नहीं मांगी गई.

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याचिकाकर्ता गणपत का कहना है कि प्रदेश में अधिकांश लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पूर्व में ही स्वास्थ्य बीमा लिया है. ऐसे में उनकी पेंशन से कटौती किया जाना नियम विरुद्ध है. केंद्र सरकार की तरफ से भी वृद्ध लोगों के लिए कई अन्य स्वास्थ्य बीमा योजना पहले से चल रही हैं. ऐसे में राज्य सरकार उनकी पेंशन से जो कटौती कर रही है, वो असंवैधानिक है. क्योंकि पेंशन पर केवल कर्मचारी का अधिकार है.

बुधवार को मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव समेत स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

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